सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर आजकल कई लोगों के नाम से फेक अकाउंट बनाए जा रहे हैं. साइबर अपराधी इन अकाउंट्स को बनाते हैं और फिर लोगों को रिक्वेस्ट भेजकर उनसे पैसे मांगते हैं. अभी तक तो फेक अकाउंट आम लोगों के ही बनाए जाते थे. लेकिन अब इन साइबर अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया कि झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा के नाम से फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बना लिया है और दर्जनों लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज रहे हैं.
साइबर अपराधियों ने झारखंड पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी नीरज सिन्हा के नाम पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर पैसे की मांग की है. फर्जी प्रोफाइल से डीजीपी के परिचितों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई थी. फर्जी प्रोफाइल बनाने के लिए उनकी असल प्रोफाइल के तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया था. मामला सामने आने के बाद डीजीपी ने अपने परिचितों से इससे सावधान रहने की अपील की है.
साइबर अपराधियों ने अब तक कई आईपीएस और पुलिस अधिकारियों के नाम पर फर्जी प्रोफाइल बनाए हैं. साइबर अपराधियों ने सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा के एनजीओ प्रभारी अमरेंद्र कुमार वर्मा, डीएसपी मो. नेहाल, डीएसपी कमल किशोर, झारखंड पुलिस के इंस्पेक्टर और वर्तमान में ईडी में प्रतिनियुक्त अनिल सिंह के फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाकर पैसे की मांग की गई थी.
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इससे पहले साइबर अपराधियों ने कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन सिंह की तस्वीरों का इस्तेमाल कर दो अलग अलग प्रोफाइल बनाए थे. इसके बाद डीआईजी कोल्हान ने फेसबुक पोस्ट लिखकर खुद इस बात की जानकारी दी थी कि उनकी तस्वीरें चुराकर फर्जी प्रोफाइल बनायी गई है. लेकिन अब तक किसी भी मामले में एक भी साइबर अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई.
लॉकडाउन के बाद फेसबुक के जरिए ठगी का ट्रेंड काफी बढ़ा है. साइबर अपराधी फेसबुक की असल प्रोफाइल की तस्वीरें इस्तेमाल कर हूबहू नई प्रोफाइल बनाते हैं. इसके बाद संबंधित व्यक्ति के फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है. फेसबुक फ्रेंड बनने के बाद अस्पताल में इमरजेंसी की बात कह 10 से 20 हजार रुपये की मांग मोबाइल एप के जरिए की जाती है.