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दिल्ली में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर, निशाने पर थे क्रेडिट कार्ड होल्डर, ऐसे लगाते थे चूना

क्राइम ब्रांच ने एक फेक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जो क्रेडिट कार्ड के नाम पर लोगों से फर्जीवाड़ा कर उनके रुपये चुरा लेता था. पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से कई चौंकाने वाली चीजें बरामद हुई हैं.

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फर्जी कॉल सेंटर चलाने के आरोप में 11 गिरफ्तार
फर्जी कॉल सेंटर चलाने के आरोप में 11 गिरफ्तार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • क्रेडिट कार्ड से पैसे ई वॉलेट में ट्रांसफर करते थे
  • जाली दस्तावेजों पर खुले अकाउंट में होता पैसा ट्रांसफर
  • लोन दिलाने के नाम पर लोगों को ठगा करते थे

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक फेक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. जहां से पूरे देश भर में क्रेडिट कार्ड यूजर को फोन कर उनके साथ धोखाधड़ी की जाती थी. पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 117 सिम कार्ड, 28 मोबाइल फोन और कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. जिन पर क्रेडिट कार्ड होल्डर के डाटा मौजूद है. पुलिस के मुताबिक ये लोग क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने के नाम पर और इंश्योरेंस के नाम पर क्रेडिट कार्ड पर लोन दिलाने के नाम पर लोगों को ठगा करते थे.  

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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी कि जनकपुरी एरिया में ओमान नाम का शख्स एक फेक कॉल सेंटर चला रहा है. जहां से वो क्रेडिट कार्ड होल्डर्स के साथ धोखाधड़ी कर रहा है. इनके टारगेट पर ज्यादातर वो लोग होते थे जो नया कार्ड बनवाते थे. लोगों को वह फोन कर और रीवार्ड प्वाइंट को रिडीम करने के नाम पर लोगों से उनके कार्ड का डिटेल और ओटीपी मांग लेते हैं और फिर पलक झपकते ही क्रेडिट कार्ड से पैसे ई वॉलेट में ट्रांसफर कर लेते.  फिर वहां से अलग-अलग जाली दस्तावेजों पर खुले अकाउंट में भेज देते.  

मुख्य आरोपी 12वीं पास है

आरोपी ओमान सिर्फ 12वीं पास है और कैराना उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. वो 2015 में  एक ऐसी कंपनी में काम करता था जहां पर क्रेडिट कार्ड सेलिंग होती थी. लेकिन इसके बाद उसने अपना काम शुरू कर दिया और उसी के साथ इसने कॉल सेंटर खोला. पहले बेरोजगार युवकों को नौकरी देने के नाम पर उन्हें ठगा करता था. फिर इसने क्रेडिट कार्ड के नाम पर ठगी शुरू कर दी. दो लड़कियों को महीने की सैलरी के आधार पर टेलीकॉलर की नौकरी दे रखी थी. 

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जालसाजी के नेटवर्क का पर्दाफाश 

ओमान को एक कैफ नाम का शख्स कार्ड होल्डर की डिटेल देता था. पुलिस को पूरी चेन की जानकारी मिल गई है. कैफ, हाशिम और परविंदर  नाम के युवक से यह डीटेल खरीदता था. हाशिम और परविंदर , विशाल नाम के युवक से डिटेल खरीदते थे. यह दोनों आगे रवि और साजन से लिया करते थे. जबकि यह दोनों यह पूरी डिटेल संजय पंडित नाम के एक सॉफ्टवेयर कंपनी के मैनेजर से लिया करते थे. जिस कंपनी में संजय काम करता था वो कार्ड प्रोडक्शन प्लान बेचती है. यहीं से डाटा चोरी कर संजय इसे आगे भेज दिया करता था. पूछताछ में पता चला है कि अलग-अलग तरीकों से ओमान को पिछले 3 महीनों में 50000 लोगों के क्रेडिट कार्ड की डिटेल मिल गई थी.  पुलिस ने इस मामले में इस पूरे नेटवर्क को पकड़ लिया है. 

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