दुनिया में जब-जब साल 2020 का ज़िक्र होगा, सबसे पहले कोरोना की बात चलेगी. चलना लाज़िमी भी है, क्योंकि चीन से निकल इस महामारी ने दुनिया के अरबों लोगों का ना सिर्फ़ पूरा का पूरा साल ही ख़राब कर दिया, बल्कि महज़ साल भर के अंदर तक़रीबन 18 लाख लोगों की ज़िंदगी और अरबों की दौलत लील कर मानों पूरी दुनिया को ही सालों पीछे धकेल दिया. लेकिन क्या सिर्फ़ कोरोना ही है, जिसने 2020 पर ग्रहण लगाया? या अपना असर दिखाया? शायद नहीं. क्योंकि जुर्म की दुनिया में साल 2020 में ऐसी-ऐसी वारदातें हुई, जिसे लोग सालों तक याद रखेंगे. अपने देश की बात करें तो जुर्म ने किसी न किसी रूप में पहली तारीख से ही इंसानी ज़िंदगी पर पंजे मारने शुरू कर दिए थे. मार्च आते-आते शायद हाल के सालों के सबसे बड़े जुर्म यानी कि निर्भया का इंसाफ़ हो गया. इसी तरह सुशांत सिंह राजपूत की मौत, बॉलीवुड ड्रग्स केस, दिशा सालियान केस, कानपुर का विकास दुबे कांड, हाथरस गैंगरेप कांड, दिल्ली में दंगे जैसी वारदात की 2020 में रही गूंज.
24 फरवरी 2020, दिल्ली हिंसा
देश की राजधानी दिल्ली ने इस साल दंगों की ऐसी भयानक तस्वीर देखी, जो उसे सालों तक याद रहेगी. ये दंगा लोगों को सालों तक डराता रहेगा. इन दंगों की शुरुआत 24 फरवरी को हुई. जिनमें कुल 53 लोगों की जान चली गई. जबकि सैकड़ों ज़ख्मी हो गए. कितने परिवारों की रोज़ी रोटी इस दंगे में छिन गई, इसका सही-सही हिसाब किताब किसी के पास नहीं. अब हालत ये है कि पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, गोकलपुरी और घोंडा जैसे इलाक़ों में अब भी दोनों समुदायों के बीच वो पहले वाले भाईचारे की बात नहीं रही.
दरअसल, जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे मेन रोड पर सैकड़ों महिलाएं और बच्चे सीएए के खिलाफ़ धरना दे रहे थे. इससे ट्रैफिक रुक गया और लोगों को परेशानी हो रही थी. 23 फरवरी की शाम भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अपने कुछ समर्थकों के साथ यहां आकर पुलिस की मौजूदगी में कहा कि अगर पुलिस मुख्य मार्ग से धरना नहीं हटवाती है, तो लोग खुद इसे खाली कराने के लिए कदम उठाएंगे. और बस इसी शाम को जाफराबाद में एक भीड़ ने पत्थरबाज़ी शुरू कर दी. अगले दिन यानी 24 फरवरी को धारा 144 लागू कर दी गई, लेकिन हिंसा भड़क उठी और दिल्ली का ये इलाक़ा फिर कई दिनों तक धू-धू कर जलता रहा. मरनेवालों में दोनों समुदायों के लोग शामिल थे. आम आदमी पार्टी के एक पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन पर भी दंगा भड़काने का इल्ज़ाम लगा.
20 मार्च 2020, निर्भया के गुनहगारों को फांसी
निर्भया के गुनहगारों को फांसी में हो रही देरी को लेकर दुनिया में कई तरह की बातें हुईं. लेकिन आख़िरकार का सच्चाई और इंसाफ़ की जीत हुई और गैंगरेप के मामले में चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह तिहाड़ जेल में फांसी की सज़ा दे दी गई. इससे पहले इस मामले में तीन डेथ वारंट पर किसी न किसी वजह से रोक लगती रही. लेकिन चौथा डेथ वारंट चारों गुनहगारों की ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ और उन्हें फांसी दे दी गई. आपको बता दें कि 16 दिसंबर 2012 के दिन राजधानी दिल्ली में एक चलती बस के अंदर निर्भया के साथ कुछ दरिंदों ने उसके ब्वॉयफ्रेंड की मौजूदगी में गैंगरेप किया था. और ना सिर्फ़ गैंगरेप किया था, बल्कि इस दौरान इतनी ज़्यादती की थी कि 13 दिनों तक मौत से जूझने के बाद आख़िरकार उसकी जान चली गई थी.
16 अप्रैल 2020, पालघर लिचिंग केस
महाराष्ट्र के पालघर में 16 अप्रैल में दो साधुओं और उनके ड्राइवर को घेर कर बर्बरता पूर्वक मार डाला गया. इस वारदात ने जहां एक तरफ़ कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ा दीं, वहीं इंसान और इंसानियत पर भरोसा करनेवाले लोग सकते में आ गए. बाद में पुलिस ने इस सिलसिले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और ये मामला अब भी अदालत में है. वारदात के रोज़ दो साधु अपनी गाड़ी में मुंबई से सूरत जा रहे थे, तब पालघर के गढ़चिंचले गांव की भीड़ ने उन्हें बच्चा चोर समझ लिया. बस, फिर क्या था बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने साधुओं के साथ-साथ उनके ड्राइवर को भी पीट पीट कर मार डाला. इस मामले में क़रीब 4 सौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पकड़े गए आरोपियों में से 11 नाबालिग हैं. 70 साल के साधु कल्पवृक्ष गिरी और 35 साल के साधु सुशील गिरी और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगाडे की हत्या की विचलित करनेवाली तस्वीरें भी सामने आई थीं.
14 जून 2020, सुशांत सिंह राजपूत की मौत
बॉलीवुड को कई हिट फिल्में देनेवाले 34 साल एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत ने 14 जून को अचानक पूरी दुनिया को सन्न कर दिया. दोपहर को मुंबई के बांद्रा के अपार्टमेंट से उनकी रहस्यमयी हालत में मौत की खबर आई. चश्मदीदों के मुताबिक ये मामला खुदकुशी का था. लेकिन सुशांत के घरवालों के साथ-साथ उनके बहुत से चाहने वालों का ये मानना था कि सुशांत ने खुदकुशी नहीं की, बल्कि उनकी जान ली गई. घरवालों ने तो सुशांत की मौत के लिए सीधे-सीधे उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को कसूरवार ठहराया. आखिरकार मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई. लेकिन फिलहाल 145 दिन की जांच के बाद भी सीबीआई उनकी मौत के लेकर अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है.
8 जून 2020, दिशा सालियान केस
सुशांत की राजपूत की मैनेजर रहीं दिशा सालियान की मौत सुशांत की मौत से कुछ रोज़ पहले ही हुई थी. दिशा ने अपने अपार्टमेंट के 14वें माले से कूद कर जान दे दी थी. सीबीआई फिलहाल सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जोड़कर दिशा के मामले में भी इन्क्वायरी कर रही है. इस सिलसिले में सोहेल खान की पत्नी के भाई बंटी सचदेव को भी पूछताछ के लिए बुलाया था. दरअसल, कॉनर स्टोंस वो कंपनी है, जिसके लिए दिशा सालियान काम किया करती थी. ये कंपनी कई क्रिकेटर और बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ के पीआर का काम देखती है. दिशा अपनी मौत से पहले मलाड पश्चिम के मालवनी इलाके के जनकल्याण नगर की एक बिल्डिंग में अपने होने वाले मंगेतर के साथ थीं. पुलिस ने इस मामले की जांच करने के बाद इसे खुदकुशी करार दिया था. सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उनकी एक्स मैनेजर दिशा का केस एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया था. लोग सुशांत और दिशा की मौत को एक-दूसरे से जोड़कर देखने लगे थे. लेकिन पुलिस ने मामले की तफ्तीश में दिशा की मौत को खुदकुशी ही पाया.
2 जुलाई 2020, कानपुर का विकास दुबे कांड
कानपुर के चौबेपुर थाना इलाक़े के बिकरू गांव में एक साथ आठ-आठ पुलिसवालों की जान लेकर पूरे शासन-प्रशासन को हिला देनेवाले गैंगस्टर विकास दुबे का नाम सबको याद होगा. फरार विकास को मध्य प्रदेश की उज्जैन पुलिस ने धर दबोचा था. अपने एनकाउंटर के डर से सकपकाए विकास ने अपनी गिरफ्तारी के दौरान मीडिया के कैमरों के सामने ज़ोर से चिल्ला कर अपनी पहचान बताई थी. विकास की कोशिश थी कि शायद यूं कैमरे के सामने गिरफ्तारी से वो बच जाएगा और पुलिस उसका गलत तरीक़े से एनकाउंटर नहीं कर पाएगी. लेकिन सही-गलत का तो पता नहीं, लेकिन चंद घंटे गुज़रते-गुज़रते विकास दुबे पुलिस की गोलियों का शिकार बन गया. पुलिस ने बताया कि कानपुर से ऐन पहले सचेंडी इलाक़े में विकास दुबे को लेकर आ रही पुलिस की कार एक्सीडेंट का शिकार हो गई थी. मौके का फायदा उठा कर विकास दुबे ने ना सिर्फ़ पुलिसवालों से गन छीन ली, बल्कि गोलियां चलाते हुए भागने की कोशिश करने लगा था. जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे को गोली लगी और वो ढेर हो गया.
26 अगस्त 2020, बॉलीवुड ड्रग्स केस
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही बॉलीवुड का ड्रग्स कनेक्शन खुलने लगा था. इस केस में सबसे पहले सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी हुई और बाद में एक के बाद एक सेलेब्रिटीज़ से पूछताछ का सिलसिला शुरू हो गया. रिया पर पर सुशांत सिंह राजपूत को ड्रग्स देने का आरोप था. ये कहा गया कि वे ड्रग्स सिडिकेंट का हिस्सा थीं. हालत ये हुई कि कुछ देर के लिए ऐसा लगा मानों सुशांत केस पीछे छूट गया हो और ड्रग्स के खिलाफ हल्ला बोल चल रहा हो. रिया के कबूलनामने के बाद ही बॉलीवुड की कई टॉप अभिनेत्रियों पर एनसीबी ने शिकंजा कसना शुरू किया. दीपिका पादुकोण से लंबी पूछताछ की गई. दीपिका के अलावा सुशांत की दोस्त रहीं सारा अली खान और श्रद्धा कपूर से भी इस सिलसिले में पूछताछ हुई. हालांकि एनसीबी पूछताछ में एक्ट्रेस ने खुद ड्रग्स लेने से इनकार कर दिया था. इस केस में एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह, एक्टर अर्जुन रामपाल, कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिंबाचिया का नाम भी जुड़ा था.
14 सितंबर 2020, हाथरस गैंगरेप कांड
यूपी के हाथरस के एक गांव में 14 सितंबर को एक लड़की एक खेत में बेहद नाज़ुक हालत में मिली. जिसके साथ गैंगरेप किए जाने का इल्ज़ाम था. पहले लड़की को इलाज के लिए अलीगढ़ के अस्पताल में ले जाया गया और फिर उसकी हालत को देखते हुए उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया गया. इस दौरान पीड़िता ने अपने ही गांव के 4 लड़कों पर गैंग रेप का आरोप भी लगाया. जिसके बाद लोकल पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन निर्भया से मिलते-जुलते इस मामले में तब एक बड़ा ट्विस्ट आ गया, जब पुलिस ने खुद अपनी तरफ से जबरन लड़की की लाश का उसके गांव में ही अंतिम संस्कार कर दिया.
घरवालों का इल्ज़ाम था कि पुलिस ने उन्हें अपनी बेटी को आख़िरी बार ठीक से देखने तक नहीं दिया. इसके बाद कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार और योगी सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी भी बना दी. बाद में जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई. सीबीआई ने इस मामले में 18 दिसंबर को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. सीबीआई ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाया और फैसला कोर्ट के ऊपर छोड़ दिया. सीबीआई की चार्जशीट में उन सभी 4 आरोपियों के नाम हैं, जिनके खिलाफ़ लड़की ने अपनी मौत से पहले बयान दिया था.