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गुनहगार कौन है? यूक्रेन, यूक्रेन का बगी गुट या फिर रूस?

जमीन से 33 हजार फीट ऊपर आसमान में 295 मुसाफिर और क्रू मेंबर्स को लेकर मलेशियाई एयरलाइंस का विमान एमएच 17 बेफिक्र उड़ा जा रहा था. ऊंचाई, रफ्तार और मौसम सब कुछ ठीक था कि तभी 33 हजार फीट नीचे जमीन पर बैठे कुछ लोगों की नजर उस विमान पर पड़ती है. इसके बाद वो अचानक एक मिसाइल का रुख विमान की तरफ करते हैं और मिसाइल दाग देते हैं और इसके साथ ही 295 मुसाफिरों पर आसमान टूट पड़ता है.

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जमीन से 33 हजार फीट ऊपर आसमान में 295 मुसाफिर और क्रू मेंबर्स को लेकर मलेशियाई एयरलाइंस का विमान एमएच 17 बेफिक्र उड़ा जा रहा था. ऊंचाई, रफ्तार और मौसम सब कुछ ठीक था कि तभी 33 हजार फीट नीचे जमीन पर बैठे कुछ लोगों की नजर उस विमान पर पड़ती है. इसके बाद वो अचानक एक मिसाइल का रुख विमान की तरफ करते हैं और मिसाइल दाग देते हैं और इसके साथ ही 295 मुसाफिरों पर आसमान टूट पड़ता है.

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दुनिया के सबसे व्‍यस्‍त एयरपोर्ट में से एक नीदरलैंड का शिफॉल एयरपोर्ट. एयरपोर्ट के रनवे नंबर तीन से मलेशियाई एयरलाइंस का बोइंग 777 एमएच 17 उड़ान भरने को पूरी रह से तैयार था. इस विमान को एम्सटर्डम से कवालालंपुर तक जना था. विमान में 15 क्रू मेंबर्स समेत कुल 295 मुसाफिर सवार थे. इनमें 80 तो अकेले बच्चे थे. सभी की मंजिल मलेशिया की राजधानी कवालालंपुर थी. लगभग 18 घंटे की उड़ान के बाद विमान को अगले दिन सुबह छह बजे कवलालंपुर पहुंचना था.

एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी से सिगनल मिलते ही विमान तय वक्त पर रनवे छोड़ देता है. इसके बाद अगले कुछ ही मिनट में विमान करीब 35 हजार की निर्धारित ऊंचाई पर पहुंच जाता है. मौसम साफ था और विमान अब तेजी से अपनी मंजिल की तरफ उड़ा रहा था. अगले कुछ घंटों में विमान करीब 35 हजार फीट की ऊंचाई और आठ सौ कलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जर्मनी और पोलेंड की आसमानी सरहदों को पार कर चुका था. इसके बाद सफर के पांचवें घंटे में ये विमान यूक्रेन के ऊपर से उड़ान भर रहा होता है.

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यूक्रेन मे विरोधियों और सरकार के बीच पिछले काफी समय से जंग जैसे हालात हैं और इस जंग में एक पक्ष बना हुआ रूस, लिहाज़ा यूक्रेन के आसपास लगातार जंगी महौल ही बना हुआ है.यूक्रेन की हवाई सीमा में दाखिल होने तक अब भी सब कुछ ठीक था. विमान तय वक्त और सही रफ्तार पर तेजी से अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रही थी. मगर वमान जैसे ही यूक्रेन और रूस की हवाई सीमा के तबीच पहुंचता है अचानक जमीन से गाइडेड एक मिसाइल 33 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे विमान को अपना निशाना बना लेता है. मसाइल जैसे ही विमान से टकराता है पूरा विमान आग के गोले में तब्दील हो जाता है.

मिसाइल ने हवा में ही विमान के चीथड़े उड़ा दिए थे. इसके बाद लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में विमान उसका मलबा और विमान मे सवार 295 मसाफिरो क लाशें 33 हजार फीट की ऊंचाई से गिरते हुए नीचे जमीन पर बिखर जाती हैं. उधर, जैसे ही मिसाइल विमान से टकाराता है एकझटके में एयर ट्रैफिक कंट्रोल से विमान का संपर्क टूट जाता है. हमले से ऐन पहले तक विमान यूक्रेन एटीसी के संपर्क में था. अचानक एटीसी संपर्क टूटते ही हर तरफ हड़कंप मच जाता है. चार महीने की वो डरावनी यादें अचानक फिर से ताजा हो जाती हैं. चार महीने पहले इसी मलेशिया एय़रलाइंस का ऐसा ही एक विमान एटीसी से संपर्क टूट जाने के बाद लापता हो गया था. आज चार महीने बाद भी उस विमान का मलबा नहीं मिला है. उस विमान में भी 200 से ज्यादा मुसाफिर सवार थे.

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मगर इस विमान के साथ ये रहस्य ज्यादा देर तक छुपा नहीं रह सका, क्योंकि एटीसी से संपर्क टूटने के आधे घंटे के अंदर ही विमान का मलबा और उसकी खबर दोनों सामने आ गई थी. बस सामने आना अब कुछ बाकी था तो वो ये कि आखिर 295 बेगुनाह मुसाफिरों को 33 हजार फीट की ऊंचाई पर मार गिराने वाले कौन लोग थे? क्यों, उन्होंने एक मुसाफिर विमान को मिसाइल से निशाना बनाया? तो ये सच जब सामने आया तो वो और भी चौंकाने वाला था.

यूक्रेन की सिक्योरिटी एजेंसी ने एक फोन कॉल की रिकॉर्डिंग जारी करके इस सच को बेनकाब कर दिया है कि विमान किसी हादसे का शिकार नहीं हुआ है बल्कि उसे मिसाइल से ही मार गिराया गय है. इस रिकार्डिंग में रूसी खुफिया एजेंसी और यूक्रेन के विद्रोही नेता के बीच बातचीत दर्ज है. मिसाइल अटैक के तीस मिनट बाद की उस बातचीत में विद्रोहियों ने माना है कि गलती से पैसेंजर विमान को उन्होंने उड़ा दिया.

यूक्रेन सरकार का कहना है कि ये हमला दरअसल इन आतंकवादियों ने बीयूके लांचर से दागे गए एक मिसाइल से किया है, जिसने इस हवाई जहाज को 33 हजार फीट की ऊंचाई पर अपना निशाना बनाया. यूक्रेन की सिक्य़ोरिटी एजेंसी ने बाद में एक और फोन कॉल की भी रिकार्डिंग जारी की. इस इंटरसेप्ट में दो आतंकवादी बाकायदा एक-दूसरे से बातचीत के दौरान पैसेंजर प्लेन मार गिराने की बात कुबूल कर रहे थे. ये बातचीत मेजर और ग्रीक नाम के दो अलगाववादियों के दरम्यान हादसे के ठीक 40 मिनट बाद हुई थी.

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हालांकि दूसरी तरफ यूक्रेन के अलगवावादी गुट का कहना है कि ये हमला उसने नहीं किया, क्योंकि उनके पास ऐसा मिसाइल है ही नहीं, लेकिन एक खबर ये भी है कि चंद रोज पहले ही कुछ पत्रकारों ने अलगवावादियों के पास बीयूके लांचर होने की बात का खुलासा किया था. आपको बता दें कि अब से ठीक 26 साल पहले 3 जुलाई 1988 को अमेरिका ने भी एक मुसाफिर विमान को मिसाइल से मार गिराया था. वो विमान ईरान का था. उस विमान में भी 290 मुसाफिर सवार थे. तब अमेरिका को भी यही लगा था कि वो कोई जंगी जहाज़ है. बस इसी गलतफहमी में उसने मिसाइल का मुंह उस विमान की तरफ कर दिया था.

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