भारत में ट्विटर का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्र सरकार से नए आईटी कानूनों पर लंबे वक्त से चली आ रही तकरार के बीच आज अन्य दो मामलों में ट्विटर फिर सुर्खियों में है.
उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में हुए मारपीट विवाद में पुलिस ने बयान दर्ज करने के लिए ट्विटर अधिकारी को बुलाया है, जबकि सोशल मीडिया विवाद को लेकर ट्विटर की आज संसदीय कमेटी के सामने पेशी भी होनी है.
गाजियाबाद मारपीट मामले में ट्विटर अधिकारी को नोटिस
गाजियाबाद के लोनी में हुए मारपीट विवाद में पुलिस ने पहले ही ट्विटर पर केस दर्ज कर लिया और गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया गया. अब गाजियाबाद पुलिस द्वारा ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी को नोटिस सौंपा गया है.
पुलिस ने अपील की है कि वो एक हफ्ते में लोनी पुलिस स्टेशन आएं और इस मामले में अपना बयान दर्ज करवाएं. पुलिस द्वारा मनीष को 160 CRPC के तहत ये नोटिस भेजा गया है.
नोटिस में गाजियाबाद पुलिस ने लोनी में दर्ज एफआईआर के बारे में बताते हुए ट्विटर को कहा है कि कुछ लोगों के जरिए कम्युनल हेट वाले ट्वीट किए गए लेकिन ट्विटर ने कोई एक्शन/संज्ञान नहीं लिया. साथ ही देश/प्रदेश, समाज में घृणा फैलाने वाले लेख को बढ़ावा दिया गया, समाज विरोधी लेख को लगातार वायरल होने दिया गया. ऐसे में अब इस मामले को लेकर पुलिस ने एक हफ्ते के भीतर बयान देने को कहा है.
संसदीय कमेटी के सामने ट्विटर अधिकारियों की पेशी
गाजियाबाद वाले मामले से इतर ट्विटर के अधिकारियों को शुक्रवार को आईटी मामलों की संसदीय कमेटी के सामने पेश होना है. इस कमेटी को ट्विटर द्वारा एक प्रेजेंटेशन दी जानी है, जिसमें सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल को किस तरह रोका जा सके. ये प्रेजेंटेशन दोपहर करीब चार बजे हो सकती है, जहां कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई वाली संसदीय कमेटी के सामने ट्विटर अधिकारी होंगे.
केंद्र सरकार और ट्विटर में तकरार
बता दें कि नए आईटी कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच लंबे वक्त से तकरार चल रही है. ट्विटर नए कानूनों को मानने में आनाकानी कर रहा है, जबकि केंद्र की ओर से उसपर दबाव बनाया ज रहा है. हालांकि, अब ट्विटर ने भारत में अपना एक नोडल अधिकारी बैठाने की बात कही है लेकिन केंद्र का कहना है कि अभी तक उन्हें इसके बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है.