scorecardresearch
 

मध्‍य प्रदेश: Just Dial से ली जानकारी, बिजनेसमैन से ठगे 46 लाख और खरीद ली कार

Just Dial Fraud case Bhopal: पुलिस को आरोपियों के पास से 6 मोबाइलफोन, 12 सिम कार्ड, 13 एटीएम कार्ड, 2 चेक बुक और 2 लाख 10 हजार रुपए मिले. आरोपियों ने टाटा नेक्सोन कार भी खरीदी थी, जिसे जब्त किया गया है.

Advertisement
X
भोपाल पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने पकड़े आरोपी
भोपाल पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने पकड़े आरोपी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मध्‍य प्रदेश में व्‍यापारी को लगाया था चूना
  • आरोपियों ने धोखाधड़ी के पैसों से खरीदी कार

JustDial Cheating Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) में पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों को गेहूं बेचने के नाम पर उनको लाखों रुपए का चूना लगाता था. हैरानी की बात यह है कि गिरोह के लोग अपने शिकार की तलाश जस्ट डायल (JustDial) से करते थे. 

Advertisement

डीसीपी साई कृष्णा थोटा ने 'आजतक' को बताया कि भोपाल की साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने गेहूं खरीद के नाम पर 45 लाख 70 हजार रुपए की धोखाधड़ी करने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

3 दिसंबर को फरियादी ने आवेदन दिया था कि एसएम एक्सपोर्ट कंपनी के संचालकों ने 1250 टन गेहूं बेचने के नाम पर ट्रांसपोर्ट और बारदाना के लिए 45 लाख 70 हजार रुपए एडवांस पेमेंट मांगा गया था. जांच में सामने आया कि फरियादी ने चार अलग-अलग बैंक खातों में पैसा जमा कराया था.

मोबाइल, एटीएम कार्ड बरामद

पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो उत्तर प्रदेश के लखनऊ और फर्रुखाबाद के अलावा मध्य प्रदेश के ग्वालियर और भोपाल मे दबिश देकर पांच आरोपियों को दबोचा गया. इन आरोपियों के पास से 6 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड, 13 एटीएम कार्ड, 2 चेक बुक और 2 लाख 10 हजार रुपए नगद जब्त किए गए. इस दौरान पाया गया कि आरोपियों ने धोखे से कमाए गए धन से टाटा नेक्सोन कार खरीदी थी, जिसे जब्त किया गया है.

Advertisement

पुलिस ने पूछताछ में आरोपियों को बताया कि मुख्य आरोपी अंशु सिंह और गोपाल सोमवंशी जस्टडायल से नंबर निकालते थे, ये सभी आरोपी मिलकर फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी का संचालन करते हैं. गोपाल सोमवंशी यूपी के फर्रुखाबाद का रहने वाला है और वह गाह्रकों से फोन पर बात करने का था.

वहीं फर्रुखाबाद के ही रहने वाले एक और आरोपी दीपक का काम बैंक अकाउंट से पैसे निकालने का था. योगेश और विवेक विक्रम सिंह का भी यही काम रहता था.एक बार पैसा बैंक अकाउंट में आने के बाद गिरोह के अन्य साथी दीपक, योगेश और विवेक विक्रम  के साथ मिलकर तत्काल बैंक खाते से पैसा निकालने का काम करते थे. वहीं नगद निकासी की लिमिट खत्म होने पर अन्य बैंक खातो में पैसा ट्रांसफर कर नगद निकाल लेते थे. 

ऐसे देते थे वारदात को अंजाम 

  • कॉलिंग के लिए डाटा जस्टडायल से निकालते थे. 
  • आरोपी पहले गेहूं बेचने वाले से संपर्क करते थे 
  • खरीददार को कॉल करके गेंहू बेचने का ऑफर करते थे 
  • अगर खरीददार गेहूं खरीदने के लिए तैयार हो जाता है तो डील फिक्स करने के बाद खरीददार को बैंक एकाउंट नंबर भेज कर उनको एडवांस पैसे डालने के लिए बोलते थे
     

 

Advertisement
Advertisement