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शेयर बाजार में निवेश का लालच, अमीर बनने की ख्वाहिश... एक बुजुर्ग ने ऐसे गंवाए 1.12 करोड़ रुपए

मुंबई में एक ऑनलाइन स्टॉक इन्वेस्टमेंट के जरिए पैसा कमाने का लालच देकर एक शख्स ने एक बुजुर्ग से 1.12 करोड़ रुपए ठग लिए. इस मामले की शिकायत मिलने के बाद मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. उसके पास से 82 लाख रुपए बरामद हुए हैं.

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देश में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहे हैं.
देश में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहे हैं.

देश में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहे हैं. जागरूकता के अभाव और लालच की वजह से लोग बड़ी संख्या में साइबर ठगी के शिकार बन रहे हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट की माने तो देश में साल 2022 में साइबर क्राइम के 65893 मामले दर्ज किए गए हैं. साल 2021 के मुकाबले 2022 में साइबर ठगी के मामलों में 25 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. ताजा मामला देश की आर्थिक राजधानी मुंबई का है.

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यहां शेयर बाजार में निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा कर एक वरिष्ठ नागरिक से कथित तौर पर 1.12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में मुंबई पुलिस के साइबर अपराध विभाग ने 34 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपी भरत दीपक चव्हाण को शुक्रवार को उपनगरीय बांद्रा से पकड़ा गया है. उसके 33 बैंक खातों में जमा किए गए 82 लाख रुपए भी पुलिस ने बरामद किए हैं.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि भरत दीपक चव्हाण ने कई बैंक खाते खोले थे. इनमें दिसंबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच 1.12 करोड़ रुपए मिले. शिकायतकर्ता संदीप देशपांडे (68) ने पुलिस को बताया कि दिसंबर में उन्हें अलग-अलग नंबरों से कई व्हाट्सएप संदेश मिले, जिसमें उन्हें एक शेयर ट्रेडिंग ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया. वो ग्रुप में शामिल हो गए.

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आरोपी भरत दीपक चव्हाण ने संदीप देशपांडे को बताया कि उनके नाम पर एक ट्रेडिंग अकाउंट खोला गया है. देशपांडे ने कहे अनुसार पैसा जमा कर दिया और उन्हें दिखाया गया कि वह अच्छा रिटर्न कमा रहे हैं. लेकिन जब उसने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपी ने कहा कि उसे एडवांस में टैक्स देना होगा. यह सोचकर कि कुछ गड़बड़ है, पीड़िता ने तुरंत साइबर पुलिस से संपर्क किया.

मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर लिया. इसके बाद इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने तकनीकी सबूतों की मदद से आरोपी संदीप चव्हाण को ट्रेस कर लिया. उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.

यह भी पढ़ें: देश में तेजी से बढ़ रहा है साइबर क्राइम, पहले स्थान पर यूपी, सेक्सटॉर्शन के जरिए सबसे ज्यादा ठगी

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बताते चलें कि डिजिटल युग में साइबर अपराध लोगों के साथ ही पॉलिसी मेकर्स के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. देश के हर राज्य में साइबर अपराधी आम से लेकर खास लोगों तक को अपना शिकार बना रहे हैं. लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक रिपोर्ट पेश की थी. उसके मुताबिक 2022-23 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम हुए. इस दौरान यूपी में 2 लाख लोगों के साथ साइबर फ्रॉड हुआ. 

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साइबर ठगों ने इस दौरान यूपी में 721.1 करोड़ रुपयों की ठगी की थी. इसके बाद महाराष्ट्र और फिर गुजरात में साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा केस हुए हैं. उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम से निपटने के लिए 16 जिलों में साइबर थाने संचालित हो रहे हैं. साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए सीनियर अधिकारियों को लगाया गया है. आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके इन साइबर ठगों की कारगुजारियों पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है. 

यदि कारोबारी साल 2022-23 में साइबर ठगी से जुड़े आंकड़ों की बात करें तो 11.28 लाख मामले देशभर में सामने आए थे. इसमें आधे मामले तो केवल पांच राज्यों में ही दर्ज किए गए हैं. इनमें उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख केस दर्ज हुए है. दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 1 लाख 30 हजार केस, तीसरे नंबर पर गुजरात में 1 लाख 20 हजार केस, चौथे और पांचवे नंबर पर राजस्थान और हरियाणा में करीब 80-80 हजार मामले दर्ज किए गए थे. 

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