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आखिर किसने रची अबू सलेम पर हमले की साजिश?

अंडरवर्ल्ड में कोहराम मच गया है. मुंबई को गरम किया जा रहा है. गैंगवार की कहानियां सुनाई जा रही हैं. यह सब कुछ हो रहा है एक 'भाई' पर हुए हमले के चलते...

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गैंगवार
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अंडरवर्ल्ड में कोहराम मच गया है. मुंबई को गरम किया जा रहा है. गैंगवार की कहानियां सुनाई जा रही हैं. यह सब कुछ हो रहा है एक 'भाई' पर हुए हमले के चलते...

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नवी मुंबई की जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम पर जेल के अंदर गोलियां चलाई गईं. सलेम को दो गोली मारी गई, पर गोली उसकी उंगली में लगी और वह बच गया. हालांकि इस शूटआउट के बाद डी-कंपनी की तरफ से छोटा शकील ने दावा किया है कि सलेम पर कातिलाना हमला उसी ने कराया है. लेकिन पुलिस इस पहलू से भी मामले की जांच कर रही है कि सज़ा से बचने के लिए कहीं यह हमला खुद अबू सलेम ने ही तो अपने ऊपर नहीं कराया?

मुंबई में गुरुवार की रात जब अंडरवर्ल्ड के टारगेट पर एक चेहरा आया, तो अंडरवर्ल्ड के गलियारों में एक बार फिर बेचैनी बढ़ गई. ये चेहरा दाऊद का नहीं, दाऊद के भाई इक़बाल का भी नहीं, दाऊद के दुश्मन छोटा राजन का भी नहीं था, बल्कि दाऊद और छोटा राजन दोनों के जानी दुश्मन अबू सलेम का था. लिहाजा इस टारगेट पर निशाना साधते ही अंडरवर्ल्ड में एक बार खलबली मच गई है.

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निशाने पर भले ही सिर्फ अबू सलेम था, लेकिन दांव पर पूरा अंड़रवर्ल्ड. आखिर क्या है इस हमले के पीछे की हकीकत? क्यों है अबू सलेम की जान खतरे में? कौन है जो करना चाहता है मुंबई को फिर से गरम? क्या हमले के पीछे है डी-कंपनी? छोटा राजन लेना चाहता है अबू सलेम से बदला या खुद सलेम ने रची है अपने ही ऊपर हमले की साज़िश?

भरत नेपाली गैंग का शूटर देवेंद्र जगताप उर्फ जेडी इसी जेल में बंद था. उस पर एक वकील के कत्ल का इल्‍जाम है. मंगलवार को इसी कत्ल के केस के सिलसिले में जेडी पेशी पर कोर्ट गया हुआ था. जेडी से कोर्ट में मुलाकात के लिए उसकी बीवी और तीन साथी आए थे. जेडी के वकील को छोड़कर बस यही चार लोग उससे कोर्ट में आखिरी बार मिले थे. पेशी के बाद जेडी करीब पौने आठ बजे वापस तालोजा जेल के अपने जेनरल बैरक में लौट आय़ा था.

जेल में एंट्री की कवायद पूरी करने जामा तलाशी के बाद जेडी सवा आठ बजे अपने बैरक में पहुंचता है. उसके बैरक के साथ ही अबू सलेम बंद था. उस वक्त सलेम बैरक में बैठा हुआ था. सलेम और डेजी के बीच बैरक में एक कार्डबोर्ड था और कुछ पुराने अखबार पड़े थे. ठीक उसी वक्त जेडी ने अचानक रिवाल्वर निकाल लिया. उसने अबू सलेम का निशाना लेकर दो गोलियां चलाईं. पहली गोली निशाना चूक गई, तब तक सलेम अलर्ट हो चुका था. लिहाज़ा दूसरी गोली जब चली तो वो झुक गया. इस बार गोली उसके दाहिने हाथ की उंगली में लगी थी. इसी बीच जेडी ने तीसरी गोली चलाने की कोशिश की, मगर गोली रिवाल्वर में ही फंस गई और फायर नहीं हो सका. तब तक दो गोलियों की आवाज सुनकर जेल के गार्ड और संतरी बैरक में पहुंच चुके थे. उन्होंने जेडी को उसी वक्त दबोच लिया.

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इसके बाद अबू सलेम को फौरन पहले एनएमएमसी अस्पताल ले जाया गया, फिर रात करीब दो बजे मुबंई के जेजे अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां ऑपरेशन के बाद उसकी उंगली में फंसी गोली निकाल ली गई.

जेल के अंदर हुए शूटआउट में तो सलेम बच गया, लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर अति सुरक्षित जेल में रिवाल्वर और गोली पहुंची कैसे? पुलिस की मानें, तो नवी मुंबई के तालोजा जेल में बाहर से आने वाले हर कैदी की दो बार तलाशी होती है. एक मेन गेट पर और दूसरी बैरक में दाखिल होने से पहले. लेकिन जेडी दोनों ही बार तलाशी में सुरक्षा गार्डों को आखिर कैसे चकमा दे गया? कहीं इसमें जेल स्टाफ की भी तो मिलीभगत नहीं है? वैसे शुरुआती जांच के बाद जेल के चार स्टाफ को सस्पेंड कर दिया गया है.

2005 में पुर्तगाल ने इस शर्त पर अबू सलेम को भारत को सौंपा था कि वो उसके गुनाहों के लिए उसे मौत की सज़ा नहीं देगा. इसी शर्त के बाद सलेम को मुंबई लाया गया और मुंबई के आर्थर रोड जेल मे बंद कर दिया गया. लेकिन 2010 में आर्थऱ रोड जेल के अंदर अबू सलेम पर 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार मुस्तफा डोसा ने हमला कर दिया. इसमें सलेम बुरी तरह जख्मी हो गया था. इसी के बाद सलेम को 2010 में ही आर्थर रोड जेल से नवी मुंबई के तालोजा जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. यहां सलेम को शुरुआत में सबसे सुरक्षित अंडा सेल में रखा गया था. लेकिन फिर बाद में जनरल बैरक में शिफ्ट कर दिया गया.

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मुंबई पुलिस के मुताबिक मंगलवार को जेडी सेशन कोर्ट पेशी के लिए गया था, तब उससे उसकी पत्नी के अलावा तीन और लोग मिले थे. पुलिस को शक है कि जेडी को रिवाल्वर इन्हीं चार लोगों मे से किसी ने दिया.

जाहिर है कि जेल के अंदर दो-दो जगह चकमा देने का मतलब है कि या तो सुरक्षा गार्ड ने अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभाई या फिर ये साजिश का हिस्सा भी हो सकता है, इसीलिए फिलहाल चार लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है.

जेडी को संतोष शेट्टी और विजय शेट्टी के गैंग का बताया जाता है. सूत्रों के मुताबिक सलेम और जेडी के बीच कुछ सप्ताह पहले फिरौती के पैसे को लेकर झगड़ा हुआ था. तभी जेडी ने सलेम को धमकी दी थी. सूत्रों के मुताबिक जब दोनों छोटा राजन के लिए काम करते थे, तब भी पैसे को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था. बाद में सलेम ने अपना गैंग बना लिया और जेडी संतोष शेट्टी और भरत शेट्टी से जुड़ गया.

अबू सलेम पर हमले के कुछ ही देर बाद डी-कंपनी की तरफ से दावा किया गया कि सलेम पर हमला कंपनी ने कराया है. सूत्रों के मुताबिक शुरुआत में खुद जेडी ने भी पुलिस को यही बताया था. मगर फिर बाद में जेडी लगातार अपने बयान बदलता रहा. हालांकि मुंबई पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह भी मुमकिन है कि सलेम पर यह हमला खुद सलेम ने ही कराया हो, क्योंकि इस हमले से सलेम को एक बड़ा फायदा हो सकता है.

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वैसे सूत्रों की मानें, तो सलेम तालोजा जेल से बाहर निकलना चाहता था और उसने जेल प्रशासन से उसे उत्तर प्रदेश की किसी जेल में शिफ्ट करने के लिए एक अर्ज़ी भी दी हुई है. इस अर्ज़ी में उसने जेल अधिकारियों को तालोजा जेल में जान के खतरे की बात भी कही थी. सूत्रों के मुताबिक इसलिए उसने उसी जेल में बंद भरत नेपाली के शूटर देवेंद्र जगताप को अपने ऊपर हमला करने के लिए कहा था.

दरअसल सलेम इस तरह से एक तीर से दो शिकार करना चाहता है. पहला तो इस हमले के बाद उसे महाराष्ट्र से बाहर निकाल कर उत्तर प्रदेश भेज दिया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है, तो वह पुर्तगाल की सरकार से उसे वापस पुर्तगाल भेजने की अपील कर सकता है. दरअसल जब सलेम को पुर्तगाल में गिरफ्तार कर भारत भेजा गया था, तो पुर्तगाल के सुप्रीम कोर्ट ने भारत के सामने ये शर्त रखी थी कि वो सलेम को मौत की सज़ा नहीं दे सकता. अगर उसे लगा कि भारत की जेल में अबू सलेम की जान को खतरा है, तो वह भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि खत्म कर सलेम को वापस पुर्तगाल भेजने की मांग कर सकता है.

लिहाज़ा पुलिस को शक है कि हो सकता है कि सलेम ने खुद पर हमले की खुद ही साज़िश रची हो. लिहाज़ा इस पहलू से भी मामले की जांच की जा रही है.

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