तमिलनाडु के शोलिंगनल्लूर में पुलिस ने एक ऐसे ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो ड्रग्स देने के लिए फूड डिलीवरी एजेंट का इस्तेमाल कर रहा था. एक अंडरकवर अधिकारी ने फूड डिलीवरी एजेंट को संदिग्ध परिस्थितियों में लंबे समय तक मौके पर इंतजार करते देखा. कुछ समय बाद, एक अन्य व्यक्ति दोपहिया वाहन पर आया और डिलीवरी एजेंट को एक पार्सल सौंप कर वहां से चला गया.
पुलिस इस बात से हैरान थी कि कैसे फूड डिलीवरी एजेंट के जरिए ग्राहकों तक ड्रग्स पहुंचाया जा रहा था. पुलिस जब पूछताछ करने के लिए आगे बढ़ी तो अधिकारी को पास आते देख, दोनों व्यक्तियों ने मौके से भागने की कोशिश की, लेकिन उसी वक्त पुलिस की दूसरी टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
पार्सल की जांच करने पर पता चला कि उसमें मारिजुआना था. पूछताछ में सामने आया कि एक रैकेट मारिजुआना देने के लिए एक फूड डिलीवरी एजेंड का इस्तेमाल कर रहा था.
डिलीवरी एजेंट, विजय को पुगल नाम के शख्स के साथ पकड़ा गया था और बाद में पाया गया कि वो लोग दो अन्य व्यक्ति नवोथी और अरुण के साथ इस धंधे में लगे हुए थे.
पुगल, अरुण और नवोथी कॉलेज के दौरान एक ही कमरे में रहते थे और मारिजुआना के आदी थे. अरुण वर्तमान में एक आईटी कंपनी में टीम लीडर के रूप में काम कर रहे हैं.
पुलिस ने उनके कब्जे से 10.5 किलोग्राम मारिजुआना, 150 ग्राम मारिजुआना तेल और 16 सिरिंज जब्त की हैं. पुलिस ने एक बाइक भी जब्त की जिसका इस्तेमाल ड्रग्स की बिक्री के लिए किया जाता था. पुलिस ने अब चारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. उन्हें अलंदुर कोर्ट के सामने पेश किया गया जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया.