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ड्रैगन ने किया था पावर ग्रिड पर साइबर अटैक! महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री बोले- अब नहीं करेंगे चीनी उपकरणों का उपयोग

पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई पावर ग्रिड फेल होने के मामले में महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि हमने इस मामले की जांच के लिए कमेटियां बनाईं थीं. रिपोर्ट में पता चला है कि आठ GB डाटा चोरी हुआ था. ऐसे में हमारा विभाग अब से चीन में बने किसी भी उपकरण का इस्तेमाल नहीं करेगा. 

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साइबर अटैक (प्रतीकात्मक चित्र)
साइबर अटैक (प्रतीकात्मक चित्र)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुंबई पावर ग्रिड पर साइबर अटैक का मामला
  • चीनी उपकरणों का उपयोग नहीं करेगा महाराष्ट्र का बिजली विभाग
  • महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने दिया बयान

महाराष्ट्र में 'साइबर अटैक' से बिजली गुल हो जाने की घटना पर राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि अब उनका विभाग चीनी उपकरणों का उपयोग नहीं करेगा. साथ ही उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स की उस रिपोर्ट को भी सही माना, जिसमें दावा किया गया था कि चीन के साइबर अटैक से पिछले साल मुंबई में बड़े पैमाने पर अचानक बिजली गुल हो गई थी.  

पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई पावर ग्रिड फेल होने के मामले में नितिन राउत ने कहा कि हमने इस मामले की जांच के लिए तीन कमेटियां बनाईं थीं. जिसकी रिपोर्ट को बुधवार को सदन में पेश किया गया. रिपोर्ट में पता चला है कि आठ GB डाटा चोरी हुआ था. ऐसे में हमारा विभाग अब से चीन में बने किसी भी उपकरण का इस्तेमाल नहीं करेगा. 

महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा कि डिमांड और सप्लाई के आधार पर लोड डिस्पैच संतुलित करने वाली SCADA यूनिट से चीन, ब्रिटेन और आठ अन्य जगहों से फायरवाल ब्रेक कर ट्रोजन हॉर्स मालवेयर की एंट्री का पता चला है. इस मालवेयर ने सिस्टम से आठ GB का डाटा चुराया है.

राउत ने कहा कि हमारे पास जो शुरुआती जानकारी है, उसके मुताबिक निश्चित ही यह 'साइबर अटैक' था. बता दें कि अक्टूबर 2020 में मुंबई पावर ग्रिड फेल हो जाने से शहर में बड़े पैमाने पर बिजली चली गई थी. कई जगहों पर 10 से 12 घंटे तक बिजली गुल रही. जिसका आर्थिक गतिविधि पर बुरा असर पड़ा था.  

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मालूम हो कि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया कि जब पूर्वी लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव चल रहा था, तब यह 'साइबर अटैक' किया गया. मालवेयर के जरिए भारत की बेहद अहम विद्युत ग्रिड प्रणाली को निशाना बनाया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन से जुड़े एक ग्रुप RedEcho ने भारत के प्रमुख पावर ग्रिडों में मालवेयर प्लांट किया. 

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