करोड़ों की संपत्ति के मामले में फंसे नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह से पूछताछ के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है. इससे पहले उनसे जुड़े असिस्टेंट प्रोजेक्ट इंजीनियर रमेंद्र को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 466, 467, 469, 481 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है. इसके आलावा उसके परिवार के खिलाफ भी कई केस दर्ज हैं. इस मामले में 80 बिल्डरों से अब तक पूछताछ हो चुकी है.
इस बहुचर्चित केस में यह दूसरी गिरफ्तारी है. इससे पहले गिरफ्तार हुआ रमेंद्र, यादव सिंह के साथ भ्रष्टाचार में संलिप्त था. वह सीधे यादव सिंह को रिपोर्ट करता था. वह एक डायरी मेंटेन करता था, जिसमें ठेकेदारों और बिल्डरों से मिलने वाली रिश्वत और उनके बंटवारे के बारे में ब्यौरा दर्ज होता था.
बताते चलें कि सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, धेखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और कानून के उल्लंघन के संबंध में केस दर्ज किया था. उसके बाद उनके कई ठिकानों पर हुई छापेमारी में अकूत संपति का खुलासा हुआ था. इसके साथ ही उनके राजनीतिक रसूख सामने आए थे.
याचिका पर सीबीआई को सौंपा केस
यूपी की सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने यादव सिंह के मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि राज्य सरकार की पूर्ण निष्क्रियता साफ दिख रही है. इसके बाद केस सीबीआई को सौंप दिया गया था.
954 करोड़ रुपये का टेंडर घोटाला
आयकर विभाग ने 954 करोड़ रुपये के टेंडर घोटाला मामले में यादव सिंह और उनकी पत्नी के परिसरों पर छापे मारे थे. इनमें भारी मात्रा में नकदी, दो किलो सोना और हीरे के कई आभूषण बरामद हुए थे. उनके बैंक खातों और निजी फर्मों को भी आयकर विभाग ने जांच के दायरे में लिया था.
MUST READ: सत्ता को उंगलियों पर नचाने वाले यादव सिंह की अनकही दास्तान