scorecardresearch
 
Advertisement
साइबर क्राइम

UP: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बनाया हैकर गैंग, कानपुर में बैठ अमेरिकी लोगों को लगाया करोड़ों का चूना

कानपुर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी
  • 1/9

उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर कोरोना काल में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी चली गई फिर उसने अपराध की दुनिया में कदम रख लिया. वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर से बन गया ऑनलाइन लुटेरा.

कानपुर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी
  • 2/9

सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर एक हैकर गैंग बनाया और अमेरिकी कंपनियों को टारगेट कर करोड़ो की अवैध वसूली करने लगा. पुलिस ने इस गैंग के सरगना समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है, अब इनसे पूछताछ की जा रही है. गिरोह का सरगना मोबाइल हैकिंग में एक्सपर्ट बताया जा रहा है. 

 कानपुर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी
  • 3/9

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने कानपुर जैसी छोटी जगह पर गुपचुप तरीके से कॉल सेंटर बनाया और दर्जनों अमेरिकी कंपनियों का डाटा हैक कर उसने करोड़ों की अवैध वसूली कर डाली. कानपुर जैसी जगह पर कॉल सेंटर चालने के पीछे इनका मकसद था कि किसी को इसकी भनक न लगे.

Advertisement
कानपुर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी
  • 4/9

पुलिस ने इस गैंग के सरगना समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. गैंग के सरगना मोहिंदर ने पुणे यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की है. लेकिन एक साल पहले लॉकडाउन में उसकी नौकरी चली गई थी.  तभी उसने अपने जैसे कुछ युवाओं को इकट्ठा किया और एक हैकर गैंग बना लिया.

कानपुर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी
  • 5/9

बताया जा रहा है कि ये लोग अब तक अमेरिकी कंपनियों से 9 लाख डॉलर की ठगी कर चुके हैं. इस गिरोह के सदस्य पहले अमेरिकी लोगों का डाटा हैक करते थे. फिर उनकी मदद करने के नाम पर उसने डॉलर ठग लेते थे.  क्राइम ब्रांच इन शातिर अपराधियों से पूछताछ करने में जुटी है.  

कानपुर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी
  • 6/9

पुलिस ने बताया कि कानपुर जैसी जगह पर आरोपी मोहिंदर शर्मा ने एक इंटरनेशनल कॉल सेंटर खोला हुआ था. दिल्ली की एक कंपनी ने इस कॉल सेंटर को एक गेटवे दिया हुआ था. दोनों कंपनियां मिलकर अमेरिका की बड़ी-बड़ी कंपनियों के सर्वर हैक कर उन्हें एक मैसेज देते थे. जिसमें इस कॉल सेंटर का नंबर दर्ज होता था. ये नंबर काकादेव स्थित काल सेंटर का होता था. फिर यहां पर बैठे लोग उन कंपनियों से डाटा रिलीज करने के नाम पर भुगतान की राशि और तरीका बताते थे. 

कानपुर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी
  • 7/9

एक कंपनी का डाटा रिलीज करने के नाम पर 300-400 डॉलर मांगे जाते थे और पेमेंट होने के बाद सर्वर का कोडवर्ड भेज दिया जाता था. उसके बाद पूरा डाटा रिलीज हो जाता था. इस तरह से ये हैकर्स लाखों की कमाई करते थे. क्राइम ब्रांच की टीम ने दबिश देकर मोहिंदर शर्मा, संजीव,  उत्तम, जिक्रुल्लाह और सुमन को गिरफ्तार किया है.  पुलिस का कहना है कि कॉल सेंटर और भी लोग काम करते थे. जिन्हें नौकरी पर रखा गया था उनसे भी पूछताछ की जा रही है. 

(प्रतीकात्मक फोटो)

कानपुर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी
  • 8/9

पुलिस उपायुक्त अपराध सलमान ताज का कहना है कि काकादेव में चल रहा कॉल सेंटर अमेरिकी लोगों को ठगने का काम करता था. वेबसाइट पर लुभावने विज्ञापन दिखाकर पॉप-अप के माध्यम से कंपनियों के सिस्टम को हैक कर लिया जाता था. फिर उसे सही करने के लिए पैसों की डिमांड की जाती थी. ये लोग अब तक दस लाख डॉलर की ठगी कर चुके हैं. इसमें नोएडा और कानपुर ऑफिस को फायदा मिलता था. 

कानपुर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी
  • 9/9

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि लॉकाउन के दौरान इनकी नौकरी चली गई थी और परिवार पालने के लिए काम की सख्त जरूरत थी. कई जगह हाथ पैर मारने के बाद कहीं कोई काम नहीं मिला फिर इन्होंने अपना कॉल सेंटर खोल लिया. फिर विदेशी कंपनियों को चूना लगाने का काम शुरू किया. पुलिस अब कॉल सेंटर में काम करने वाले  लड़के और लड़कियों से पूछताछ करने में जुटी है. 

Advertisement
Advertisement
Advertisement