दिल्ली पुलिस ने एक जालसाज को बंगाल से गिरफ्तार किया है जो गूगल पर नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी इश्तेहार के जरिए रुपये ऐंठता था. उसने जालसाजी के जरिए अबतक 25 लोगों को अपना निशाना बनाया था.
दरअसल, हरगोविंद इनक्लेव, राजपुर खुर्द एक्सटेंशन, छत्तरपुर, दिल्ली की रहने वाली एक महिला मुकुल रावत नाम के शख्स के साथ खाना बनाने और होम डिलीवरी का काम करती थी. इस साल मार्च के पहले सप्ताह में उसे गूगल पर एक ऐड दिखाई पड़ा जिसमें विदेश में शेफ बनने का ऑफर था. ऐड देखने के बाद महिला ने संपर्क किया तो इश्तेहार देने वाले शख्स ने उसे अमेरिका में शेफ की नौकरी दिलाने की बात कही.
इस काम के बदले उसने रजिस्ट्रेशन के तौर पर महिला और उसके बिजनेस पार्टनर से 36 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन के तौर पर मांगा. बदले में उसे दो हजार डॉलर की सैलरी की नौकरी की बात कही. दोनों ने मांगी गई रकम जाम कर दी. कुछ दिन बाद जब इन लोगों ने ऐड में दिए गए नंबर पर कॉल किया तो शख्स का फोन बंद आया जिसके बाद महिला ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई.
जांच के दौरान पुलिस को मैदान गढ़ी थाने में एक और ऐसा ही मामला दिखा. पुलिस के मुताबिक सभी कॉन्टैक्ट नंबर फर्जी पते पर रजिस्टर्ड थे. इसके बाद पुलिस ने बैंक डिटेल्स खंगालीं तो पता चला आरोपी ने कई अन्य लोगों को अमेरिका और कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा है. इसके बाद पुलिस ने तकनीकी पहलुओं पर जांच की और आरोपी को धर दबोचा. पुलिस सारे तथ्यों की छानबीन करने के बाद कोलकाता के कस्बा पहुंची.
सात अप्रैल को चार बजे शाम के समय पुलिस ने 48 वर्षीय समीर अरविंद पारेख को नावापाली में एक होटल से गिरफ्तार किया. वो असम के गुवाहाटी का रहने वाला है. ठगी का ऐसा ही मामला गोवा और कोलकाता में भी है. वह रजिस्ट्रेशन और मेडिकल टेस्ट जैसी चीजों के बहाने लोगों को नौकरी का लालच देकर अपने सहयोगी के साथ मिलकर ठगी करता था.आरोपी का जन्म अहमदाबाद के गुजरात में हुआ था.उसका परिवार मुंबई में रहने लगा जहां से उसने अपनी बी कॉम की पढ़ाई पूरी की.बाद में वह असम के गुवाहाटी में शिफ्ट हो गया. वह कॉन्ट्रैक्ट लेबर के तौर पर काम करता था.