scorecardresearch
 

फेसबुक के जरिए इंटरनेशनल गैंग ने की 84 लाख रुपये की ठगी

झारखंड की राजधानी रांची में एक इंटरनेशनल गैंग ने लाखों रुपये का फ्रॉड किया है. यहां एक अजय सिंह नाम के एक व्यापारी को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए लालच देकर इस गैंग ने 84 लाख का चुना लगा दिया. पीड़ित शख्स ने पंडरा थाने के साइबर सेल में अपना मामला दर्ज कराया है. पुलिस छानबीन कर रही है.

Advertisement
X
symbolic image
symbolic image

झारखंड की राजधानी रांची में एक इंटरनेशनल गैंग ने लाखों रुपये का फ्रॉड किया है. यहां एक अजय सिंह नाम के एक व्यापारी को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए लालच देकर इस गैंग ने 84 लाख का चुना लगा दिया. पीड़ित शख्स ने पंडरा थाने के साइबर सेल में अपना मामला दर्ज कराया है. पुलिस छानबीन कर रही है.

जानकारी के मुताबिक, सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर रांची के रहने वाले बिल्डर अजय सिंह की दोस्ती लंदन की रहने वाली एक महिला से हो गई. शुरूआत में दोनों के बीच कुछ दिनों तक चैटिंग होती रही. एक दिन महिला ने अजय के सामने बिजनेस का एक ऑफर दिया. उसने सीड के जरिए कैंसर की दवा का धंधा करने का प्रपोजल रखा.

फेसबुक पर बिछी धोखे की बिसात
पीड़ित व्यापारी ने बताया कि रेचल जॉनसन नामक महिला ने उनको अपनी कंपनी क्लासिकल फार्मा के साथ कारोबार करने का ऑफर दिया था. उसने बताया कि भारत में एक्सट्रैक्ट मोनोडोरा हर्बल सीड के 400 ग्राम का पैकेट 2750 डॉलर में मिलता है. यह लंदन में 6500 डॉलर में बिकता है. उसने मुंबई के मोदी नाम के एक शख्स का नंबर भी दिया.

करोड़ों का झांसा देकर लाखों ठगे
मुनाफा कमाने के झांसे में आकर अजय ने रिचेल के फ्रेंड मोदी से 70 पैकेट सीड का आर्डर दिया. इसके लिए चैन्नई के एक एकाउंट में 84 लाख रुपये जमा किए. रेचल ने अजय से शर्त रखी कि जब तक 100 पैकेट सीड नहीं होगा, तब तक ऑर्डर स्वीकार नहीं किया जाएगा और न ही उसे छह करोड़ 14 लाख का भुगतान किया जाएगा.

पैसे लेने के बाद गायब हुआ गिरोह
मोदी के द्वारा 100 पैकेट नहीं देने पर अजय ने पैकेट वापस लेकर रुपये लौटाने की बात कही, तो उसने आनाकानी शुरू कर दी. वहीं, रेचल ने फेसबुक से अपना अकाउंट बंद कर दिया. मोदी अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ कर दिया. बाद में अजय को पता चला कि वह ठगा जा चुका है. इसके बाद उन्होंने साइबर सेल में यह मामला दर्ज कराया है.

छानबीन में लगी रांची पुलिस
रांची पुलिस ने बताया कि शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद इस मामले की जांच की जा रही है. यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इंटरनेशनल ठगों के इस गिरोह को कहीं इंडिया से तो ऑपरेट नहीं किया जा रहा है. फोन नंबर ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है, ताकि गिरोह का सुराग मिल सके. उनके एकाउंट पर भी पैनी नजर है.

Advertisement
Advertisement