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क्या है आसाराम की दूसरी बीवी का सच

वानप्रस्थ की उम्र में बलात्कार का इल्ज़ाम झेल रहे आसाराम की ज़ाती ज़िंदगी में एक नया भूचाल आया है और ये भूचाल है आसाराम की दूसरी बीवी की शक्ल में. जी हां, जेल में बंद आसाराम के हक़ में खुल कर सामने आई एक महिला ने दावा किया है कि वही आसाराम की असली बीवी है और आसाराम के उसका संबंध कोई जिस्मानी नहीं, बल्कि रूहानी है. कमाल की बात ये है कि खुद को आसाराम की बीवी बताने वाली इस महिला का भरा-पूरा परिवार है.

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आसाराम की पत्नी होने का दावा करने वाली महिला
आसाराम की पत्नी होने का दावा करने वाली महिला

वानप्रस्थ की उम्र में बलात्कार का इल्ज़ाम झेल रहे आसाराम की ज़ाती ज़िंदगी में एक नया भूचाल आया है और ये भूचाल है आसाराम की दूसरी बीवी की शक्ल में. जी हां, जेल में बंद आसाराम के हक़ में खुल कर सामने आई एक महिला ने दावा किया है कि वही आसाराम की असली बीवी है और आसाराम के उसका संबंध कोई जिस्मानी नहीं, बल्कि रूहानी है. कमाल की बात ये है कि खुद को आसाराम की बीवी बताने वाली इस महिला का भरा-पूरा परिवार है.

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आसाराम का जो नया सच अब ज़माने के सामने आया है वो उसके पूरे कुनबे के लिए किसी भूचाल से कम नहीं क्योंकि अब दुनिया के सामने आ गई है आसाराम की दूसरी पत्नी होने का दावा करने वाली माणक देवी.जी हां, एक ऐसी पत्नी, जो खुद को ना तो आम इंसान मानती हैं और ना ही दूसरी पत्नियों की तरह. बल्कि माणक देवी का तो कहना है कि वो आसाराम की ऐसी पत्नी हैं, जो इंसान रूप में नहीं, बल्कि भगवान के रूप में हैं.

बलात्कार के इल्ज़ाम में जेल में बंद 72 साल के आसाराम का वक़्त पहले ही अच्छा नहीं गुज़र रहा. ज़मानत की आस में कोर्ट-कचहरियों के चक्कर लगाते-लगाते उनकी सांसें फूल रही हैं. ज़मानत की अर्ज़ी देते-देते अब वकील भी हलकान हो रहे हैं और ऐसे में माणक देवी का ये नया पत्नी अवतार आसाराम के लिए किसी झटके से कम नहीं और शायद यही वजह है कि एक तरफ़ तो माणक देवी खुद को आसाराम की रूहानी जीवनसाथी बता रही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ़ आसाराम उसे मानसिक रोगी.

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आसाराम को जेल गए अब एक लंबा वक़्त गुज़र चुका है. वो लगातार ज़मानत की अर्ज़ियां भी देता रहा है लेकिन आसाराम के लिए अदालत का दिल अब तक नहीं पसीजा. मगर, इसी बीच जोधपुर कोर्ट में प्रकट हुई माणक देवी अपने इस प्राणनाथ के लिए जो प्यार उढ़ेल रही है, वो देखते ही बनता है. वो कहती हैं कि आसाराम से उनका नाता आज का नहीं बल्कि बरसों का है और ये रिश्ता कोई ढंका-छुपा या गढ़ा-बुना नहीं, बल्कि सालों से ज़माने के सामने है. कोई साढ़े पांच साल पहले जब उनके भाइयों ने आसाराम से उनकी शादी करवाई थी, तो लाखों रुपए खर्च कर उन्होंने हज़ारों लोगों को शादी की दावत भी दी थी.

लेकिन इन तमाम बातों के बीच जो बात सबसे अहम है, वो ये है कि अगर माणक देवी ही आसाराम की पत्नी हैं, तो फिर आसाराम की पहली पत्नी लक्ष्मी देवी कौन है? ज़ाहिर है, आसाराम को जेल जाने के करीब साढ़े पांच महीने के बाद माणक देवी के प्रकट होने पर हमने खुद माणक देवी से ही ये सवाल पूछ लिया और उन्होंने जो जवाब दिया, वो भी कम चौंकानेवाला नहीं था. माणक का कहना था कि लक्ष्मी उनकी पत्नी तो है ही नहीं क्योंकि ना तो आसाराम आम इंसान हैं और ना ही लक्ष्मी देवी. आसाराम तो भगवान का अवतार है और लक्ष्मी से उसके वैसे रिश्ते नहीं हैं, जैसे आम इंसानों में होते हैं.

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ज़ाहिर है, माणक देवी की बातों में कई पेंच हैं और बलात्कार के इल्ज़ाम में फंसा आसाराम अब नए सिरे से इन पेचों में फंसने लगा है.

पहली बार जब माणक ने भी अपने घरवालों से आसाराम से अपनी शादी हो जाने की बात बताई, तो घरवालों की भी हैरानी का कोई पारावार नहीं रहा. लेकिन वक़्त के साथ उन्हें ये बात समझ में आ गई कि माणक पर अब आसाराम का असर सिर चढ़ कर बोल रहा है.

माणक देवी की ज़िंदगी पहले ऐसी नहीं थी. अपने भरे-पूरे परिवार के साथ उनकी ज़िंदगी भी सही चल रही थी. माणक को शादी के बाद तीन बच्चे भी हुए लेकिन इसी बीच माणक की ज़िंदगी एक रोज़ ऐसी बदली कि जिसने पूरे परिवार की तकदीर ही बदल कर रख दी.

आज से कोई 15 साल पहले माणक देवी एक बार आसाराम के आश्रम में गई थीं और बस इसी रोज़ वो आसाराम की असर में ऐसे आईं कि फिर कभी उससे बाहर ही नहीं आ सकीं. पहले-पहल तो उनके इन दावों पर घरवालों ने उन्हें समझाने-बुझाने की कोशिश की और मामला शांत होता रहा लेकिन धीरे-धीरे हालत ये हो गई कि वो एक बार आश्रम जातीं, तो फिर लौट कर घर आने का नाम ही नहीं लेती और तो और जब तक खुद आसाराम उसे आश्रम में घर लौटने का हुक्म नहीं देता, तब तक माणक आसाराम का आश्रम नहीं छोड़ती. अब इसे आप आसाराम के सम्मोहन का असर कहें, काला जादू या फिर कुछ और माणक देवी के लिए तो ये आश्रम ही उनके पति का घर और उनका ठिकाना था.

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घरवालों की माने तो माणक देवी पर आसाराम का असर आज से नहीं सालों से है. उनका कहना है कि एक बार तो माणक देवी घर से लाखों रुपए की ज़ेवरात लेकर आसाराम के आश्रम चली गईं इसके बाद वो तो वापस लौट आईं लेकिन ज़ेवरात दोबारा नहीं मिले. इस बार भी जब आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर जेल ले जाया गया, माणक उनकी मिज़ाजपुर्सी के लिए जेल के बाहर चली गई थीं और इसी भागदौड़ में अपनी टांग भी तुड़वा बैठी. इसके बाद आसाराम और आश्रम के लोगों ने तो उसे नहीं पूछा, अलबत्ता घर के लोग माणक की सेवा ज़रूर करते रहे.

हालत ये है कि माणक का आसाराम से ठीक कैसा रिश्ता है, अब ये खुद उनके घरवालों का भी समझ में नहीं आ रहा है. लेकिन माणक की मानें आसाराम से उनका रिश्ता कुछ वैसा है, जैसे भगवान शिव से पार्वती का और जैसे नारायण से लक्ष्मी जी का.

वैसे तो माणक देवी खुद को आसाराम की पत्नी काफी दिनों से बताती रही हैं लेकिन अब जिस तरह ने उन्होंने खुलेआम आसाराम से इस रिश्ते का ऐलान किया है, वो खुद उनके घरवालों से लेकर आसाराम के कुनबे तक सबको चौंका गया है.

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