नोटबंदी का अंतिम दौर में भी साइबर क्राइम के मामले कम नही हुए हैं. लोगों के बैंक अकाउंट से रकम उड़ाने वाले बदमाशों पर लगाम कसेगी ऐसी उम्मीद थी, लेकिन 31 दिसंबर के करीब आते-आते ATM से रकम उड़ाने वाले गिरोह का धंधा तेजी से फल फूल गया है. 40 दिनों के भीतर छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में साइबर क्राइम के 66 मामले दर्ज किए गए हैं. ये सभी मामले एक जैसे हैं. बैंकों का हवाला देकर पीड़ितों से उनके ATM का पिन नंबर और कोड पूछा गया और रकम उड़ा दी गई.
जानकारी के मुताबिक, ताजा मामला रायपुर के आजाद चौक थाना क्षेत्र का है. एक ठग ने खुद को बैंक मैनेजर बताकर ATM कार्ड का नंबर पूछा और महिला के खाते से 38 हजार रुपये उड़ा दिए. इस ऑनलाइन ठगी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. सप्ताह भर पहले तात्यापारा निवासी पूजा आमड़े ने शिकायत दर्ज कराई कि उसके पास एक बैंक मैनेजर का फोन आया. उसने भी सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया का खाता और ATM बंद होने की बात कहकर पिन और पासवर्ड पूछ लिए.
बताते चलें कि ऐसे सभी फोन कॉल दिल्ली, मुंबई और रायपुर के बैंक मुख्यालयों के नाम पर ग्राहकों के पास आए थे. ठगों ने उन्हें अकाउंट अपडेट करने के नाम पर पिन नंबर पूछा था. नोटबंदी की मार झेल रहे ग्राहकों को जरा भी ठगी की गुंजाइश नजर नहीं आई. ठगों ने उनसे यह तक पूछा कि उनके ATM से पैसा निकल रहा है की नहीं. नोटबंदी की जद्दोजहद में ग्राहक ठगों के जाल में फसते चले गए. उन्हें ठगी का अहसास उस वक्त हुआ जब उनके मोबाइल पर अकाउंट अपडेट अलर्ट का मैसेज आया.
नोटबंदी के बाद ATM ठगी के सर्वाधिक मामले बिलासपुर में 9, जांजगीर में 6, धमतरी में 4, महासमुंद में 7, दुर्ग में 13, राजनांदगांव में 9, रायपुर में 4, कांकेर में 4, जगदलपुर में 11, कोंडागांव में 5, अंबिकापुर में 10, जशपुर में 7 और कोरिया 6 दर्ज हुए हैं. अखबारों और टेलीविजन में अक्सर साइबर क्राइम को लेकर लगातार सरकार लोगों को आगह कर रही है. सूचना में यह भी साफ़ तौर पर बताया जाता है कि अपने ATM का पिन नंबर किसी को भी ना बताएं. इसके बावजूद लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं.