आज का दौर ऑनलाइन फ्रेंडस और सेल्फ़ी का दौर है. हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन है या घर में लैपटॉप या डेस्कटॉप. हर कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है. ऐसे में ऑनलाइन दोस्ती करने वाले कभी भी आपके लिए खतरा बन सकते हैं. खासकर बच्चे इस तरह के मामलों में आसान शिकार बन रहे हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल यूनिट ने एक स्कूल में जाकर बच्चों को सोशल मीडिया प्रति जागरुक किया.
स्कूल और घर के बाहर की फ़ोटो, आउटिंग और पिकनिक प्लेस पर सेल्फ़ी. इस तरह से बच्चों की लोकेशन ऐसे गिरोह और शातिर बदमाशों के हाथ आसानी से लग जाती है, उन्हें या तो जुर्म में शामिल करने का दबाव बनाते हैं या फिर उन बच्चों का अपहरण करके फिरौती मांगते हैं.
सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बच्चों को शिकार बनाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस में बच्चों और महिलाओ की सुरक्षा पर काम करने वाली स्पेशल यूनिट के इंस्पेक्टर एस.एस. मल्हान ने बताया कि किडनैपर पहले तो इंटरनेट पर फ्रेंड बनते हैं. घर पर महंगे गिफ्ट भेजते हैं. फिर ऑफलाइन मिलने के लिए बुलाते हैं. और उसके बाद मर्डर, एटेम्पट टू मर्डर, या फिर फिरौती के लिए बच्चों को अगाव कर लेते हैं.
स्पेशल यूनिट के इंस्पेक्टर एस.एस. मल्हान ने बताते है कि इस तरह के मामलों से बचने के लिए सावधानी बरतना जरूरी है. जैसे कि किसी से भी अपना पासवर्ड शेयर न करें. अपनी आइडेंटिटी न बताएं. क्योंकि आपके अकाउंट से की गई एक पोस्ट आपको मुसीबत में डाल सकती है. आपकी मुश्किलें बढ़ा सकती है.
इंस्पेक्टर एस.एस. मल्हान का कहना है कि कोई भी अनजान फ्रेंड रिक्वेस्ट आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है. ऐसे में सावधान रहें. हर कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें. बच्चों की सुरक्षा वाली स्पेशल यूनिट इसके लिए करीब 230 स्कूलों में जाकर 1 लाख 30 हज़ार स्टूडेंट्स को सोशल मीडिया के इस्तेमाल का सही तरीका बता चुकी है.
द्वारका सेक्टर 23 के इंडिया हाइट्स इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों को सोशल मीडिया के प्रति जागरुक करने पहुंचे इंस्पेक्टर एस.एस. मल्हान ने बच्चों से स्ट्रांग पासवर्ड बनाने की अपील की. और उन्हें साइबर बुलिंग के प्रति सतर्क रहने के लिए कहा. उनका जोर इस बात पर था कि साइबर बुलिंग को रोकने के लिए स्ट्रांग पासवर्ड बनाएं जाएं.