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डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन, OTP धोखाधड़ी के बाद देश भर से 18 ठग गिरफ्तार, वैज्ञानिक को भी नहीं छोड़ा

डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन, OTP के जरिए लोगों से ठगी करने के 300 से ज्यादा मामलों में हैदराबाद पुलिस ने अलग-अलग जगहों और राज्यों से कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों से 5 लाख रुपये नकद, 26 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं जबकि उनके बैंक खातों में 1,61,25,876 रुपये पाए गए हैं. अभी हाल ही में महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने भी 7 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में आंध्र प्रदेश के तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था.

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पुलिस ने ठगी के खेल में 18 लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने ठगी के खेल में 18 लोगों को किया गिरफ्तार

देश भर में 319 से ज्यादा साइबर ठगी को अंजाम देने के मामले में पुलिस ने तेलंगाना समेत अलग-अलग जगहों से 18 लोगों को गिरफ्तार किया है.  पुलिस ने रविवार को कहा कि तेलंगाना सहित देश भर में तीन सौ से ज्यादा साइबर धोखाधड़ी के मामलों में शामिल अठारह लोगों को अलग-अलग राज्यों से एक विशेष अभियान के तहत गिरफ्तार किया गया है.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद शहर के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने कहा कि निवेश धोखाधड़ी, डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन, ओटीपी धोखाधड़ी और 6,94,09,661 रुपये की बीमा धोखाधड़ी जैसे संगीन मामलों में ये गिरफ्तारियां शामिल हैं.

पुलिस की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि हैदराबाद सिटी साइबर अपराध यूनिट ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित अलग-अलग राज्यों में छह टीमों के साथ एक विशेष अभियान चलाया और 18 आरोपी लोगों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों से 5 लाख रुपये नकद, 26 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं जबकि उनके बैंक खातों में 1,61,25,876 रुपये पाए गए हैं. अभी हाल ही में महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने भी 7 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में आंध्र प्रदेश के तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था.

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वैज्ञानिक को 71 लाख का लगाया चूना

बता दें कि अभी शुक्रवार को ही मध्य प्रदेश के इंदौर में परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत एक संस्थान के वैज्ञानिक को  "डिजिटल अरेस्ट"  करके जालसाजों ने 71 लाख रुपये का चूना लगा दिया था.

क्या होता है डिजिटल अरेस्ट

डिजिटल अरेस्ट साइबर धोखाधड़ी का एक नया तरीका है जिसमें धोखेबाज ऑडियो या वीडियो कॉल करते हैं. खुद को पुलिस, सीबीआई, ईडी या अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारी के तौर पर पेश करते हैं और उन्हें केस से मुक्ति दिलाने के नाम पर वसूली करते हैं.

ताजा मामले में गिरोह के एक सदस्य ने 1 सितंबर को राजा रमन्ना एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सेंटर (आरआरसीएटी) में वैज्ञानिक सहायक के रूप में काम करने वाले पीड़ित को फोन किया और खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अधिकारी के रूप में पेश किया और उन्हें लाखों का चूना लगा दिया.


 

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