बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai App) केस में मास्टरमाइंड समेत चार आरोपी कानून की गिरफ्त में आ चुके हैं. इस पूरे मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच और दिल्ली पुलिस ने अपने-अपने स्तर पर कार्रवाई को अंजाम दिया. मुंबई पुलिस ने तीन आरोपियों को धर दबोचा और दिल्ली पुलिस के हाथ इस पूरे शर्मनाक खेल का मास्टरमाइंड नीरज आ गया. आइए आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि अब तक इस मामले में क्या-क्या एक्शन हुआ और आरोपी कैसे कानून के शिकंजे में आ गए.
क्या है बुल्ली बाई ऐप
Bulli Bai नाम से एक ऐप बनाया गया है. उस ऐप पर मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया गया. उनके खिलाफ नफरत फैलाई गई. गंदी बातें लिखी गईं. दरअसल ये ऐप ठीक उसी तरह बनाया गया है, जैसे कुछ दिन पहले Sulli Deals बनाया गया था. Sulli deal को Github पर लॉन्च किया गया था, अब Bulli Bai को भी गिटहब (Github) पर लॉन्च किया गया है.
मुस्लिम महिलाओं को किया टारगेट
बुल्ली बाई ऐप पर उन सौ मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया गया, जो ट्विटर और फेसबुक पर दमदार मौजूदगी रखती हैं. इन पीड़िताओं में मीडिया समेत दूसरे फील्ड में काम करने वाली जानी-मानी महिलाएं शामिल हैं. इन महिलाओं ने शिकायत की है कि उस घटिया ऐप और प्लेटफॉर्म पर उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस ऐप की करतूत पर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई.
महिला पत्रकार की शिकायत पर केस दर्ज
दिल्ली पुलिस के एडिशनल कमिश्नर चिन्मय बिश्वास ने Bulli Bai App मामले में जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में 1 जनवरी की शाम को साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाने में एक महिला पत्रकार की शिकायत पर केस दर्ज किया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए मामला साइबर सेल को दिया गया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ऐप के होस्टिंग प्लेटफार्म गिटहब (Github) से सम्पर्क किया. ऐप के बार में सारी जानकारी मांगी.
गिटहब (GitHub) ने लिया एक्शन
इस बीच, गिटहब ने बुली बाई ऐप पर विवाद होने पर एक्शन ले लिया. गिटहब ने कहा कि इस ऐप में उत्पीड़न, भेदभाव और हिंसा भड़काने वाली सामग्री और आचरण उसकी नीतियों के खिलाफ हैं. सॉफ़्टवेयर डेवलपर का कहना है कि मामला सामने आते ही विचाराधीन यूजर्स के अकांउट को सस्पेंड कर दिया गया. GitHub ने इस मामले में कानूनी एजेंसियों को सहयोग का आश्वासन भी दिया.
मुंबई पुलिस ने भी लिया संज्ञान
बुल्ली बाई ऐप पर 100 मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया गया और उनकी तस्वीरें इस्तेमाल की गई. उनमें अभिनेत्री, सेलिब्रिटी, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता महिलाएं शामिल हैं. इस मामले के सोशल मीडिया पर छाने और सुर्खियों में आने के बाद मुंबई पुलिस भी हरकत में आ गई. इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मुंबई पुलिस ने तेजी से मामले की छानबीन शुरू कर दी. जांच की जिम्मेदारी मुंबई क्राइम ब्रांच को दी गई.
क्राइम ब्रांच ने की तीन गिरफ्तारी
इस मामले में सबसे पहले मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक्शन लिया और उत्तराखंड के उधम सिंह नगर से श्वेता सिंह नाम की लड़की को गिरफ्तार किया. इसके साथ ही क्राइम ब्रांच की दूसरी टीम ने बेंगलुरु में दबिश दी और वहां से विशाल कुमार नामक दूसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. और फिर मुंबई क्राइम ब्रांच ने तीसरे आरोपी मयंक रावल को भी उत्तराखंड से पकड़ लिया.
दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा मास्टरमाइंड
मुंबई पुलिस ने इस मामले में एक बाद एक तीन गिरफ्तारी कर वाहवाही लूटी तो दिल्ली पुलिस पर भी दबाव बढ़ गया. लेकिन दिल्ली पुलिस अपनी रणनीति के तहत काम कर रही थी. उसका टारगेट Bulli Bai ऐप को बनाने वाला शातिर था. पुलिस को सुराग हाथ लग चुका था. दिल्ली पुलिस की टीम ने बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात असम के जोरहाट में दबिश दी. 5 घंटे पूछताछ और छानबीन की. ऐसे इस पूरे षडयंत्र का मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
इंटरनेशनल एंगल पर भी जांच
इस खौफनाक साजिश की जांच भले ही मुंबई और दिल्ली पुलिस अलग-अलग कर रही थी, लेकिन जांच के बिंदु मिलते जुलते थे. पुलिस इस ऐप के जरिए रची गई साजिश का इंटरनेशनल एंगल खंगाल रही है. क्योंकि उत्तराखंड से पकड़ी गई श्वेता सिंह का लिंक नेपाल में बैठे एक शख्स के साथ बताया जा रहा था. यहीं से इस केस का नेपाल कनेक्शन होने का शक भी पैदा हुआ था. यही नहीं पुलिस ने संदिग्ध आरोपियों की तलाश में 6 राज्यों में दबिश दी. कई शहरों में तकनीकी सर्विलांस की मदद से आरोपियों के सुराग तलाशे गए. इंटरनेट और सोशल मीडिया पर बुल्ली बाई ऐप से जुड़ी हर जानकारी को खंगाला गया.
इस पूरे मामले में पुलिस को उस वक्त राहत मिली, जब असम के जोरहाट से इस साजिश का मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई पकड़ा गया. आइए आपको इस मामले में पकड़े गए आरोपियों के बारे में भी बताते हैं-
नीरज बिश्नोई - मुख्य आरोपी
बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai App) बनाने और इस पूरी साजिश के पीछे 21 साल का नीरज बिश्नोई था. जिसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वो वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल में बी.टेक कंप्यूटर साइंस द्वितीय वर्ष का छात्र था. जिसे अब निलंबित कर दिया गया है. उसके पिता दशरथ बिश्नोई जोरहाट में ही एक दुकान चलाते हैं. पिता का कहना है कि हाई स्कूल में अच्छे अंक मिलने पर उसे सरकार की तरफ से मुफ्त में लैपटॉप मिला था. वो अपना ज्यादातर वक्त लैपटॉप पर ही बिजी रहता था. पिछले दो साल से वो किसी से बात भी नहीं करता था. दिल्ली पुलिस की टीम ने शातिर आरोपी नीरज बिश्नोई को इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता और ऐप का निर्माता बताया है. उसकी गिरफ्तारी जोरहाट शहर के दिगंबर चौक इलाके से गुरुवार की सुबह की गई. अभी तक जांच में पता चला है कि नीरज छोटी उम्र से ही कट्टरपंथी बन गया था. उसके सोशल मीडिया अकाउंट भी इस बात की पुष्टि करते हैं.
श्वेता सिंह- आरोपी
Bulli Bai केस में दूसरी गिरफ्तारी श्वेता सिंह की हुई, जो उत्तराखंड के उधम सिंह नगर की रहने वाली है. उसकी उम्र 18 साल है. उसने कुछ ही समय पहले 12वीं पास की थी. उसकी मां की मौत कई साल पहले हुई थी. और कुछ माह पहले पिता भी कोरोना की वजह से चल बसे. परिवार में अब केवल 3 बहनें और उनका एक 10 साल का छोटा भाई है. श्वेता की बहनों का कहना है कि उसको न तो किसी से कोई मतलब था और न ही वो किसी भी गलत काम में पड़ती थी. उसे सोशल मीडिया पर एक लड़का मिला था, जिसके कहने पर उसने अकाउंट बनाया था. उसकी बहने कहती हैं कि वे किराये के मकान में रहते हैं. उनका कोई नहीं है. सरकार की वात्सलय योजना के तहत उन्हें जो पैसे मिलते हैं. उसी से वे गुजारी करती हैं. श्वेता की गिरफ्तारी के बाद मकान मालिक ने उन्हें घर खाली करने के लिए कह दिया है.
विशाल कुमार- आरोपी
बुल्ली बाई ऐप मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी बेंगलुरु से हुई थी. पकड़े गए आरोपी का नाम विशाल कुमार है. वो 21 साल का एक इंजीनियरिंग छात्र है. विशाल इस साजिश में आरोपी श्वेता के साथ शामिल था. विशाल ने ही श्वेता के नाम का खुलासा किया था. श्वेता और विशाल कुमार दोनों एक दूसरे को पहले से जानते हैं. पुलिस के मुताबिक, वे दोनों फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोस्त हैं. विशाल ने ही श्वेता के बारे में पुलिस को बताया. आसानी से दोनों के लिंक होने की पुष्टि भी जांच में हो गई. विशाल कुमार ने खालसा सुप्रीमिस्ट के नाम से खाता खोला था. ताकि लोगों को गलतफहमी हो और वो खालसा से मतलब ये निकालें कि इस साजिश के पीछे कोई सिख व्यक्ति है. आरोपी विशाल 10 जनवरी तक मुंबई क्राइम ब्रांच की रिमांड पर है.
मयंक रावल- आरोपी
Bulli bai ऐप केस में मुंबई क्राइम ब्रांच ने तीसरी गिरफ्तारी भी उत्तराखंड से की और मयंक रावल को गिरफ्तार किया. रावल भी एक छात्र है और उसकी उम्र 21 साल है. पुलिस का मानना है कि उसका कनेक्शन श्वेता सिंह और विशाल कुमार से हो सकता है. पुलिस मयंक रावल को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है.