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FBI का इनपुट और CBI का एक्शन... भारत में बैठ अमेरिकियों को ठगने वाले गैंग का भंडाफोड़

सीबीआई ने एक इंटरनेशनल साइबर क्राइम सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में मुंबई से एक शख्स की गिरफ्तारी भी हुई है, जो कि भारत में बैठकर अमेरिका के लोगों को ठगने का काम करता था. उसने एक अमेरिकी नागरिक से 4.5 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 3 करोड़ 77 लाख रुपए) की ठगी की थी.

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सीबीआई ने एक इंटरनेशनल साइबर क्राइम सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है.
सीबीआई ने एक इंटरनेशनल साइबर क्राइम सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है.

सीबीआई ने एक इंटरनेशनल साइबर क्राइम सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में मुंबई से एक शख्स की गिरफ्तारी भी हुई है, जो कि भारत में बैठकर अमेरिका के लोगों को ठगने का काम करता था. उसने एक अमेरिकी नागरिक से 4.5 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 3 करोड़ 77 लाख रुपए) की ठगी की थी, जिसके बाद फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी एफबीआई ने उसके खिलाफ इनपुट दिया था.

एक अधिकारी ने बताया कि साइबर अपराधियों के खिलाफ 'ऑपरेशन चक्र 3' चल रहा है. इसके तहत एफबीआई की इनपुट के आधार पर कार्रवाई में बुलियन समर्थित साइबर क्राइम नेटवर्क को ध्वस्त किया गया है, जो साल 2022 से विदेश में रह रहे लोगों को निशाना बना रहा था. पिछले दो दिनों में सात स्थानों पर की गई तलाशी के दौरान मुंबई से विष्णु राठी नामक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया गया है.

इस साइबर अपराधी के परिसर से 100 ग्राम की 57 सोने की छड़ें, 16 लाख रुपए कैश, मोबाइल फोन, क्रिप्टो करेंसी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लैपटॉप, लॉकर का विवरण और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं. जांच एजेंसी को ऐसी सामग्री मिली है, जिससे पता चलता है कि यह इंटरनेशनल साइबर फाइनेंशियल क्राइम नेटवर्क वर्चुअल एसेट और बुलियन के जरिए संचालित किया जा रहा था. 

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9 सितंबर को सीबीआई ने विष्णुराठी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने जून और अगस्त 2022 के बीच पीड़ित के कंप्यूटर और बैंक खाते तक अनधिकृत रिमोट एक्सेस प्राप्त करके एक अमेरिकी नागरिक को निशाना बनाने की साजिश रची थी. आरोपियों ने तकनीकी मदद के नाम पर पीड़ित के सिस्टम को हैक कर लिया और वारदात को अंजा दिया था.

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, "अमेरिका स्थित पीड़िता को गलत तरीके से सूचित किया गया कि उसके बैंक खाते से छेड़छाड़ की गई है. यह दावा करते हुए कि उसके पैसे को रिस्क है, पीड़िता को उनके द्वारा नियंत्रित क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया. इसके बाद उससे पैसे ठग लिए गए." सीबीआई इंटरपोल के जरिए से कई देशों में एफबीआई के साथ समन्वय कर रही है.

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