बेंगलुरु में मिस्ड कॉल से शुरू हुई एक लवस्टोरी, जिसका अंजाम बहुत खौफनाक था. बेंगलुरु से शुरू हुई लवस्टोरी का अंत दिल्ली के महरौली में हुआ. मोबाइल की एक मिस्ड कॉल से जहां दो दिल करीब आए वहीं एक पूरे परिवार की नींव हिल गई.
बंगाल का सुजॉय नौकरी ढूंढ़ने के लिए बेंगलुरु आया और एक दिन उसके फोन से एक नंबर डायल हो गया. सुजॉय की मिस्ड कॉल जिसके पास गई उस लड़की का नाम रेखा था. दोनों के बीच बातें शुरू हुई. बातों से सिलसिला आगे बढ़ा तो मुलाकातें शुरू हुईं.
सुजॉय ने रेखा को बताया कि वो एक कॉरपोरेट कंपनी में ऑफिसर है. सुजॉय की मीठी-मीठी प्यार भरी बातों में रेखा फंसती चली गई. फिर सुजॉय ने रेखा को शादी के लिए प्रपोज किया और रेखा ने भी तुरंत हामी भर दी. लेकिन रेखा के घरवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे.
रेखा के मनाने के बावजूद उसके परिवार वाले इस शादी के लिए राजी नहीं हो रहे थे जिसके बाद सुजॉय ने उससे भागकर शादी करने के लिए कहा. रेखा पूरी तरह से सुजॉय के प्यार में पड़ चुकी थी और भागने के लिए राजी भी हो गई.
सुजॉय ने उससे 3 लाख रुपये कैश और सोने के जेवरात लाने के लिए कहा, रेखा वो सब लेकर सुजॉय के पास आ गई. दोनों ने दिल्ली की फ्लाइट ली और बेंगलुरु से रवाना हो गए. इसके बाद रेखा के घरवाले जिस दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहे थे उसी दिन उनके पास एक फोन आया.
फोन करने वाले ने रेखा के पिता को कहा कि उनकी बेटी अगवा हो चुकी है और अगर वो उसे जिंदा देखना चाहते हैं तो 10 लाख रुपये का इंतजाम करें. पुलिस ने कॉल ट्रेस की और पता चला फोन दिल्ली से किया गया था. इसके बाद क्या था पुलिस ने रेखा के नंबर की जांच की तो पता चला कि एक खास नंबर पर उसकी किसी शख्स से बहुत ज्यादा बात हुई थी.
बेंगलुरु पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद से रेखा और सुजॉय को खोज निकाला. फोन का राज खुलते ही सुजॉय की बंद जुबान भी खुल गई और फिर सुजॉय का असली चेहरा दुनिया के सामने आ गया. दरअसल सुजॉय रेखा से शादी नहीं करना चाहता था बल्कि उसने तो रेखा को अगवा कर रखा था और वो रेखा को रिहा करने लिए 10 लाख रुपये की फिरौती मांग रहा था.
सुजॉय तो अब सलाखों के पीछे है और वो भी रेखा से अलग. यानी सुजॉय तो आशिक से मुजरिम बन बैठा और रेखा की हसरतें अधूरी रह गईं. वो हसरतें जिसकी नींव एक मिस्ड कॉल ने रखी थी और जिसका अंजाम एक खौफनाक साजिश की शक्ल में सामने आया.