दिल्ली से सटे गुरुग्राम के सोहना रोड पर फ्लोरा एवेन्यू 33 सोसायटी के तीन फ्लैटों में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. यहां से 4 महिलाओं समेत 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी ऑनलाइन तकनीकी सहायता देने के बहाने विदेशी नागरिकों को ठग रहे थे. उनके पास से 25 मोबाइल फोन, 16 लैपटॉप और 50 हजार रुपए कैश बरामद किए गए हैं.
पुलिस के मुताबिक, उन्हें सूचना मिली थी कि फ्लोरा एवेन्यू 33 सोसायटी के फ्लैट ए-20, 21 और 22 में फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है, जिसमें ऑनलाइन तकनीकी सहायता देने के बहाने विदेशी नागरिकों को ठगा जा रहा है. सूचना मिलने के बाद साइबर क्राइम साउथ थाने की टीम ने शुक्रवार रात छापेमारी की, जहां पुरुष और महिलाएं लैपटॉप और मोबाइल पर व्यस्त पाए गए.
आरोपी अपने हेडफोन का इस्तेमाल कर अंग्रेजी में कॉल करने में व्यस्त थे. पुलिस ने बताया कि पूछताछ करने पर वे दूरसंचार विभाग का कोई वैध ओएसपी लाइसेंस या अपने काम से संबंधित कोई अन्य समझौता/एमओयू नहीं दिखा सके. इसके बाद इस फर्जी कॉल सेंटर से 4 महिलाओं समेत 20 लोगों को पकड़ लिया गया. अधिकांश आरोपी मणिपुर, नागालैंड और नेपाल के मूल निवासी हैं.
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ साइबर क्राइम साउथ थाने में बीएनएस और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पूछताछ में पता चला कि महेंद्र बजरंग सिंह इस कॉल सेंटर का मैनेजर है, जो मई से इन किराए के फ्लैटों में चलाया जा रहा है. एसीपी साइबर प्रियांशु दीवान ने बताया कि आरोपी तकनीकी सहायता के नाम पर विदेशियों को ठगते थे.
बताते चलें कि जुलाई में भी एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया गया था, जहां से विदेशी नागरिकों को ठगा जाता था. सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र-2 के तहत 43 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया था. वे सभी गुरुग्राम में कॉल सेंटर का संचालन करते हुए यहीं से विदेशी नागरिकों से ठगी करते थे. ऑनलाइन क्राइम करने वाला यह अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड सिंडिकेट था.
सीबीआई ने इस सिंडिकेट के खिलाफ साल 2022 से देश में चल रहे साइबर फाइनेंशियल क्राइम नेटवर्क को तार-तार करने के मकसद से ऑपरेशन चक्र शुरू किया था. इसी सिलसिले की अगली कड़ी के तहत सीबीआई ने 22 जुलाई 2024 में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी. जांच में कई अन्य देशों की एजेंसियां मसलन एफबीआई और इंटरपोल को भी शामिल किया गया था.
सीबीआई ने दिल्ली और साइबर सिटी गुरुग्राम में 7 लोकेशन पर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान खुलासा हुआ था कि डीएलएफ गुरुग्राम स्थित कॉल सेंटर से यह साइबर फ्रॉड किया जा रहा है. आरोपी लोगों के कंप्यूटर पर पॉप अप मैसेज भेजकर संदिग्ध सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कहते थे. इसके बाद वो सिस्टम को रिस्टोर करने के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाते थे.
इसी मामले में सीबीआई ने ताबड़तोड़ 43 साइबर ठगों को धर दबोचा. साइबर ठगी के इन आरोपियों के पास से 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन और 5 लैपटॉप बरामद किए गए थे. इसके अलावा बड़ी संख्या में पीड़ितों की जानकारी, दस्तावेज, कॉल रिकॉर्डिंग और ट्रांसक्रिप्ट बरामद की गई. इस साइबर क्राइम से होने वाली आमदनी हांगकांग तक भी पहुंचाई जाया करती थी.