
संसद भवन और लाल किले के पास चलाए जा रहे अवैध 'टेलीफोन एक्सचेंज' का भंडाफोड़ किया गया है. राजधानी दिल्ली में चलाए जा रहे इस अवैध 'टेलीफोन एक्सचेंज' (Fake telephone exchange) से सरकार के रेवेन्यू को तो नुकसान पहुंचाया जा ही रहा था, साथ-साथ इससे खुफिया एजेंसियों को चकमा भी दिया जाता था.
अवैध 'टेलीफोन एक्सचेंज' संसद भवन से 7 किलोमीटर दूर और लाल किला से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर पुरानी दिल्ली के अंसारी रोड से चलाया जा रहा था. इसे नवाब खान नाम का शख्स चला रहा था. वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. फिलहाल पुलिस नवाब खान की तलाश में है, जो कि फरार है.
दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट और डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम की सिक्योरिटी विंग ने इस फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया. छापेमारी में बड़े पैमाने पर सर्वर, राउटर आदि बरामद हुए हैं, जिनको जब्त कर लिया गया है. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम अवैध एक्सचेंज को सील कर दिया है.
अवैध 'टेलीफोन एक्सचेंज' का क्या था काम
फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज भारत में आने वाली इंटरनेशनल कॉल को सर्वर के जरिए लोकल कॉल में बदल देता था. भारत सरकार की इंटरनैशनल कॉल को लेकर बनाई गई पॉलिसी ILD ( इंटरनेशनल लांग डिस्टेंस ) गेटवेज (gateways) को बाइपास करके विदेशों से आने वाली इंटरनेट कॉल सीधा पुरानी दिल्ली में चल रहे इस सर्वर पर आती थी फिर इस सर्वर के जरिए इंटरनेट कॉल वॉइस कॉल में तब्दील होकर लोकल नंबर में बदल जाती थी. मतलब कि भारत मे जिसके पास कॉल की गई उसे लोकल नंबर ही शो होगा, इंटरनेशनल नंबर नहीं.
स्पेशल सेल के सूत्रों का कहना है कि वे भारत मे मौजूद उस शख्स तक तो आसानी से पहुंच जाते हैं जिसके पास इंटरनेशनल कॉल आई, लेकिन जिसने इंटरनेशनल कॉल किया उसका पता नहीं लगाया जा सकता. क्योंकि इस कॉल को सुरक्षा एजेंसियां ट्रैक नहीं कर सकतीं. इसे सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा है माना गया है.