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इस मासूम की मदद कीजिए!

गुरुवार 3 सितंबर को वारदात टीम को एक महिला का फोन आया कि जय सिंह रोड़ पर फुटपाथ पर रहने वाली महिला के पास एक लावारिस बच्चा है. हमारे रिपोर्टर नितिन जैन को लगा कि हो ना हो ये मामला बच्चों को चोरी करने वाले किसी गिरोह से जुड़ा है. लिहाज़ा हमारी टीम फौरन उस महिला से मिलने के लिए वहां पहुंच गई.

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इस मासूम की मदद कीजिए!
इस मासूम की मदद कीजिए!

गुरुवार 3 सितंबर को वारदात टीम को एक महिला का फोन आया कि जय सिंह रोड़ पर फुटपाथ पर रहने वाली महिला के पास एक लावारिस बच्चा है. हमारे रिपोर्टर नितिन जैन को लगा कि हो ना हो ये मामला बच्चों को चोरी करने वाले किसी गिरोह से जुड़ा है. लिहाज़ा हमारी टीम फौरन उस महिला से मिलने के लिए वहां पहुंच गई.

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दरअसल गुरुवार को इसी फुटपाथ से गुजरने वाली कांता की नज़र इस बच्चे पर पड़ी तो उस मासूम की हालत देख कर उनके कदम खुद-ब-खुद रुक गए और जब उन्होंने इस बच्चे को नज़दीक जाकर देखा तो उसकी की हालत देख कर उनकी रुह कांप गई. बच्चे के हाथ, पैरों पर जगह-जगह बीड़ी-सिगरेट से दागे जाने के निशान थे. इतना ही नहीं किसी ने उसके चेहरे को भी काटने की कोशिश की है.

जब ये बात हमारी टीम को पता चली तो हमने इस मासूम को उसके माता-पिता से मिलवाने को कोशिश करनी शुरु की. फुटपाथ पर पुलिस की तमाम जद्दोजहद से निजात पाने के बाद हम उस मासूम को लेकर पहले थाने पहुंचे और फिर वहां आला अधिकारियों के निर्देश के बाद बच्चे को मेडिकल के लिए अस्पताल ले गए. लेकिन इस पूरी कवायद में हमें पांच से छह घंटे लग बच्चे का मेडिकल करवाने के बाद चाइल्ड हेल्पलाइन के साथ मिलकर उस बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर सेंटर के आदेश पर एक एनजीओ के हवाले कर दिया गया.

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फिलहाल सवाल यही है कि आखिर इस मासूम के मां-बाप कौन हैं. वो इस वक्त हैं कहां. और आखिर ये मासूम इल हालत में कैसे पहुंचा. इस मासूम की कहानी देख कर तो यही लगता है कि इस बच्चे को किसी बच्चा चुराने वाले गिरोह का शिकार हो गया. लेकिन इस मासूम की कहानी दिखाने का हमारा सिर्फ और सिर्फ एक ही मकसद है कि आप में से इस मासूम को कोई पहचान ले और इसे इसके असली मां-बाप तक पहुंचा दे.

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