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विदेशी कंडोम और पोर्न तस्वीरों का शौकीन एक ब्रह्मचारी

क्या कोई ब्रह्मचारी भी कभी बलात्कार कर सकता है? क्या कोई ब्रह्मचारी कभी अश्लील तस्वीरें उतार सकता है? और क्या कोई ब्रह्मचारी किसी को ब्लैकमेल कर सकता है? जाहिर है, इन तमाम सवालों का जवाब 'ना' में है. लेकिन भोपाल पुलिस ने एक ऐसे ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया है, जिन पर कुछ ऐसे ही इल्जाम हैं. ये ब्रह्मचारी भी कोई मामूली इंसान नहीं, बल्कि अरबों की दौलत का वारिस और सैकड़ों स्कूल-कॉलेजों का मालिक है.

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गिरीश चंद्र वर्मा
गिरीश चंद्र वर्मा

क्या कोई ब्रह्मचारी भी कभी बलात्कार कर सकता है? क्या कोई ब्रह्मचारी कभी अश्लील तस्वीरें उतार सकता है? और क्या कोई ब्रह्मचारी किसी को ब्लैकमेल कर सकता है? जाहिर है, इन तमाम सवालों का जवाब 'ना' में है. लेकिन भोपाल पुलिस ने एक ऐसे ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया है, जिन पर कुछ ऐसे ही इल्जाम हैं. ये ब्रह्मचारी भी कोई मामूली इंसान नहीं, बल्कि अरबों की दौलत का वारिस और सैकड़ों स्कूल-कॉलेजों का मालिक है.

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महर्षि महेश योगी यूनिवर्सिटीज के चांसलर गिरीश चंद्र वर्मा का नया सच चौंकाने वाला है. दाढ़ी-मूंछ और सफेद चोले में घूमनेवाले ब्रह्मचारी की कारगुजारियां रौंगटे खड़े करती हैं. क्या आप यकीन करेंगे कि कोई ब्रह्मचारी अपने ब्रह्मचर्य धर्म से इस कदर दूर हो जाए कि वो लड़कियों का बलात्कार करने लगे, उनकी अश्लील तस्वीरें उतारे और फिर उन्हीं तस्वीरों के जरिए उन्हें ब्लैकमेल करे? लेकिन गिरीश चंद्र वर्मा पर जो इल्जाम लगे हैं, वो ऐसे ही हैं. कई स्कूलों के चेयरमैन और शिक्षाविद के तौर पर पहचाने जानेवाले गिरीश चंद्र वर्मा पर उन्हीं के नीचे काम करनेवाली एक टीचर ने अपने साथ बलात्कार करने का वो आरोप लगाया है, जिसे सुन कर कोई भी सकते में आ जाए.

किया विदेशी कंडोम का इस्तेमाल और बनाई फिल्म
भोपाल की रहनेवाली इस टीचर की मानें तो वर्मा ना सिर्फ़ उनके साथ सालों-साल बलात्कार किया, बल्कि अपने ही स्कूल में काम करनेवाली दूसरी छात्राओं और लेडी टीचर्स को भी अपने सामने पेश करने के लिए दबाव बनाते रहे... पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक गिरीश चंद्र वर्मा ने इस टीचर के साथ पूरे 16 सालों तक बलात्कार किया और इस दौरान वो हर बार विदेशी कंडोम का इस्तेमाल करता रहा और तो और फोटोग्राफी के शौकीन वर्मा अपने इस हुनर का इस्तेमाल पोर्न फोटोग्राफी करने में करता रहा. उसने बलात्कार के दौरान ही इस टीचर की अश्लील तस्वीरें उतारीं और फिर बाद में इन्हीं तस्वीरों की बदौलत वो इस टीचर और अपने पीए रहे उसके पति को ब्लैकमेल करता रहा.

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16 साल तक बलात्कार
टीचर ने अपनी शिकायत में कहा है कि गिरीश चंद्र वर्मा 1996 से ही उसके साथ ज्यादती करने की कोशिश में थे, लेकिन दो साल बाद यानी 1998 को उन्होंने पहली बार उसके साथ बलात्कार किया और फिर 2013 यानी 16 सालों तक उसके साथ बलात्कार करते रहे. इस दौरान उन्होंने उसके पति से उसके बैंक एकाउंट और ई-मेल की आईडी और पासवर्ड भी हासिल कर लिए और ट्रांजैक्शन करते रहे. बाद में उन्हें पता चला कि इस आईडी और पासवर्ड से उन्होंने उसके पति के एकाउंट से अपनी ई-मेल आईडी पर कई मेल किए, ताकि वो जरूरत पड़ने पर खुद को बचा सके और उन्हें ब्लैकमेल कर सके.

दूसरी छात्राओं और टीचरों को अपने सामने पेश करने का दबाव बनाया
और इसी ब्लैकमेलिंग की बदौलत 1 जनवरी 2013 को वर्मा ने इस टीचर को अपनी ऑडी कार से उसके घर से अगवा कर एक बार फिर उसके साथ बलात्कार किया. लेकिन वो इन तमाम बातों को शायद चुपचाप सह जाती, लेकिन जब वर्मा ने उस पर दूसरी छात्राओं और टीचरों को अपने सामने पेश करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया, तो उसने पुलिस के सामने जाने का फैसला किया.

महर्षि शिक्षण संस्थान की एक टीचर ने गिरीश चंद्र वर्मा पर जो इल्जाम लगाए हैं, वो हैरान करने वाले हैं. टीचर ने बताया है कि वर्मा ने उसके साथ 1998 में बलात्कार के सिलसिले की शुरुआत तब की, जब वो अपने पति के साथ नोएडा में रहती थी. तकरीबन दो साल पहले वर्मा ने उसे स्कूलों की संचालक सोसायटी का मैंबर बना दिया था और इसके बाद एक रोज वर्मा ने उसे नोएडा में ही अपने घर बुला कर उसके साथ ज्यादती की.

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इसी दौरान वर्मा ने उसके पति से कई कोरे कागजों पर दस्तखत करवा लिए और बलात्कार की बात किसी को बताने पर फंसाने और जान से मार डालने की धमकी देनी शुरू दी. इसके बाद तो बलात्कार के जिस सिलसिले की शुरुआत हुई, वो सालों-साल चलती रही. 2001 में वो अपने पति के साथ नोएडा से भोपाल चली आई, लेकिन यहां भी गिरीश चंद्र वर्मा ने उसका पीछा नहीं छोड़ा. कभी वो खुद उनके घर आ कर उसके साथ ज्यादती करता, तो कभी उसे अपने पास बुलवा लेता.

लेकिन इसी दौरान गिरीश चंद्र वर्मा ने एक रोज़ उसकी अश्लील तस्वीरें तक उतार लीं और कहा कि अगर उसने बलात्कार की इस वारदात के सिलसिले में किसी के सामने मुंह खोलने की गलती की, तो वो ये सारी तस्वीरें इंटरनेट पर डाल कर उसकी जिंदगी बर्बाद कर देगा. अब तक चूंकि ये टीचर गिरीश चंद्र वर्मा की जाल में बुरी तरह फंस चुकी थी, उसके सामने चुप-चाप वर्मा की बातें मानने के सिवाय कोई चारा नहीं था, लेकिन इसके बाद वर्मा ने उसके सामने एक ऐसी मांग रखी, जिसे सुन कर उसके होश उड़ गए और बस इसी दिन उसने वर्मा के चंगुल से छूटने का फैसला कर लिया.

गिरीशचंद्र वर्मा की दौलत की चमक
जमीन इतनी... कि पैमाइश मुश्किल हो... कारें इतनी.. कि गिनना दुश्वार हो... और नौकर-चाकर इतने.. कि पहचान नामुमकिन हो... बलात्कार के इल्जाम में जेल जानेवाले महर्षि महेश योगी यूनिवर्सिटी के चांसलर गिरीशचंद्र वर्मा की दौलत की चमक कुछ ऐसी ही है.

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-148 स्कूल
- दो यूनिवर्सिटी
- हज़ारों एकड़ की ज़मीन
- अनगिनत बेशकीमती गाड़ियां
- दर्जनों महल और आश्रम
- 60 हज़ार करोड़ की दौलत


ये झलक है उस शख्स के दौलत की जो अब बलात्कार के इल्जाम में जेल में बंद है. महर्षि महेश योगी यूनिवर्सिटी के चांसलर गिरीशचंद्र वर्मा को विरासत में ही अरबों की दौलत मिली, लेकिन वर्मा ने देखते ही देखते इस दौलत का दायरा और भी बड़ा कर लिया.

आज हालत ये है कि इतने स्कूल कॉलेजों के अलावा इस संस्थान के पास नोएडा जैसे खास इलाके में तकरीबन 12 सौ एकड़ की जमीन है. जबकि देश विदेश में कई जगहों पर करोड़ों की दूसरी चल-अचल संपत्ति. भोपाल में वर्मा खुद जिस महल में रहते हैं, उसकी चकाचौंध देखते ही बनती है. यहां 40 से ज्यादा नौकर-चाकर चौबीसों घंटे उनकी सेवा में लगे होते हैं और वर्मा की गाड़ियों का बेड़ा इतना बड़ा है कि उनके नज़दीकी लोगों को भी इसकी सही-सही थाह नहीं है. इस बेड़े में मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी समेत अनिगत हाई एंड कारें शामिल हैं.

गिरीश चंद्र का सफर
महर्षि महेश योगी के तकरीबन 60 हजार करोड़ की संपत्ति के वारिस गिरीश चंद्र के इस सफर की शुरुआत मध्य प्रदेश के ही जबलपुर से हुई थी. लेकिन देखते ही देखते उन्होंने महेश योगी के इस साम्राज्य को वर्मा ने इतना बड़ा कर दिया कि देखनेवाले देखते रहे. साल 2008 में जब महेश योगी की मृत्य हुई तो वर्मा एक झटके में योगी के तमाम स्कूल, कालेज, यूनिवर्सिटी और शिक्षण संस्थान के मालिक बन गए और इस विरासत को उन्होंने बखूबी संभाला.

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आज हालत ये है कि वर्मा हिंदुस्तान के 16 राज्यों में मौजूद 148 स्कूलों का संचालन खुद करते हैं और कई आश्रमों के मालिक हैं. लेकिन अब इन्हीं गिरीशचंद्र वर्मा पर आईपीसी की धारा 376 यानी बलात्कार और 506 यानी जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज हो चुका है और फिलहाल उनकी जगह जेल में है.

एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई?
क्या बलात्कार जैसे संगीन मामले में भी किसी शख्स के रसूख और जलवे के आगे कानून कमजोर पड़ जाता है? ये सवाल इसलिए.. क्योंकि महर्षि महेश योगी शिक्षण संस्थान के मुखिया गिरीश चंद्र वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में भोपाल पुलिस को पूरे नौ महीने लग गए. आखिर ये देरी हुई क्यों? इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं.

अपने ही स्कूल में काम करनेवाली एक टीचर के साथ सोलह सालों तक बलात्कार करने के इल्जाम में भोपाल पुलिस ने आखिरकार गिरीश चंद्र वर्मा को गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया, लेकिन ये सवाल अब भी अपनी जगह पर क़ायम है कि आखिर ये कार्रवाई करने में उसे नौ महीने से भी ज़्यादा क्यों लग गए?

और ये सवाल इसलिए क्योंकि जिस भोपाल पुलिस ने वर्मा को अब जाकर गिरफ्तार किया, उस भोपाल पुलिस को पीड़ित महिला ने पिछले साल के मार्च महीने में भी अपनी शिकायत लिखित तौर पर दी थी. लेकिन तब से लेकर अबतक पुलिस इस शिकायत पर कुंडली मार कर बैठी रही और अब इस देर का पुलिस का पास कोई पुख्ता जवाब नहीं है.

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पुलिस की दी गई शिकायत की मानें तो गिरीश चंद्र वर्मा पर इल्ज़ाम लगानेवाले पति-पत्नी सालों से उनके यहां काम कर रहे थे, लेकिन एक रोज अचानक उन्हें इस्तेमाल करने के बाद वर्मा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.

वैसे इतना सबकुछ होने के बावजूद और यौन शोषण के इल्जाम में गिरफ्तार हो कर जेल चले जाने के बावजूद महर्षि महेश योगी संस्थान की ओर से गिरीश चंद्र वर्मा के हक में जो बयान जारी किया गया है, उसमें उन्हें ना सिर्फ बेगुनाह बताया गया है, बल्कि ये कहा गया है कि बलात्कार का ये आरोप उनके दुश्मनों की साजिश के सिवा और कुछ भी नहीं.

 

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