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झारखंड: फर्जी अधिकारी बन लोगों को देते थे झांसा, 11 साइबर अपराधी पकड़े गए

फर्जी मोबाइल नंबर से फर्जी बैंक पदाधिकारी बनकर आम लोगों को एटीएम बंद होने और केवाईसी अपडेट करने के नाम पर झांसा देते थे तथा उनसे एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी नम्बर और ओटीपी नम्बर लेकर ठगी करते थे.

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मोबाइल से फर्जी बैंक पदाधिकारी बन करते थे कॉल (Photo: File)
मोबाइल से फर्जी बैंक पदाधिकारी बन करते थे कॉल (Photo: File)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • धोखाधड़ी के आरोप में 11 साइबर अपराधी गिरफ्तार
  • मोबाइल से फर्जी बैंक पदाधिकारी बन करते थे कॉल
  • 16 मोबाइल फोन, 26 सिम कार्ड, दो पासबुक जब्त

साइबर अपराधियों द्वारा अक्सर लोगों के मोबाइल पर फोन करके उनके खाते और एटीएम के बारे में जानकारी मांगी जाती हैं. वे लोगों से पैसे भी मांग लेते हैं. ऐसे ही मामलों में झारखंड की देवघर पुलिस ने बड़े पैमाने पर छापेमारी कर शुक्रवार को साइबर धोखाधड़ी के आरोप में 11 लोगों को विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया.

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पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देवघर के पुलिस अधीक्षक अश्विनी कुमार सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर की गई छापेमारी में जिले के दो थाना क्षेत्रों से कुल 11 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है.

सिन्हा ने बताया कि आरोपी फर्जी मोबाइल नंबर से फर्जी बैंक पदाधिकारी बनकर आम लोगों को एटीएम बंद होने और केवाईसी अपडेट करने के नाम पर झांसा देते थे तथा उनसे एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी नम्बर और ओटीपी नम्बर लेकर ठगी करते थे.

उन्होंने बताया कि अपराधी गूगल पर विभिन्न प्रकार के वालेट्स व बैंक के कस्टमर केयर नंबर का विज्ञापन देकर टीम व्यूअर एवं क्विक सपोर्ट जैसे रिमोट एक्सेस ऐप्स इन्स्टाल करवा कर साइबर ठगी का काम करते थे.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के पास से सोलह मोबाइल फोन, 26 सिम कार्ड, दो पासबुक, एक जीओ राउटर, दो एटीएम, दो लैपटॉप, एक मोटरसाइकिल एवं 57,000 रुपये नकद बरामद किए गए हैं.

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