ईडी ने कोयला तस्करी मामले में पश्चिम बंगाल में तैनात आठ आईपीएस अधिकारियों को दिल्ली तलब किया है. ईडी के मुताबिक उसके पास इन आईपीएस अधिकारियों के कोयला तस्करी मामले में लिप्त होने के सबूत हैं. ये सभी उन इलाकों में तैनात थे जहां तस्करी हुई.
इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने आईपीएस अधिकारी ज्ञानवंत को 22 अगस्त, कोटेश्वर राय को 23 अगस्त, श्याम सिंह को 24 अगस्त, सेल्वा मुरुगन को 25 अगस्त, राजीव मिश्रा को 26 अगस्त, सुकेश जैन को 29 अगस्त, तथागत बसु को 30 अगस्त और भास्कर मुखर्जी को 31 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है.
204 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क
पिछले महीने ईडी ने कोयला तस्करी मामले में मुख्य आरोपी, व्यवसायी अनूप माजी और इनके सहयोगियों की 23 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. इससे पहले इस मामले में ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनूप माजी और अन्य संबंधित व्यक्तियों के 5 कुर्की आदेशों के तहत 56 परिसरों की तलाशी कर 181.24 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी.
इस मामले में सीबीआई ने तीन आरोपियों विकास मिश्रा, अशोक कुमार मिश्रा और गुरुपद माजी को गिरफ्तार किया था.पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से जुड़े कई शीर्ष राजनेता भी इस मामले में ईडी की जांच के घेरे में हैं.
अभिषेक, रुजिरा से हो चुकी है पूछताछ
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से कोयला तस्करी मामले में ईडी पूछताछ कर चुकी है. इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने कोयला तस्करी के मामले में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और पत्नी रुजिरा बनर्जी से पूछताछ के लिए ईडी को अनुमति दी थी. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने अभिषेक बनर्जी और रुजिरा से पूछताछ भी कर चुकी है.
1300 करोड़ की लेन-देन की आशंका
जांच में आसनसोल के निकट कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाके में ईस्टर्न कोल फील्ड्स, दुर्गापुर, पुरुलिया, बांकुरा की कोयला खदानों से तस्करी की बात सामने आई थी. आरोप है कि यहां से अवैध खनन करके कोयला निकालकर उसका अवैध व्यापार किया गया.
इस तस्करी का सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला को बताया गया है. इसमें 1,300 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की बात कही गई थी. सीबीआइ ने 27 नवंबर, 2020 को ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के कई अफसरों और कर्मचारियों के साथ ही अनूप माजी उर्फ लाला, सीआईएसएफ और रेलवे के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था.
आरोप लगाया गया था कि ईसीएल, सीआईएसएफ, भारतीय रेलवे और संबंधित अन्य विभागों के अधिकारियों की सक्रिय मिलीभगत से ईसीएल के लीजहोल्ड क्षेत्र से कोयले की चोरी की गई.
इस मामले का दूसरा आरोपी विनय मिश्रा है. विजय मिश्रा पर अभिषेक बनर्जी के करीबी होने का आरोप है. इसके अलावा जांच में खुलासा हुआ है कि हवाला के जरिए इन प्रभावशाली लोगों के विदेशी बैंक खातों में पैसा जमा कराया गया था.