चेन्नई (Chennai) के महाबलीपुरम (Mahabalipuram) से ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक शख्स ने दुकानों में पेमेंट के लिए रखे क्यूआर कोड (QR Code) को बदलकर लाखों रुपये ठग लिए. शख्स एक निजी डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) कंपनी का पूर्व कर्मचारी था.
कैसे करते थे ठगी?
कल्लुकुट्टई (Kallukuttai) का रहने वाला सी वल्लारासु, PhonePe कंपनी में काम करता था. नौकरी के दौरान वह PhonePe का उपयोग करने के लिए दुकानदारों को जागरूक करता. इस बीच मार्च में वल्लारासु ने अपनी नौकरी छोड़ दी, लेकिन उसने 460 QR Code स्टिकर वापस नहीं किये.
वल्लारासु ने इन क्यूआर कोड का उपयोग करने और इसके जरिए ठगी की योजना बनाई. उसने एक दोस्त के बैंक खाते को QR Code से लिंक कर दिया. इसके बाद उन क्यूआर कोड को अपने दोस्तों के बैंक खाते में पहले से मौजूद क्यूआर कोड पर चिपका दिया जो कि दुकानों में रखे हुए थे.
वल्लारासु के पास पहले से ही उन दुकानों की डिटेल थी, जो PhonePe क्यूआर कोड का उपयोग कर रहे थे. इतना ही नहीं उसने इसकी भी पड़ताल कर ली थी कि कौन दुकानदार तुरंत अपने बैंक खातों की जांच नहीं करते हैं कि पेमेंट आया या नहीं.
ऐसे करता था दुकानदारों को टारगेट
वल्लारासु दुकानदारों की जानकारी के बिना रात के समय अपने क्यूआर कोड उनके कोड के ऊपर चिपका देता था.यही नहीं तीन दिनों के बाद वह क्यूआर कोड को हटा देता था ताकि दुकानदार को उसकी गलत गतिविधि का शक न हो.
वल्लारासु ने श्रीनिवासन नाम के एक दोस्त के बैंक खाते को क्यूआर कोड से जोड़ा था, लेकिन श्रीनिवासन उसकी अवैध गतिविधि से अनजान था. इस बीच, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी अपने कब्जे में ले लिया है, जिसमें वल्लारासु और उसका दोस्त एक दुकान के बाहर क्यूआर कोड चिपकाते हुए दिख रहे हैं. पुलिस ने रविवार को वाहन जांच के दौरान वल्लारसु (21) और उसके दोस्त एस रॉबर्ट (32) को गिरफ्तार किया है. दोनों को रिमांड पर भी लिया गया है.