इराक और सीरिया में आईएसआईएस के आतंकियों को फंडिग करने वाले बगदादी के एक गुर्गे को राजस्थान एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है. 42 साल का जमील अहमद दुबई के एक बड़ी कंपनी में सीनियर फायनेंस मैनेजर के पद पर तैनात है. वो हवाला के जरीए आईएसआईएस के कमांडरों को पैसे पहुंचाता था.
राजस्थान एटीएस के अनुसार सीकर जिले के फतेहपुर का रहने वाला जमील पिछले दो साल में आईएसआईएस को 15 लाख रुपये हवाला के जरीए दे चुका है. जमील सोशल मीडिया के जरीए आईएसआईएस के प्रचार-प्रसार में भी लगा हुआ था. भारत और बंग्लादेश में ये 700 युवाओं को इस आतंकी संगठन से जोड़ चुका है. वो 15 दिन पहले ही भारत आया था. जमील ने राजस्थान, तामिलनाडु, यूपी और कर्नाटक में भी हवाला के जरीए पैसे पहुचाएं हैं.
राजस्थान एटीएस के एडीजी उमेश मिश्रा के अनुसार जमील को पासपोर्ट के बारे में पूछताछ का झांसा देकर बुलाया था. जब सोशल साइट टेलीग्राम और किक पर उसकी सक्रियता को दिखाया गया तो वो टूट गया और कहने लगा कि सीरिया और इराक में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. वहां पर जरुरतमंदो को पैसे देकर हमने क्या गलत काम किया है.
जमील ने बी.कॉम और एमबीए किया है. वह परिवार समेत कुवैत में नौकरी करता था. लेकिन 1990 में कुवैत पर सद्दाम हुसैन के हमले के बाद उसने परिवार को भारत भेज दिया और खुद दुबई आ गया. जहां पर एक निजी कंपनी में सीएसआर और एनजीओ फंडिग का काम देखने लगा. मगर 2014 में सोशल साइट के जरीए वो आईएसआईएस से जुड़ा और फिर सीरिया में सरकार को हटाने के लिए उन्हें पैसे भेजने लगा. उसे दुबई में कंपनी उसे 3 लाख 60 हजार रुपये वेतन देती थी.
एटीस के अनुसार 15 दिन पहले वह अपने परिवार से मिलने मुंबई आया था. यहां वह पालघर इलाके में रह रहा था. जहां कुछ दिन पहले ही भारी मात्रा में आरडीएक्स भी मिला है. हालांकि फतेहपुर के व्यापारी नगर में रहने वाले इसके घरवालों ने एटीएस के आरोपों को गलत बताया है. एटीएस के अनुसार अभी जमील से पूछताछ की जा रही है, जिसमें कुछ और जानकारियां मिल सकती हैं. साथ कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है.