सीरियल किलर उदयन दास को मंगलवार को सोमवार रात को कड़ी सुरक्षा में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से वेस्ट बंगाल के बांकुरा लाया गया. उदयन को मंगलवार को बांकुरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 8 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया. भोपाल के रहने वाले दास पर आरोप है कि उसने अपने माता-पिता और गर्लफ्रेंड को मौत के घाट उतार कर उन्हें जमीन में दफना दिया था.
किलर उदयन दास की गर्लफ्रेंड आकांक्षा बांकुरा की ही रहने वाली थी. आकांक्षा के परिवार समेत बांकुरा के लोगों में दास के खिलाफ आक्रोश को देखते हुए सुरक्षा का भारी इंतजाम किया गया था. भीड़ की वजह से पुलिस को दास के साथ 10 मीटर की दूरी भी वाहन से तय करनी पड़ रही थी. भीड़ में से किसी ने दास पर पत्थर भी मारा जो वाहन पर लगा. इसके बाद उसकी सुरक्षा और पुख्ता कर दी गई.
बांकुरा पुलिस स्टेशन से कोर्ट ले जाने के लिए जब दास को जीप पर बिठाया जा रहा था तो उसके चेहरे पर तनाव का नामोनिशान तक नहीं था. पुलिस जांच कर रही है कि दास ने किस तरह तीन हत्याओं को अंजाम दिया और उसके पीछे असली मकसद क्या था. पुलिस ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दास ने कहीं कुछ और हत्याओं को तो अंजाम नहीं दिया. उससे लगातार पूछताछ हो रही है.
बताया जा रहा है कि बांकुरा की रहने वाली आकांक्षा से दास की पहचान फेसबुक के जरिए हुई थी. आकांक्षा के पिता शिवेंद्र कुमार शर्मा ने बेटी के लापता होने की शिकायत पुलिस से की थी. पुलिस ने आकांक्षा के मोबाइल नंबर को ट्रैक करना शुरू किया तो आकांक्षा के दिल्ली से भोपाल जाने का पता चला. आकांक्षा के पिता और भाई के मुताबिक जब वो भोपाल पहुंचे तो स्थानीय पुलिस से उन्हें सहयोग नहीं मिला.
इसके बाद वे लोग उदयन दास के घर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद था. बहुत खटखटाने पर भी अंदर से कोई जवाब नहीं मिला. फिर बांकुरा पुलिस पूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भोपाल पहुंची और स्थानीय पुलिस को साथ लेकर दास के घर छापा मारा. दास से आकांक्षा के बारे में कड़ी पूछताछ की गई तो उसने उसकी हत्या करना कबूल कर लिया. पुलिस ने आकांक्षा का ब्लैकबेरी फोन भी बरामद कर लिया.
इसी फोन के जरिए उदयन दास आकांक्षा के परिवार से बात करता था. दास उनसे यही जताने की कोशिश करता था कि आकांक्षा जीवित है. बांकुरा की रहने वाली आकांक्षा 2007 से दास के संपर्क में आई थी. दोनों सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए एक-दूसरे से जुड़े थे. आकांक्षा ने जयपुर से एमएससी की पढ़ाई की थी. उसके बाद दिल्ली में रहने लगी. इस दौरान दोनों फेसबुक और फोन के जरिए जुड़े रहे.
उदयन ने आकांक्षा को बताया था कि वह अमेरिका में रहता है. घरवालों से मिलने के लिए भोपाल आया करता है. वहीं, आकांक्षा उससे मिलने फ्लाइट से भोपाल जाती थी. दास की हकीकत आकांक्षा को पता चली, तो दोनों में झगड़ा हुआ था. आकांक्षा के सामने जब दास की पोल खुल गई, तो वह उससे दूर रहने लगी. दास को ये खटकने लगा. उसको लगता था कि आकांक्षा किसी से फोन पर बात करती थी.
इस बात पर 14 जुलाई. 2016 को दोनों में बहस हुई. इसके बाद दास ने उसे मारने का प्लान बना लिया. आरोप है कि दास ने तकिए से मुंह दबाकर आकांक्षा की हत्या कर दी. उसकी लाश को घर में ही दफन कर दिया. उस पर 2011 में माता-पिता की हत्या करने का भी आरोप है. उनकी लाशें भी घर के गार्डन में ही दफना दी गई थी. खुदाई के दौरान आकांक्षा और उसके मां-बाप के कंकाल बरामद हुए.