ये साल सत्ता के लिहाज से भले ही मोदी सरकार के लिए बेहतर रहा लेकिन कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के लिए साल 2019 किसी बुरे सपने जैसा साबित हुआ. हम बात कर रहे हैं कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पलनिअप्पन चिदंबरम यानी पी. चिदंबरम. जिन्हें इस साल जेल की हवा खानी पड़ी.
INX मीडिया केस में हुई थी गिरफ्तारी
21 अगस्त 2019 एक ऐसा दिन था, जिसके बारे में पी. चिदंबरम ने कभी सोचा भी नहीं था. इसी दिन INX मीडिया केस में चिदंबरम को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी बेहद ही नाटकीय ढंग से हुई थी. उस दिन चिदंबरम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और खुद पर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया. लेकिन उससे पहले 24 घंटे तक वो कहां थे और क्या कर रहे थे. ये उन्होंने किसी को नहीं बताया.
कांग्रेस दफ्तर में की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
जिस वक्त पी. चिदंबरम अपने साथी नेताओं के साथ यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, उसी दौरान सीबीआई की टीम कांग्रेस दफ्तर जा पहुंची, लेकिन वहां सीबीआई को असफलता मिली. चिदंबरम प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद अपने घर के लिए रवाना हो गए. कांग्रेस दफ्तर में असफलता मिलने के बाद सीबीआई जोरबाग स्थित चिदंबरम के घर के लिए रवाना हो गई.
चिदंबरम के घर पहुंची थी ED और CBI की टीम
यहां पर सीबीआई की 3 टीम और ईडी की एक टीम थी. चिदंबरम घर के अंदर थे. उनके घर का दरवाजा नहीं खोला जा रहा था. सीबीआई इस बार किसी भी हाल में चिदंबरम को गिरफ्तार करने के इरादे से उनके घर पहुंची थी. घर का दरवाजा बंद था, ऐसे में सीबीआई की टीम दीवार फांदकर घर के अंदर घुसी. घर के अंदर घुसने के बाद सीबीआई और ईडी ने चिदंबरम से पूछताछ की थी.
गिरफ्तारी के बाद स्पेशल कोर्ट में पेशी
इस दौरान चिदंबरम के घर के बाहर बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प भी हुई थी. पूछताछ के बाद सीबीआई चिदंबरम को गिरफ्तार करके सीबीआई मुख्यालय ले गई थी. अगले दिन उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. चूंकि चिदंबरम राज्यसभा सांसद हैं, ऐसे में उन्हें सांसदों और विधायकों के लिए बनाई गई राउज एवेन्यू स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. जहां से उन्हें जेल भेजा गया.
अब जाकर मिली जमानत
उनकी गिरफ्तारी के बाद चेन्नई से लेकर दिल्ली तक धरना प्रदर्शन हुए. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी देश के अलग अलग इलाकों में उनकी गिरफ्तारी के विरोध में गुस्से का इजहार किया. उनकी अग्रिम जमानत याचिका के साथ-साथ बाद में भी सभी याचिकाएं खारिज होती रही. लेकिन इसी साल 4 दिसंबर को अदालत ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी और वो जेल से बाहर आए.