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इन सवालों के जवाब के बिना विमान की पहेली नहीं सुलझ सकती

227 मिसाफिरों और 12 क्रू मेंबरों को लेकर 16 दिन पहले यानी आठ मार्च को कवालालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ा मलेशिया एयरलाइंस का विमान एमएच 370 क्रैश कर चुका है. इस हादसे में विमान में सवार सभी 239 लोगों की मौत हो चुकी है. ये एलान सोमवार शाम खुद मलेशिया के प्रधानमंत्री ने किया. मलेशियाई सरकार के मुताबिक क्रैश होने के बाद विमान दक्षिणी हिंद महासगर में गिरा है.

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227 मिसाफिरों और 12 क्रू मेंबरों को लेकर 16 दिन पहले यानी आठ मार्च को कवालालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ा मलेशिया एयरलाइंस का विमान एमएच 370 क्रैश कर चुका है. इस हादसे में विमान में सवार सभी 239 लोगों की मौत हो चुकी है. ये एलान सोमवार शाम खुद मलेशिया के प्रधानमंत्री ने किया. मलेशियाई सरकार के मुताबिक क्रैश होने के बाद विमान दक्षिणी हिंद महासगर में गिरा है.

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'हम ये बेहद अफ़सोस के साथ बताने को मजबूर हैं कि MH370 विमान खो चुका है और उसमें सवार सभी यात्रियों की मौत हो चुकी है'
मोहम्मद नजीबतुन रज़्ज़ाक़
प्रधानमंत्री, मलेशिया

और इसके साथ ही 16 दिनों का सस्पेंस खत्म हो गया. मलेशिया एयरलाइंस का एमएच 370 विमान क्रैश हो चुका है. विमान दक्षिण हिंद महासगर में गिरा. विमान में सवार सभी 239 मुसाफ़िरों और क्रू मेंबरों की मौत.

सोमवार शाम भारतीय समय के मुताबिक ठीक साढे सात बजे मलेशिया के प्रधानमंत्री ने जैसे ही ये खबर दी,हर तरफ मातम पसर गया. विमान में सवार कुल 239 यात्रियों और क्रू मेंमबरों के परिवारो की पिछले 16 दिनों की तमाम आस और उम्मीद इसी के साथ खत्म हो गई। और इसके साथ ही खत्म हो गए वो तमाम सवाल जो एमएच 370 की गुमशुदगी को लेकर उठ रहे थे.

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दरअसल सोमवरा शाम को सबसे पहले मलेशिया एयरलाइंस की तरफ से एक बयान आया. इसमें कहा गया कि अब इस बात में कोई शक या संदेह नहीं रहा है कि हमने एमएच 370 को खो दिया है और उसमें सवार कोई भी यात्री जिंदा नहीं बचा है. इस बयान को जारी करने से पहले मलेशिया एयरलाइंस ने विमान में सवार सभी यात्रियों के घरवालों को एसएमएस से ये जानकारी दी. इसके बाद शाम साढ़े सात बजे खुद प्रधानमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस बुला कर इस बात पर मुहर लगा दी कि आठ मार्च से लापता मलेशिया एयरलाइंस की उड़ान संख्या एमएच 370 क्रैश हो चुका है.

मलेशियाई प्रधानमंत्री के मुताबिक यूके एयर एक्सीडेंट इनवेस्टिगेशन ब्रांच और सेटेलाइट से मिली तस्वीरों से ये साफ हो गया है कि विमान दक्षिणी हिंद महासगर में क्रैश हुआ है. क्रैश होने से पहले लापता विमान को आखिरी बार हिंद महासागर के बीचो-बीच देखा गया था.

मलेशियाई प्रधानमंत्री के मुताबिक यूके एयर एक्सिडेंट इनवेस्टिगेशन ब्रांच ने सोमवार शाम को ही उन्हें ये जानकारी दी थी. इस सिलसिले में मलेशियाई सरकार को कुछ ऐसे पुख्ता सबूत दिखाए गए जिसके बाद शक की सारी गुंजाइश खत्म हो गई.

मगर ये प्लेन क्रैश कैसे हुआ. बीजिंग की बजाए ये दक्षिणी हिंद महासगर की तरफ क्यों जा रहा था. एटीसी से संपर्क टूटने के बाद भी विमान सात घंटे तक कैसे उड़ता रहा. फिलहाल इस बारे में मलेशिया एयरलाइंस और सरकार दोनों ही खामोश हैं. हालांकि सूत्रों का कहना है कि मलेशिया की सरकार मंगलवार को इस बारे में विस्तार से मीडिया को जानकारी देगी.

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आठ मार्च को क्वाललंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरने वाली इस विमान में कुल 154 चीनी, 38 मलेशियाई चार अमेरिकी और पांच हिंदुस्तानी समेत कुल 14 मुल्कों के 239 मुसाफिर और क्रू मेंमबर सवार थे। इस विमान मे सवार पांचों भारतीयों के नाम हैं चंद्रिका शर्मा, प्रहलाद शिरसत, चेतना विनोद पोलेकर, विनोद सुरेश पोलेकर और स्वानंद विनोद पोलेकर। पांचों चेन्नई और मुंबई के रहने वाले थे.

आठ मार्च को मलेशिया की राजधानी कवालालंपुर से एमएच 370 ने बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी. कवालालंपुर से बीजिंग तक की दूरी करीब साढ़े छह घंटे में पूरी की जानी थी. मगर उड़ान भरने के घंटे भर के अंदर ही विमान का संपर्क एयर ट्रैफिक कंट्रोल से टूट गया. मगर चौंकाने वाली बात ये थी कि एटीसी से संपर्क टूटने के बाद भी विमान कई घंटे तक उड़ता रहा था.

8 मार्च
कुआलालंपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
रात के 12 बजे
(एक रहस्यमयी सफ़र का आग़ाज़)
मलेशिया एयरलाइंस का बोइंग 777-200 उड़ान संख्या MH370 विमान क्वालालंपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बीजिंग के लिए उड़ान भरता है.

कुल 227 मुसाफिरों और 12 क्रू मेंबरों के साथ ये जहाज़ लोकल टाइम के मुताबिक रात 12 बजे टेकऑफ करती है. बीजिंग तक की दूरी साढ़े छह घंटे में पूरी होनी थी. यानी सुबह साढ़े छह बजे इसे बीजिंग एयरपोर्ट लैंड पर करना था.

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कुआलालंपुर से जब विमान ने उड़ान भरा तो मौसम साफ था. विमान में कुल 154 चीनी, 38 मलेशियाई चार अमेरिकी और पांच हिंदुस्तानी समेत कुल 14 मुल्कों के 227 मुसाफिर सवार थे. उड़ान भरने के करीब घंटे भर बाद जैसे ही विमान मलेशिया से 150 किलोमीटर दूर दक्षिण चीन सागर के ऊपर पहुंचता है अचानक उसका संपर्क एटीसी यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल से टूट जाता है. एटीसी से संपर्क टूटने से ऐन पहले विमान 35 हजार फीट की उंचाई पर उड़ान भर रहा था. और संपर्क टूटने से पहले पायलट ने एटीसी को जो आखिरी संदेश दिया था वो था.
'ऑलराइट गुडनाइट'

इसके बाद अचानक विमान लापता हो जाता है. ऐसा लापता कि (पिछले छह दिनों से) 12 देशों के 39 विमान और 42 समुद्री जहाज़ 27000 किलीमोटर का दायरा छान चुके हैं. पर ना तो विमान मिला ना हीविमान का मलबा.

हर कोई हैरान है कि आखिर अचानक विमान को क्या हो गया. हैरानी की वजह ये है कि एटीसी के साथ संपर्क टूटने से पहले विमान में किसी किस्म की गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं थी. पायलट तक ने आखिरी संदेश यही दिया था कि ऑलराइट गुड नाइट। फिर विमान लापता कैसे हो गया? क्या अचानक विमान के सारे इंजिन फेल हो गए? क्या विमान में आग लग गई? या फिर ये कोई आतंकवादी घटना है? सवाल तमाम हैं पर जवाब एक का भी नहीं. क्योंकि अब तक ना तो विमान मिला है और ना ही विमान का मलबा.

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वैसे एक नई खबर ये आ रही है कि इस हादसे से बहुत पहले ही अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने मलेशिया एयरलाइंस के अधिकारियों को सचेत किया था. अमेरिकी फेडरल ने चेतावनी दी थी कि पायलट की लापरवाही से कभी भी कोई हादसा हो सकता है. दरअसल लापता विमान का एक पायलट उड़ान के दौरान महिला यात्रियों के साथ कॉकपिट में मौज-मस्ती के लिए बदनाम था. विमान के फर्स्ट पायलट फरीक अब्दुल हामिद की एक तस्वीर भी जारी की गई है. इसमें पायलट दक्षिण अफ्रीका की महिला मुसाफिर के साथ नजर आ रहा है. फरीक पर पहले भी इलजाम लगा है कि उड़ान के दौरान वो ना सिर्फ फ्लाइट डेक पर सिगरेट पीता है बल्कि टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान भी महिलाओं को कॉकपिट मे बिठा कर रखता है.

तो क्या पायलट की लापरवाही की वजह से विमान लापता है? फिलहाल मलेशिया की सरकार या एयरलाइंस कंपनी इस पर खामोश है. और शायद ये खामोशी तब तक जारी रहेगी जब तक कि विमान या उसका मलबा मिल नहीं जाता.

मलेशिया एयरलाइंस के लापता विमान का सुराग कहीं और से नहीं बल्कि सेटेलाइट से ही मिला. सेटेलाइट की तस्वीरों ने ही सबसे पहले ये इशारा दिया था हिन्द महासागर में.. ऑस्ट्रेलिया से भी हजारों किलोमीटर दूर गहरे समंदर की लहरों पर.. एक जगह टूटे हुए विमान के कुछ टुकड़े नज़र आए हैं. शुरू में शक था कि वो टुकड़े कुछ और हैं. लेकिन बाद में पता चला कि वो टुकड़े दरअसल उसी लापता विमान का मलबा थे.

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क्या लापता विमान का पता मिल गया?
क्या वाकई फ्लाइट संख्या MH 370 किसी हादसे का शिकार हुई है?
क्या समंदर में मिला वो अनजाना टुकड़ा उसी बोइंग का है (जो 12 रोज पहले लापता हुआ था?)

अगर ये खबर सच है...
अगर सेटेलाइट को वो तस्वीरें झूठ नहीं बोल रही..
अगर विमान की तलाश में लगी दुनिया भर की टीमों की तमाम आशंकाएं सही हैं...
और अगर हिन्दमहासागर के गहरे समंदर की लहरों पर बहता वो टुकड़ा वाकई उसी विमान का है...जो 12 रोज पहले गायब हुआ था...
तो इससे ज्यादा दर्दनाक सच हाल के वक्त में दुनिया के सामने शायद ही आया हो...
सेटेलाइट से मिली तस्वीरों को पढ़ने वालों ने तो इसी खौफनाक सच की तरफ इशारा किया है. यानी मलेशिया का वो लापता विमान किसी हादसे का शिकार होकर समंदर में गिर गया और विमान पर सवार तमाम मुसाफिर मौत के घाट उतर गए.

पिछले 12 दिनों से उस लापता विमान की तलाश में दुनिया भर के 26 मुल्कों के 18 शिप, 19 एयरक्राफ्ट और 6 हेलीकॉप्टर लगे हुए थे. लेकिन गुरुवार को जैसे ही एक सेटेलाइट की तस्वीर का खुलासा हुआ तो पूरे मलेशिया में चीख पुकार तेज हो गई. क्योंकि इस अकेली खबर के साथ ही उनकी तमाम उम्मीदें भी गहरे समंदर में समा गईं थीं.

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बताया यही जा रहा है कि सेटेलाइट के कैमरे ने हिन्द महासागर में एक ऐसा टुकड़ा बहता हुआ देखा है, जो किसी विमान का टूटा हुआ हिस्सा महसूस हो रहा है. जिस जगह वो टुकड़ा नज़र आया वो जगह दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर से दक्षिण में करीब 1460 मील दूर यानी 2260 किलोमीटर दूर बताई जा रही है. और सेटेलाइट की तस्वीरों का सच अगर सही है तो उस जगह 24 मील के दायरे में विमान के टुकड़े बिखरे हुए हैं.

मलेशिया के रक्षा मंत्री की मानें तो उनके लिए हर वो खबर जरूरी है जिसका ताल्लुक फ्लाइट संख्या MH 370 है. हो सकता है कि सेटेलाइट से मिली तस्वीर सच बोल रही हो. हो सकता है कि तस्वीरों का पढ़ने वालों का अनुमान सही हो. लेकिन कुछ सवाल तो फिर भी हैं. जिनके जवाब की जरूरत हर किसी को महसूस हो रही है. कम से कम विमान का मलबा पाये जाने की इत्तेला मिलने के बाद. मसलन - जिस जगह विमान का मलवा मिला, वहां तक आखिर वो विमान पहुंचा कैसे..जबकि एटीसी के साथ उसका संपर्क तो टूट गया था?

क्या विमान को पायलट ने ही समंदर में डुबोया है?
क्या ईधन खत्म होने के बाद विमान समंदर में गिर गया?
क्या एटीसी से संपर्क टूटने के बाद विमान में इतना ईधन बचा था कि वो इतनी दूरी तय कर सके?
या फिर वो मलबा किसी और का है?

इन सवालों के जवाब के बिना विमान के लापता होने की पहेली सुलझ नहीं सकती?

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