प्रवासी कामगारों (Migrant Workers) के आधार कार्ड (Aadhaar Card) के जरिए करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. सूत्रों ने आज तक को बताया कि तीन अधिकारियों ने प्रवासी कामगारों के आधार की जानकारी के जरिए प्रोविडेंट फंड (PF) से 2.71 करोड़ रुपये निकाले हैं. इसके लिए अधिकारियों ने 91 फर्जी दावे दिखाए. मामला सामने आते ही सीबीआई (CBI) ने केस दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है.
धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद एम्प्लॉय प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई है. सूत्रों ने बताया कि EPFO के अधिकारी चंदन कुमार सिन्हा (सीनियर सोशल सिक्योरिटी असिस्टेंट, कांदिवली), उत्तम टैगारे (असिस्टेंट पीएम कमिश्नर, कोयंबटूर) और विजय जार्पे (असिस्टेंट पीएफ कमिश्नल, चेन्नई) के खिलाफ जांच शुरू की गई है.
दर्ज शिकायत के मुताबिक, चंदन कुमार सिन्हा और बाकी दोनों अधिकारियों ने कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के दौरान जून 2021 तक 91 फर्जी दावे सेटलमेंट किए. ऐसा शक जताया जा रहा है कि तीनों अधिकारियों ने 15 महीने में 91 फर्जी दावों के जरिए 2.71 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम निकाली है.
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बताया जा रहा है कि जब पिछली साल कोरोना महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था, तब EPFO ने PF निकालने के लिए नियमों में ढील दी थी, ताकि लोग पैसा निकाल सकें और उनकी मदद हो सके. अधिकारियों ने इन्हीं नियमों का फायदा उठाते हुए ये धोखाधड़ी की.
सूत्र बताते हैं कि ये अधिकारी सिस्टम के लूपहोल के बारे में जानते थे. उन्होंने प्रवासी कामगारों के आधार कार्ड की डिटेल का इस्तेमाल किया और उन्हें मुंबई स्थित एक कंपनी का कर्मचारी बताकर उनके नाम पर PF खातों से 2 लाख से 3.5 लाख रुपये तक निकाल लिए.
अब इस मामले में सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सीबीआई को ऐसा भी शक है कि इसी तरीके से देशभर में 800 से ज्यादा फर्जी दावों को सेटल किया गया होगा और उनसे करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई होगी.