फोरेंसिक रिपोर्टों के लंबित रहने की वजह से व्यापम घोटाले में सीबीआई को मध्यप्रदेश की विशेष अदालत में अंतिम रिपेार्ट दाखिल करने में देर हो रही है. सीबीआई सूत्रों के अनुसार एजेंसी को दस्तावेज विश्लेषण, फिंगर प्रिंट और डिजिटल फूटप्रिंट समेत विभिन्न विषयों के संदर्भ में सीएफएसएल की मदद की जरूरत है, लेकिन ये रिपोर्ट अबतक सीबीआई को मिली नहीं है.
सीबीआई ने हाल ही में इस संदर्भ में सीएफएसएल को स्मरणपत्र भेजा है. जांच एजेंसी ने इस घोटाले के सिलसिले में 153 प्राथमिकियां दर्ज की हैं, लेकिन उनमें से किसी की भी अंतिम रिपोर्ट नहीं दाखिल की है. जांच काफी हद तक फोरेंसिक रिपोर्ट पर निर्भर है. इसलिए सीबीआई सीएफएसएल की रिपोर्ट के बगैर अपनी जांच में आगे नहीं बढ़ सकती है.
इसके अलावा यह घोटाला पूरे देश में फैला है, ऐसे में इसकी व्यापकता इस जांच एजेंसी के लिए चुनौती भी है. जांच एजेंसी ने इस मामले में पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और मध्यप्रदेश के राज्यपाल के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी धनराज यादव से हाल ही में पूछताछ की थी. सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर जांच अपने हाथों में ली थी.
बताते चलें कि सीबीआई ने 15 जुलाई, 2015 को प्राथमिकयों का पहला सेट दर्ज किया था. आरोप है कि मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड के अधिकारियों ने धन के लिए चुने हुए उम्मीदवारों के पक्ष में परीक्षाओं में गड़बड़ी करने के लिए साठगांठ की थी. कांग्रेस के अनुसार इस व्यापक प्रवेश एवं भर्ती घोटाले से संबद्ध 49 लोग रहस्यमय ढंग से मर चुके हैं.