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400 करोड़ की रंगदारी, पुलिस को चैलेंज, डार्क नेट का इस्तेमाल...मुकेश अंबानी से हुए 'मजाक' की Inside Story

देश के दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी से 400 करोड़ रुपए की रंगदारी मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस हैरान है. गिरफ्त में आए दो आरोपियों ने जो खुलासा किया है, उसे सुनकर कोई भी चौंक जाएगा. क्योंकि ये रंगदारी पैसों के लिए नहीं बल्कि अपना टैलेंट आजमाने के लिए मजाक में मांगी गई थी.

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मुकेश अंबानी से 400 करोड़ रुपए की रंगदारी मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस हैरान है.
मुकेश अंबानी से 400 करोड़ रुपए की रंगदारी मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस हैरान है.

क्या आप सोच सकते हैं कि कोई एशिया के सबसे बड़े बिजनेसमैन को जान से मारने की धमकी सिर्फ इसलिए दे रहा था, क्योंकि उसे अपना टैलेंट चेक करना था. उसे खुद पर इतना भरोसा था कि पुलिस उसे कभी नहीं पकड़ सकती है. इसलिए पुलिसवालों को चैलेंज करते हुए उसने कहा था, "कैच मी इफ यू कैन..." यानी पकड़ सकते हो तो पकड़ लो. उसे भरोसा था अपनी काबिलियत पर, डार्क नेट पर, जिसका इस्तेमाल करके उसने 400 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी. लेकिन मुंबई पुलिस उसे चैलेंज को स्वीकार करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद पूछताछ के दौरान उसने जो खुलासा किया, उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई. दरअसल, उसने रंगदारी मजाक में मांगी थी. उसे न तो पैसे चाहिए थे, न ही वो किसी को जान से मारना चाहता था. वो तो सिर्फ और सिर्फ अपनी काबिलियत की जांच कर रहा था. उसे जरा भी इल्म नहीं था कि पकड़ा जाएगा.  

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जी हां, ये कहानी बिजनेस टायकून मुकेश अंबानी से 20 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने से जुड़ी है. हैरानी की बात ये भी है कि इतना बड़ा दुस्साहस करने वाले की उम्र महज 20 साल है. वो कंप्यूटर साइंस का छात्र है. नाम है राजवीर खंत. इस लड़के ने अपनी शरारत से ऐसा भूचाल मचा दिया कि मुंबई से लेकर गुजरात पुलिस तक के होश उड़ गए. सितम देखिए कि ऐसा करनेवाला ये लड़का किसी आपराधिक पृष्ठभूमि से नहीं बल्कि गुजरात पुलिस के ही एक कांस्टेबल का बेटा है. कंप्यूटर और लैपटॉप से उसका लगाव कुछ इतना ज्यादा था कि वो घंटों उनके साथ ही रहता था. इंटरनेट में डार्क वेब से लेकर हर उस जगह की खाक छान चुका था, जहां से वो दुनिया की नजरों से बच कर कोई खुफिया काम कर सकता था. लेकिन आखिर क्या है ये डार्क नेट? कैसे करता है ये काम? जुर्म की दुनिया के लोग डार्क नेट का इस्तेमाल कैसे करते हैं, जिसके जरिए राजवीर ने रंगदारी मांगी थी? 

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आखिर क्या है डार्क नेट, जिसका इस्तेमाल कर मांगी गई रंगदारी?

डार्क नेट एक ऐसा ऑनलाइन स्पेस है, जो इंटरनेट के नॉर्मल स्पेस से अलग होता है. इसका इस्तेमाल अक्सर गैर कानूनी गतिविधियों को लिए किया जाता है. वेबसाइट्स, सर्विसेस और दूसरी कई गतिविधियां डार्क नेट का हिस्सा हो सकती हैं डार्क नेट का इस्तेमाल नाजायज और गुप्त गतिविधियों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि गैरकानूनी कपड़ों की तस्करी, हैकिंग टूल्स का इस्तेमा, गुप्त जानकारियों का आदान-प्रदान, मनी लॉन्डरिंग, नशीली दवाओं की बिक्री वगैरह. डार्क नेट तब बनता है जब कोई वेबसाइट या सर्विस कानूनी एजेंसियों से बच कर लोगों को गुप्त गतिविधियों को लिए प्लेटफॉर्म मुहैया करवाती है. इसके सहारे लोग रुपए-पैसे के नाजायज लेन-देन के कई दूसरे गैर कानूनी काम करते हैं. लेकिन डार्क नेट का इस्तेमाल सिर्फ गैर कानूनी वजहों से ही नहीं होता, कई बार व्हीसल ब्लोअर लोग भी सरकार तक या एजेंसियों तक अपनी सूचना पहुंचाने के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल करते हैं.

गैर कानूनी और कानूनी कामों के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल!

दरअसल लोग अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहते, इसलिए डार्क नेट उनके लिए एक अच्छा होता है. खुफिया गतिविधियों मसलन एनक्रिप्टेडेट मैसेज भेजने में भी डार्क वेब काम आती है. जिन इलाकों में इंटरनेट पर बहुत सख्त पाबंदियां हैं, वहां कई बार लोग सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं. सुरक्षा, प्राइवेसी और तकनीक के बारे में सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए भी डार्क नेट को काम में लिया जाता है. इसके अलावा क्रिमिनल एक्टिविटीज की मॉनिटरिंग और रिसर्च के काम में में भी साइबर सिक्योरिटी के एक्सपर्ट डार्क नेट से काम लेते हैं. यानी डार्क नेट वो जगह है, जिसका गैर कानूनी और कानूनी दोनों इस्तेमाल होता है. लेकिन आम तौर पर भी ये आम लोगों से बाहर की दुनिया है. लेकिन राजवीर खंत जैसे टैलेंटेड और हाईटेक लड़के ने इसका इस्तेमाल मजाक के लिए किया, क्योंकि उसे पुलिसवालों को छकाने में मजा आ रहा था.

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पुलिस पकड़ नहीं पाई तो ऐसे बढ़ाता गया रंगदारी की रकम

गुजरात के गांधीनगर के कल्लोल इलाके के रहने वाले राजवीर खंत ने पहले मुकेश अंबानी से 20 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी. ये रुपए नहीं देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी और इसके लिए बाकायदा उनकी कंपनी को ई-मेल किया. पहले मेल के बाद भी जब पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी, तो उसने अगले ही दिन दूसरा ई-मेल कर दिया, इसके साथ ही उसने रंगदारी की रकम बढ़ा कर 20 करोड़ से सीधे 200 करोड़ कर दिया. लेकिन इससे पहले कि पुलिस उसे ट्रैक कर पाती, उसका हौसला इतना बढ़ गया कि दो दिन बाद ही उसने तीसरा ई-मेल कर दिया. इस बार रंगदारी की रकम बढ़ा कर 200 से 400 करोड़ रुपए कर दी. इसके साथ ही उसने पुलिस को चैंलेज करते हुए ई-मेल में लिखा, "कैच मी इफ यू कैन.." यानी हर ई-मेल के साथ रंगदारी की रकम और उसका हौसला दोनों ही बढ़ता ही चला जा रहा था. लेकिन आखिरकार इस चूहे-बिल्ली के खेल का दी एंड हो ही गया. 

आरोपी के खुलासे ने मुंबई पुलिस की टीम को हैरान कर दिया

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करीब दस दिनों तक मुंबई पुलिस समेत तमाम एजेंसियों की नाक में दम करने वाले इस शख्स को गुजरात की राजधानी के गांधीनगर के कल्लोल इलाके से मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने धर दबोचा. लेकिन जब उससे पूछताछ हुई, एक इतने बडे आदमी को ताबड़तोड़ ई-मेल भेज कर उन्हें डराने की कोशिश करने और जान से मारने की धमकी देने का सबब पूछा गया, तो इस शख्स ने जो जवाब दिया, उससे सुन कर पुलिस भी हैरान रह गई. उसने बताया कि वो सबकुछ सिर्फ और सिर्फ मजाक में कर रहा था? सुन कर यकीन करना भी मुश्किल है. झुंझलाहट सी होती है, लेकिन मुंबई पुलिस की अब तक की तफ्तीश यही कहती है. पुलिस ने मुकेश अंबानी को ई-मेल भेज कर उन्हें जान से मारने की धमकी देने, रंगदारी मांगने और खुद को पकड़ने की चुनौती देने के इल्जाम में जिस शख्स को गिरफ्तार किया है, उसकी उम्र महज 20 साल की है. वो कंप्यूटर साइंस का स्टूडेंट है.

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पुलिस ने जब दबोचा तो हैरान रह गया आरोपी राजवीर खंत

राजवीर खंत को जब मुंबई के क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट की टीम ने गिरफ्तार किया, तो वो इसी बात को लेकर हैरान था कि आखिर पुलिस उस तक पहुंची कैसे? क्योंकि उसे पूरा यकीन था कि उसने जिस टेक्नोलॉजी की मदद से मुकेश अंबानी को धमकी भरे ई-मेल भेजे थे, उसे भारत की पुलिस कभी क्रैक ही नहीं कर सकती. अंबानी को ई-मेल भेजने के लिए उसने शादाबखान.मेलफेंस.कॉम नाम के यूजर आईडी का इस्तेमाल किया था. खुद को छुपाए रखने के लिए वीपीएन मास्किंग के सहारे ई-मेल भेजे थे. ताकि मेल ऑरिजिन कहीं से हो और लोकेशन कहीं और का दिखे. यही वजह है कि जब पुलिस ने शुरू में शादाबखान.मेलफेंस.कॉम को लोकेट करने की कोशिश की, तो पता चला कि मेल बेल्जियम से भेजे गए हैं. पुलिस ने वहां के सर्विस पोवाइडर से भी संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन इसी बीच साइबर एक्सपर्ट्स ने ये खोज निकाला कि खेल गुजरात से खेला जा रहा है. 

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पुलिस की नाक में दम करने वाला राजवीर अकेला नहीं था

मुकेश अंबानी को धमकी भरे ई-मेल भेज कर पुलिस की नाक में दम करने वाला राजवीर अकेला नहीं था, बल्कि उसकी देखादेखी गुजरात से 1200 किलोमीटर दूर तेलंगाना से भी एक 19 साल के एक लड़के ने मुकेश अंबानी को धमकी भरा ई-मेल भेज दिया था. राजवीर खंत से भी आगे बढ़ कर उनसे 500 करोड़ रुपये मांग लिए थे. इन अलग-अलग ईमेल के बाद मुंबई के ही गामदेवी पुलिस स्टेशन में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद क्राइम ब्रांच जहां राजवीर खंत तक पहुंच गई, वहीं गामदेवी थाने की पुलिस तेलंगाना रमेश वनपारधी नाम के एक लड़के को पकड़ कर लाई. रमेश वनपारधानी तेलंगाना यूनिवर्सिटी के बीकॉम थर्ड ईयर का स्टूटेंड है. उसने भी कबूल किया है कि उसने मुकेश अंबानी को मेल सिर्फ उन्हें भेजे जा रहे धमकी भरे ई-मेल को देख कर जोश-जोश में कर दिया था. उसे नहीं पता था कि ऐसा करने पर उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है.

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