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जंग तो खुद ही एक मसला है, जंग मसलों का हल क्या देगी

सीरिया एक ऐसा देश जो आतंक और अनियंत्रित राजनीति के कारण बर्बादी के मुहाने पर खड़ा है. अबू बकर अल बगदादी और उसकी आईएसआईएस ने इस देश को तबाह करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है बाकी कसर आतंकियों को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमलें हैं. इस वजह से सीरिया में लाखों लोग भूखे मरने की कगार पर हैं. भूखे लोग घास और अपने पालतू जानवर तक खा रहे हैं.

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सीरिया में लाखों लोग भूखमरी की हालत में हैं
सीरिया में लाखों लोग भूखमरी की हालत में हैं

सीरिया एक ऐसा देश जो आतंक और अनियंत्रित राजनीति के कारण बर्बादी के मुहाने पर खड़ा है. अबू बकर अल बगदादी और उसकी आईएसआईएस ने इस देश को तबाह करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है बाकी कसर आतंकियों को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमलें हैं. इस वजह से सीरिया में लाखों लोग भूखे मरने की कगार पर हैं. भूखे लोग घास और अपने पालतू जानवर तक खा रहे हैं.

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सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद सालों से सीरिया की गद्दी पर अपनी पकड़ बनाने में लगे हैं. अपनी उसी हुकूमत को बचाने के लिए इन्होंने सीरिया को गृह युद्ध में झोंक रखा है. इसके अलावा लेबनानी हिजबुल्ला गुट के लोग सीरिया में राष्ट्रपति की हुकूमत उखाड़ कर अपना राज कायम करना चाहते हैं. इनके अलावा सीरिया का सबसे बड़ा सरदर्द बगदादी तो हैं ही. सीरिया पर हुकूमत को लेकर इन्हीं तीन लोगों की वजह से मुल्क के हजारों बच्चे घास और गत्ते खा कर किसी तरह खुद को जिंदा रखे हुए हैं. वैसे भूख से कितने मर गए ये तो पता लगाने वाले भी नहीं हैं.

दरअसल सीरिया के शहर इदलीब और मडाया के अलावा 15 इलाके ऐसे हैं जिन्हें या तो राष्ट्रपति बशर अल असद की फौज, आईएसआईएस या फिर विद्रोही हिजबुल्ला गुट ने घेर रखा है. इन इलाकों में लगभग चार लाख लोग फंसे हैं. इन लोगों को न तो इलाके के बाहर निकलने की इजाजत है और ना ही किसी को बाहर से आने की. लिहाजा जिंदा रहने के लिए तमाम जरूरी चीजें जिनमें खाना, पानी दवाइयां शामिल हैं सभी इन लोगों से दूर हो गए हैं. सीरिया में जंग से करीब चार लाख लोग पिस गए. ना तो उनके पास खाना है ना पानी ना दवाएं. अब तक भूख और बीमारी से 23 लोगों की मौत हो चुकी है और आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है.

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