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बिहार: शेखपुरा कलेक्टर के नाम पर Cyber Fraud, झांसे में आकर कई अफसरों ने भेज दिए पैसे

शेखपुरा के डीएम सावन कुमार के नाम से बनाए व्हाट्सएप अकाउंट के जरिए साइबर ठगों ने जिले के एसडीओ, जिला खनिज पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को मैसेज भेज पैसों की डिमांड की. कलेक्टर के नाम से आए मैसेज को देख कुछ अधिकारियों ने बिना जांच किए पैसे ठग के बताए नंबर पर भेज दिए. बाद में ठगी होने की बात सामने आई.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

साइबर ठगों ने देश में आतंक मचा रखा है. पहले आम आदमी के साथ साइबर ठगी की खबरें सामने आती थीं. अब की बार बिहार के शेखपुरा जिले के डीएम (कलेक्टर) साइबर ठग के रडार में आ गए. उनके नाम से फेसबुक आईडी और व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उनके अधीनस्थ अधिकारियों से ठगी की गई है.

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हुआ यूं कि, शेखपुरा के डीएम सावन कुमार के नाम से बनाए व्हाट्सएप अकाउंट के जरिए साइबर ठगों ने जिले के एसडीओ, जिला खनिज पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को मैसेज भेज पैसों की डिमांड की. कलेक्टर के नाम से आए मैसेज को देख कुछ अधिकारियों ने बिना जांच किए पैसे ठग के बताए नंबर पर भेज दिए. कलेक्टर द्वारा पैसों की डिमांड किए जाने की बात पूरे जिले में आग भी तरह फैल गई. इसकी जानकरी जब कलेक्टर सावन कुमार को लगी तो उन्होंने मामले में संज्ञान लिया और जांच कराई. तब जाकर उनके नाम पर साइबर फ्रॉड किए जाने की सच्चाई बाहर आई.

कलेक्टर ने की अपील

अपने नाम से ठगी किए जाने के बात सामने आने पर शेखपुरा डीएम सावन कुमार ने अपील करते हुए कहा कि मोबाइल नंबर 96647-81209 से फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप बना कर साइबर अपराधी ठगी कर रहे हैं. डीएम ने कहा अगर मेरे नाम से या फिर मेरा करीबी होने की बात कहकर किसी व्यक्ति द्वारा दोहन किया जाता है तो वह भी साइबर अपराध की श्रेणी में आता है.

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गुजरात का निकला नंबर

जिस नंबर से व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर कर जिले के अधिकारियों को मैसेज भेज कर ठगी की गई थी वह गुजरात का निकला. नंबर 
प्रेम जी भाई हरी जी भाई चौहान के नाम पर रजिस्टर्ड है. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. वहीं, डीएम सावन कुमार के फर्जी फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से ठगी करने की घटना का उजागर हो जाने से कई अधिकारी ठगी होने से बच गए.

लोकसभा स्पीकर के नाम से भी ठगने की कोशिश

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के नाम व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर कई सांसदों को मैसेज भेज कर पैसों की डिमांड की गई थी. लेकिन सांसद समझ गए थे कि उनके साथ साइबर फ्रॉड करने की कोशिश  की जा रही है. जिसके बाद सांसदों द्वारा इनकी जानकारी लोकसभा स्पीकर ऑफिस को दी गई थी. दरअसल हाल ही में साइबर अपराधियों ने देश के कई बड़े लोगों का नाम इस्तेमाल करके व्हाट्सएप ग्रुप और मैसेज नंबर क्रिएट किया है और उससे लोगों को मैसेज भेजकर चंदा और चैरिटी के नाम पर पैसे की उगाही कर रहे हैं.

 

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