एक नया साल सामने खड़ा है, लेकिन बीतता हुआ वर्ष जाते-जाते जिस कदर झकझोर रहा है, साल 2013 के स्वागत की हिम्मत कम लोग जुटा पा रहे हैं. दिल्ली गैंगरेप के बाद इतना गुस्सा, इतनी उदासी और इतनी पीड़ा भर गई है कि नए साल का जश्न फीका पड़ गया है.