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'एक लाख भेजिए...' स्पीकर ओम बिरला के नाम पर जेडीयू सांसद से यूं हुई फ्रॉड की कोशिश

Cyber Crime News: जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू के मोबाइल पर जब लोकसभा स्पीकर के नाम से संदेश आया, तो वे चौंक गए. उनसे कहा गया कि वह जल्द एक लाख रुपये भेज दें, तब उन्हें ऐसा लगा कि उनके साथ फ्रॉड हो रहा है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू से फ्रॉड की कोशिश
  • लोकसभा स्पीकर के नाम से मोबाइल पर मांगे गए पैसे

बिहार के सीतामढ़ी से जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू अपने मोबाइल पर अचानक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संदेश देखकर हैरान हो गए. व्हाट्सएप पर मिले लोकसभा अध्यक्ष का मैसेज जानकर सुनील कुमार ने रिप्लाई किया. नमस्कार और प्रणाम किया. उधर से मैसेज भेजा गया कि पिंटू जी आप कैसे हैं. उन्होंने जवाब दिया है कि मैं ठीक हूं और पटना में हूं.

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उसके बाद  सुनील कुमार पिंटू को लग गया कि हो ना हो ये फ्रॉड नंबर है और उनसे साइबर फ्रॉड की कोशिश हो रही है. संदेश वाले नंबर में ओम बिरला को फोटो लगा हुआ था. उसके बाद संदेश भेजा गया कि मुझे एक व्यक्ति को गिफ्ट देना है. आप पांच-पांच हजार रुपये के 20 वाउचर गूगल के माध्यम से मुझे भेज दें.

ये संदेश मिलते ही सुनील कुमार पिंटू समझ गए कि उनके साथ कोई फ्रॉड हो रहा है. उसके बाद सुनील कुमार ने तुरंत इसकी सूचना लोकसभा स्पीकर कार्यालय को दी. पता चला कि इसी तरह लोकसभा अध्यक्ष के नाम पर कई सांसदों से फ्रॉड की कोशिश की गई है. सुनील कुमार पिंटू का कहना है कि अनजाने में इस तरह का मैसेज देखकर कोई सांसद पैसे दे दे, तो इससे उन लोगों की कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है. सुनील कुमार ने इसे बड़ा साइबर क्राइम बताते हुए पुलिस से कड़ा एक्शन लेने की बात कही है, जिसमें किसी गणमान्य व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल ना हो.

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दरअसल हाल ही में साइबर अपराधियों ने देश के कई बड़े लोगों का नाम इस्तेमाल करके व्हाट्सएप ग्रुप और मैसेज नंबर क्रिएट किया है और उससे लोगों को मैसेज भेजकर चंदा और चैरिटी के नाम पर पैसे की उगाही कर रहे हैं. सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि मैंने शिकायत दी है और उनके कार्यालय से पुलिस को सूचित किया गया है. पुलिस एक्शन में है. 

इससे पूर्व बुधवार को ओडिशा पुलिस ने साइबर अपराध मामले में बड़ी कार्रवाई की. यहां तीन लोगों को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नाम पर फर्जी व्हाट्सएप चलाने पर गिरफ्तार किया. संसदीय सूत्रों ने कहा कि इन तीनों ने गिरोह को पहले से सक्रिय सिम कार्ड बेचे थे और उनमें से एक का इस्तेमाल सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध स्पीकर की तस्वीर का उपयोग करके बिरला की नकली व्हाट्सएप पहचान बनाने के लिए किया गया था.

पिछले महीने उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के नाम पर एक शख्स ने वीआईपी सहित कई लोगों को संदेश भेजकर पैसे मांगे थे. उनके कार्यालय ने तब गृह मंत्रालय को अलर्ट किया था. इस तरह यह साफ हो रहा है कि किस तरह साइबर क्राइम के जाल में अब तक आम लोगों को फंसाने की कोशिश होती रही है, लेकिन अब सांसद भी इससे अछूते नहीं हैं.

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