जुर्म की दुनिया में कई ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जो लोगों को लंबे वक्त तक खौफजदा करती हैं. इस साल 2019 में भी ऐसे ही कई अपराध सुर्खियों में बने रहे. जिनमें कत्ल के कुछ ऐसे मामले भी शामिल हैं, जिन्होंने पुलिस और जांच एजेंसियों के होश उड़ाकर रख दिए. लेकिन अपराधी चाहे कितना भी शातिर हो, कानून और पुलिस के हाथ एक दिन उसे दबोच ही लेते हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं कि साल 2019 में हुई कत्ल की वो 6 बड़ी वारदातें, जो कानून के लिए किसी चुनौती से कम नहीं थीं.
रोहित शेखर तिवारी का मर्डर
बात अप्रैल 2019 की है. एक मौत पुलिस के लिए चुनौती बन गई थी. मामला था कांग्रेस के दिग्गज नेता और चार बार यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी के कत्ल का. मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की तफ्तीश इशारा कर रही थी कि कातिल घर का ही कोई शख्स है. पुलिस ने इस मामले में कई किश्तों में रोहित की पत्नी अपूर्वा, रोहित के भाई सिद्धार्थ और घर के नौकर और ड्राइवर से पूछताछ की. आखिरकार कातिल का नाम सामने आ ही गया. वो थी रोहित की पत्नी अपूर्वा शुक्ला. उसने अपने पति रोहित शेखर तिवारी के कत्ल की वारदात को बड़े ही शातिराना तरीके से अंजाम दिया था. छानबीन में खुलासा हुआ था कि अपूर्वा ने रोहित का मर्डर करने के बाद सबसे पहले अपना मोबाइल फोन फार्मेट कर दिया था.
बसपा नेता को मारी गईं 26 गोलियां
दिल्ली के नरेला में 8 सितंबर को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े चुके वीरेंद्र मान की 26 गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बाद में उस घटना का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया था. उस वीडियो में साफ दिख रहा था कि दिन के करीब 10 बजे नरेला में वीरेंद्र मान अपनी कार से चौराहे पर आते हैं. इस बीच उनकी सफेद रंग की कार ट्रैफिक में फंस जाती है, और तभी 3-4 हमलावर आते हैं और उन पर तबाड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर देते हैं. वीरेंद्र मान को 26 गोलियों मारी गई हैं, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी. इस वारदात में हमलावरों ने 40 गोलियां चलाईं थी. मामला आपसी रंजिश का बताया गया. दिल्ली पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
कमलेश तिवारी हत्याकांड
18 अक्टूबर 2019 का दिन था. लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. वारदात के वक्त कमलेश तिवारी खुर्शीदबाग में मौजूद अपने दफ्तर में थे. उस समय 2 लोग मिठाई का डिब्बा साथ लेकर उनसे मिलने आए थे. तभी अचानक उन्होंने कमलेश तिवारी पर गोली चलाने की कोशिश की, मगर गोली पिस्टल में फंस गई, इसके बाद उन दोनों ने तिवारी का गला रेतकर उसकी हत्या कर दी थी. घटना के बाद कमलेश तिवारी के संदिग्ध हत्यारों का वीडियो सामने आया था. उस वीडियो में दो युवक दिखाई दे रहे थे. एक युवक के हाथ में पॉलीथिन थी. पुलिस का मानना था कि उस पॉलीथिन में वो मिठाई का डिब्बा था, जिसमें हत्यारे असलहा लेकर आए थे. बाद में पुलिस ने संदिग्धों की पहचान कर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. जिनकी पहचान अशफाक और मोइनुद्दीन के रूप में हुई थी. वे दोनों 2015 से इस हत्याकांड की योजना पर काम कर रहे थे.
पहले डबल मर्डर, फिर कातिल का कत्ल
उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद में 28 मई 2019 को बहुजन समाज पार्टी के नेता हाजी एहसान और उनके भांजे की बेरहमी के साथ हत्या कर दी गई थी. इस दोहरे हत्याकांड ने पुलिस की नींद उड़ा दी. कातिलों के सिर पर पुलिस ने इनाम भी रखा था. जल्द ही पुलिस कातिलों तक जा पहुंची. पुलिस के मुताबिक, इस सनसनीखेज हत्याकांड को अंसारी गैंग के शाहनवाज अंसारी और उसके शार्प शूटर जब्बार ने अंजाम दिया था. दोनों दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ चुके थे. दोनों में तिहाड़ जेल में बंद थे. बीती 17 दिसंबर को पुलिस शाहनवाज और जब्बार को पेशी के लिए यूपी के बिजनौर में सीजेएम कोर्ट लेकर आई थी. जब उन जोनों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. तभी कोर्ट में मौजूद तीन युवकों ने शाहनवाज को गोलियों से भून डाला. उसे एक बाद एक 11 गोलियां मारी गई. मजिस्ट्रेट और अन्य लोग वहां से भाग निकले. इस दौरान कोर्ट के एक कर्मचारी को भी गोली लगी. उसे अस्पताल ले जाया गया. हमलावर मौके से भाग नहीं. उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. पकड़े गए लोगों में दिवंगत बसपा नेता हाजी एहसान का पुत्र और उसके दो साथी शामिल थे.
लव मैरिज से मर्डर तक
महज बीस साल की उम्र में नैंसी ने दिल्ली के कारोबारी साहिल से शादी की थी. वो भी लव मैरिज. मगर उसका बचपना नहीं गया था. उसका हुक्का बार जाना, डिस्को जाना और दोस्तों के साथ मस्ती करने का सिलसिला जारी था. कुल मिलाकर नैंसी एक आजाद ख्याल की लड़की थी. लेकिन उसका पति साहिल अब बदल चुका था और उसे ये सब बिलकुल भी नहीं पसंद आ रहा था. वो नैंसी पर शक करने लगा था. लिहाजा एक दिन साहिल ने एक खौफनाक साजिश रची. 10 नवंबर को वारदात के दिन भी नैंसी की अपने पति साहिल से लड़ाई हुई थी. मगर उस दिन लड़ाई के बाद साहिल बहुत जल्दी संभल गया. उसने जल्द ही नैंसी को मनाया और उसे खुश करने के लिए लॉन्ग ड्राइव पर ले गया. दिल्ली से दूर पानीपत की तरफ. ये नैंसी की ज़िंदगी का आखिरी सफर था. साहिल के साथ काम करने वाला शुभम भी उनके साथ था. पानीपत पहुंचते ही साहिल अपने असली रूप में आ गया. वहां उसने शुभम के साथ मिल कर नैंसी के सिर में गोली मार दी और उसकी लाश पानीपत रिफ़ाइनरी के पास सुनसान जगह पर फेंक दी. नैंसी की जान लेने के बाद क़ातिलों ने उसकी लाश जलाने की भी कोशिश की थी. मगर कुछ दिन बाद कत्ल का राज खुल गया. कातिल पति अब जेल में है.
9 लोगों की हत्या से सहमा सोनभद्र
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के उभभा गांव में 17 जुलाई 2019 को जमीनी विवाद के बाद ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के बीच हुई लड़ाई में एक ही पक्ष के 9 लोगों हत्या कर दी गई थी. स्थानीय लोगों का कहना था कि प्रधान पक्ष के लोगों ने ग्रामीणों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद करीब 25 लोग घायल हो गए थे. घोरावल के मूर्तियां ग्राम पंचायत में विवाद के बाद जमकर लाठी और डंडे भी चले थे. इस विवाद में 6 पुरुष और 3 महिलाओं की हत्या कर दी गई थी. प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक विवादित जमीन पर लंबे समय से दोनों पक्षों के बीच लड़ाई चल रही थी.