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ITGD Originals: कुछ सेकंड की वीडियो कॉल, ब्लैकमेलिंग... 13 लाख गंवाने वाले पीड़ित ने बताई सेक्सटॉर्शन की कहानी

मोबाइल फोन पर कुछ सेकंड की वीडियो कॉल के बाद शुरू हो जाता है ब्लैकमेलिंग और उगाही का खेल. कैसे हो रहा सेक्सटॉर्शन? सेक्सटॉर्शन से बचना है तो क्या करें, क्या ना करें? सेक्सटॉर्शन के शिकार हो गए हैं तो क्या करें?

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बढ़ रहे हैं सेक्सटॉर्शन के मामले (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बढ़ रहे हैं सेक्सटॉर्शन के मामले (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बैंकिंग फ्रॉड के मामले आपने बहुत सुने होंगे. एक फोन कॉल आती है और केवाईसी के नाम पर ओटीपी मांगा जाता है. जैसे ही फोन कॉल अटेंड करने वाला ओटीपी बताता है, उसके खाते में रखे रुपयों पर ठग हाथ साफ कर देते हैं. लेकिन बैंकिंग फ्रॉड की ये तरकीब अब पुरानी हो चली है. धीरे-धीरे इसकी जगह अब सेक्सटॉर्शन लेता जा रहा है.

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अनजान नंबर से आई एक वीडियो कॉल किसी की भी रातों की नीद उड़ा सकती है. चंद सेकंड की ये कॉल किसी को इतनी महंगी पड़ सकती है कि उसके बैंक अकाउंट में रखे करोड़ों रुपये भी मामूली लगें. बैंक अकाउंट झटके में खाली हो जाए. इसके लिए न तो कोई ओटीपी मांगी जाएगी और ना ही किसी ऐप को डाउनलोड करने के लिए. शातिर ठग ऐसा कर रहे हैं ठगी की एक नई तरकीब के जरिए जिसे सेक्सटॉर्शन नाम दिया गया है. दिल्ली से करीब सौ किलोमीटर दूर बैठे कुछ शातिर दिमाग लोगों ने ब्लैकमेलिंग का एक नया धंधा सेक्सटॉर्शन शुरू कर दिया है.

बैंकिंग फ्रॉड को जहां ज्यादातर झारखंड के जामताड़ा से अंजाम दिया जाता है तो वहीं सेक्सटॉर्शन का सेंटर बनकर नूह, मेवात और उसके आसपास के इलाके उभरे हैं. पिछले कुछ समय से सेक्सटॉर्शन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. दिल्ली पुलिस की टीम अक्सर इन इलाकों में छापेमारी करती है, गिरफ्तारियां भी होती हैं लेकिन इस धंधे पर लगाम नहीं लग पा रही. सेक्सटॉर्शन के शिकार कई लोग तो अपनी प्रतिष्ठा बचाने की चिंता में पुलिस से शिकायत भी नहीं करते और यही सबसे बड़ी गलती है.

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सेक्सटॉर्शन रैकेट के शिकार एक पीड़ित ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि सेक्सटॉर्शन की शिकायत करने में इज्जत जाने, शर्मिंदगी का डर सबसे बड़ी गलती है. जितनी जल्दी पुलिस से शिकायत या अपने किसी करीबी से बात की जाए, सेक्सटॉर्शन रैकेट में फंसने की संभावनाएं उतनी ही कम हो जाती हैं. पीड़ित ने अपने साथ हुई पूरी घटना बताई और कहा कि उसे करीब एक मिनट के वीडियो कॉल की कीमत 13 लाख 50 हजार रुपये गंवाकर चुकानी पड़ी. इतने पैसे गंवाने के बाद समझ आया कि ये और कुछ नहीं बस ठगों का जाल है.

कॉल करने वाली लड़की के पास थी मेरी पूरी जानकारी

पीड़ित ने अपने साथ हुई घटना बताते हुए कहा कि अपनी दुकान की केबिन में बैठा था तभी वॉट्सएप पर अनजान नंबर से वीडियो कॉल आई. कई बार वीडियो कॉल आई लेकिन मैंने इसे रिसीव नहीं किया. इसके बाद वॉइस कॉल आई जिसे रिसीव किया तो एक लड़की की आवाज आई. उसने कहा कि बहुत जरूरी काम है, आप एक बार वीडियो कॉल पर आ जाइए. इसके बाद वीडियो कॉल आई और वह पहले तो कहने लगी कि मुझे जानती है. लड़की के पास मेरी पूरी जानकारी थी जैसे मेरी दुकान कहां पर है, कहां रहते हैं. 

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पीड़ित ने बताया कि 30 सेकंड तक तो लड़की सामान्य बात करती रही लेकिन इसके बाद उसने अचानक से वीडियो कॉल पर ही अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. पीड़ित के मुताबिक जब तक कुछ समझ पाते या लड़की से कुछ कह पाते, 25 से 30 सेकंड का टाइम और गुजर गया. मैंने फोन काट दिया. मुझे लगा कि शायद लड़की ने गलती से उन्हें फोन कर दिया हो. मेरा अनुमान गलत था और असली खेल अगले दिन से शुरू हुआ. अगले दिन अचानक अनजान नंबर से कॉल आई और कॉल करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताया. उसने सेक्स रैकेट की जांच की बात कही और बताया कि इसी दौरान मेरे बारे में जानकारी हाथ लगी. मैं घबरा गया और कहा कि शायद उन्होंने गलत नंबर मिला दिया है, ऐसे किसी भी ग्रुप से मेरा कोई लेना-देना नहीं है.

अब यहां से शुरू होता है असली खेल

पीड़ित के मुताबिक इसके अगले दिन एक और अनजान नंबर से कॉल आती है. कॉल करने वाला खुद को पत्रकार बताता है और कहता है कि तुम्हारा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने वाला है. उस शख्स ने 50 हजार रुपये देने के लिए कहा. साथ ही उसने ये भी बोला कि इतने में ही मामला रफा-दफा कर देंगे. घबराहट में मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि यह सब हो क्या रहा है. बिना सोचे-समझे 50 हजार रुपये उसके बताए बैंक खाते में जमा करा दिए. मुझे लगा कि ये मामला अब यहीं खत्म हो गया है लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अगले दिन एक और अनजान नंबर से फोन कॉल आती है और ये कहा जाता है कि मामला कई लोगों की जानकारी में आ चुका है इसलिए इसे रफा-दफा करने के लिए कम से कम 5 लाख रुपये और देने होंगे.

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अकाउंट में एक रुपया भी नहीं बचा

पीड़ित ने बताया कि उनके कहे के मुताबिक पांच लाख रुपये और खाते में जमा करा दिए. इसके बाद एक और अनजान नंबर से कॉल आई और कहा गया कि पुलिस वाले को इस बारे में सब पता चल चुका है इसलिए 5 लाख और चाहिए. किसी और बहाने से भी तीन लाख रुपये लिए गए. कुल मिलाकर 13 लाख 50 हजार रुपये ठगों को दे दिए. खाते में एक रुपया भी नहीं बचा, तब मुझे समझ आया कि ठगों के चंगुल में बुरी तरह से फंस चुका हूं और अंत में शाहदरा के साइबर थाने में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और 13 लाख 50 हजार रुपये जा चुके थे.

शिकायत पर हुआ एक्शन, मिल गए कुछ पैसे

पीड़ित ने बताया कि शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने टेक्निकल एविडेंस, मोबाइल डेटा के रिकॉर्ड और मनी ट्रेल के जरिए आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई. दिल्ली पुलिस ने वसीम नाम के एक शख्स को गिरफ्तार भी किया. मेरा काफी पैसा रिकवर भी हो चुका है और बाकी पैसा भी मिलने की उम्मीद है. हालांकि, कई मामलों में पुलिस भी खाली हाथ रह जाती है. अगर कभी कोई इस तरीके के जाल में फंस जाए तो उसे बेहद सावधानी से कदम उठाने चाहिए. जल्द से जल्द इसकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए. अगर ऐसा कॉल कभी आए तो पहले तो रिसीव करने से बचें और अगर गलती से आपने रिसीव कर भी लिया और ठगी के शिकार हो गए तो तुरंत अपने किसी करीबी से सारी बात बताएं. जितनी जल्दी हो सके, पुलिस से शिकायत करें. 

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वीडियो कॉल आने पर क्या करें और क्या ना करें

पीड़ित के मुताबिक अगर किसी अनजान नंबर से वीडियो कॉल आए तो उसे रिसीव करने से बचें. अगर आप घर में हैं, बिस्तर पर हैं, वॉशरूम में हैं तब तो किसी भी हाल में वीडियो कॉल रिसीव ना करें. अगर गलती से वीडियो कॉल रिसीव हो गया और सेक्सटॉर्शन गैंग के शिकार बन गए तो पहली कॉल आने के तुरंत बाद अपने किसी करीबी या पुलिस के पास पहुंच जाएं. अगर आपने ऐसा नहीं किया तो फिर ब्लैकमेलिंग का जो सिलसिला शुरू होगा, वह कभी खत्म नहीं होगा.

गुप्त रहती है पीड़ित की जानकारी

सेक्सटॉर्शन के मामलों को लेकर आजतक ने दिल्ली पुलिस से भी बात की. दिल्ली पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में पीड़ित की जानकारी भी गुप्त रखी जाती है. पीड़ित अगर नहीं चाहता है तो उसका नाम कभी सामने नहीं आता. पुलिस अधिकारियों का ये भी कहना है कि मेवात इलाके से किसी आरोपी को खोज निकालना आसान काम नहीं है. शाहदरा जिले के डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि 12 मार्च को जिले के एक 27 साल के शख्स ने शिकायत दी थी कि एक वीडियो कॉल आई जिसमें एक लड़की अश्लील हरकत कर रही थी.

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उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता के मुताबिक इस अनजान कॉल के कुछ देर बाद ही धमकी भरे फोन आने लगे. कोई खुद को दिल्ली का आईपीएस अधिकारी भी बता रहा था. धमकी दी गई कि अगर अकाउंट में पैसे ट्रांसफर नहीं किए तो उसके अश्लील हरकत करती लड़की से बात करने की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल कर दी जाएगी. उसने इससे डर के बताए अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए. बाद में पुलिस से शिकायत की. 

राजस्थान से पकड़ा गया शातिर

शहादरा के डीसीपी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की. उस फोन नंबर की डिटेल निकाली गई जिससे वीडियो कॉल किया गया था. फिर उस नंबर की डिटेल निकाली गई जिससे धमकी भरे कॉल किए गए थे और जिस खाते में पैसे ट्रांसफर कराए गए थे, उसकी भी डिटेल निकाली गई. शातिर की पहचान कर उसे राजस्थान के भरतपुर से पकड़ा गया. आरोपी का नाम वसीम था. उसके पास तीन मोबाइल फोन और चार सिम कार्ड मिले हैं जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया. पुलिस आरोपी के बैंक के अकाउंट और मोबाइल की सीडीआर को खंगाल रही है जिससे ये पता लगाया जा सके कि उसने अब तक कितने लोगों के साथ ठगी की है.

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तीन महीने में 12 गिरफ्तारी

शाहदरा जिले के डीसीपी रोहित मीणा ने आगे बताया कि शाहदरा साइबर सेल ने 2023 के शुरुआती 3 महीनों में ही मेवात से 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो सेक्सटॉर्शन में लिप्त थे. पुलिस के मुताबिक गैंग के लोग अपनी प्रोफाइल पर नकली फोटो लगाते थे जिससे सामने वाला ये समझे कि जो उससे बात कर रहा है वह अधिकारी है.

शातिर ने बताया- कैसे करते हैं ठगी

पूछताछ के दौरान आरोपी वसीम ने दिल्ली पुलिस को बताया कि उसके गैंग के लोग मोबाइल पर वीडियो कॉल किया करते हैं और एक बार जब फोन रिसीव हो जाता है तब दूसरे फोन से अश्लील हरकत कर रही किसी लड़की का वीडियो चला देते हैं. ऐसा इतनी सफाई से किया जाता है कि सामने वाले को ये लगे की ऐसा कोई लड़की ही कर रही है. कभी-कभी गैंग से जुड़ी लड़कियां भी वीडियो कॉल पर अपने कपड़े उतार देतीं. इसकी स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर ली जाती और वही दिखाकर ब्लैकमेल कर पैसे लिए जाते.

जांच में ये बात भी सामने आई है कि ये शातिर लोग मोबाइल फोन और सिम कार्ड पश्चिम बंगाल से खरीदा करते थे. सिम कार्ड गलत पते पर लिए जाते थे. शातिर ठग गैंग के दूसरे सदस्यों की मदद से बैंक अकाउंट का जुगाड़ करते हैं जिसमें ये ठगी और ब्लैकमेलिंग के जरिए पैसे मंगवा सकें. ये खुद को कभी एसएचओ साइबर सेल विक्रम राठौर बताते तो कभी संजय यूट्यूबर बताते हैं. पैसे न देने पर रिकॉर्डेड वीडियो सोशल मीडिया पर डालने की धमकी देते हैं.

 

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