महाराष्ट्र के कई शहरों में फर्जी कॉल सेंटरों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. यहां से हिंदुस्तान तो छोड़िए सात समंदर पार कई देशों के लोगों को चूना लगाया जा रहा है. हर साल करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की जा रही है. पिछले कुछ वर्षों में पुलिस ने दो दर्जन से अधिक फर्जी कॉल सेंटरों का खुलासा किया है. ताजा मामला नवी मुंबई का है, जहां पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. यहां वाशी इलाके में एक मॉल से संचालित किए जा रहे इस कॉल सेंटर से अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी की जा रही थी. ठाणे पुलिस ने 23 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनमें कॉल सेंटर के मालिक और मैनेजर का नाम भी शामिल है.
जानकारी के मुताबिक, ठाणे के वाशी इलाके में स्थित इस कॉल सेंटर के कर्मचारी खुद को यूएस अमेरिकी कंपनियों का प्रतिनिधि बताकर वहां के नागरिकों को कॉल किया करते थे. इसके लिए VCdial/Nextiva सॉफ्टवेयर के जरिए आउटबाउंड कॉल का इस्तेमाल किया जा रहा था. कॉल के दौरान अमेरिकियों को वियाग्रा और सियालिस जैसी शक्तिवर्धक दवाएं सस्ते में ऑफर की जाती थीं. जो लोग उनकी जाल में फंस जाते उन्हें ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद डिलीवरी का झांसा दिया जाता था. दवाओं की बिक्री से मिले पैसों को ठाणे के ही खारघर इलाके में स्थित एक बैंक में एक भारतीय कंपनी के नाम से बने अकाउंट में जमा कराया जाता था.
पुलिस ने छापा मारकर कॉल सेंटर कर्मियों को रंगे हाथ पकड़ा
ठाणे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि फर्जी कॉल सेंटर के मालिक ने मलाड में रहने वाले एक शख्स से अमेरिकी नागरिकों का डाटा खरीदा था. इसके बाद आरोपियों ने अमेरिकी नागरिकों के क्रेडिट/डेबिट कार्ड का विवरण प्राप्त करके उनके साथ धोखाधड़ी की थी. इस बात की लंबे समय से शिकायत मिल रही थी. पुलिस छापा मारकर कॉल सेंटर के कर्मचारियों को रंगे हाथ पकड़ा है. उनके पास से 3.97 लाख रुपए मूल्य की हार्ड डिस्क और बिजली के सामान के अलावा कई गैजेट बरामद किए गए हैं. सभी 23 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420 और 34 के साथ आईटी एक्ट और टेलीग्राफ एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
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फेक कॉल सेंटर के जरिए 11000 अमेरिकियों को लगाया चूना
इससे पहले साल 2018 में एक रैकेट का पर्दाफाश किया गया था. उस वक्त पुणे पुलिस ने एक ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया था, जिसने 11000 अमेरिकियों को चूना लगाकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई थी. कोरेगांव पार्क इलाके में स्थित इस फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मार तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. अमेरिका की फेडरल गवर्नमेंट इंटरनल रेवन्यू सर्विसेज की सहायता से पुणे पुलिस ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था. उस वक्त खुलासा हुआ था कि आरोपी रैंडम अमेरिकन नंबर पर कॉल करके अमेरिकी एजेंसियों के नाम का इस्तेमाल करते हुए वहां के लोगों टैक्स चोरी के नाम पर डराते थे और वैसे वसूलते थे.
इंस्टेंट लोन ऐप्स के जरिए पैसे देकर लोगों का उत्पीड़न करते
साल 2022 में पुणे पुलिस ने इंस्टेंट लोन ऐप्स के लिए काम करने वाले एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया था. इस ऐप के जरिए लोगों को कम रकम का लोन दिया जाता था. उसके बाद उसे न चुका पाने वालों को इस कॉल सेंटर के जरिए धमकी दी जाती थी. लोगों का उत्पीड़न किया जाता था. इसके लिए ऐप इंस्टॉल करने वालों के मोबाइल से सारा डेटा जैसे फोटो, कॉन्टेक्ट्स आदि चुरा लिया जाता था. इतना ही नहीं लोन लेने वालों से इंटरेस्ट और प्रोसेसिंग फीस भी वसूला जाता था. तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने कहा था कि पुणे के साइबर पुलिस स्टेशन को 2020 से 2022 तक 4700 से अधिक मामले मिले हैं, जिसमें लोगों ने लोन ऐप्स के खिलाफ शिकायत की थी.