छेड़छाड़ के एक मामले में हांगकांग की महिला वकील को करीब 23 साल बाद भारत में इंसाफ मिला है. दरअसल हांगकांग की महिला ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के टीचर के खिलाफ कानूनी जंग को जीत लिया है. आरोप है कि टीचर दार्जिलिंग में बचपन में पढ़ाई के दौरान बार-बार उससे छेड़छाड़ करता था और दूसरे बच्चों का भी शोषण कर रहा था.
दशकों से बचपन के आघात के साथ रह रही 37 वर्षीय महिला को पिछले साल पता चला कि शिक्षक ने वर्षों में कई अन्य लोगों के साथ छेड़छाड़ की थी, जिसके बाद उसने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 46 वर्षीय आरोपी को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, दार्जिलिंग पुलिस के अधिकारियों की एक टीम ने इस महीने के शुरू में सिलीगुड़ी में अपने निवास से जितेश ओझा नाम के शख्स को पकड़ा जिसपर बच्चों के शोषण का आरोप था. महिला ने पिछले साल अपनी शिकायत दर्ज कराई थी. आरोपी शख्स को दबोचने और गिरफ्तारी के लिए उसके द्वारा बार-बार किए गए अपराध के पर्याप्त सबूत जुटाने में पुलिस को एक साल से अधिक का समय लगा.
छात्रा जब 14 साल की थी, तब आरोपी शिक्षक ने उसके साथ ट्यूशन के दौरान छेड़छाड़ की थी. बीते साल MeToo कैंपेन के दौरान उसे शिक्षक के ऐसे ही दूसरे कृत्यों की जानकारी मिली. उसने फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और इस पर अपनी चिंता व्यक्त की.
उसने अंग्रेजी अखबार को बताया कि दार्जिलिंग के हिल स्टेशन में एक बच्चे की परवरिश होने के बाद, उसमें उस वक्त छेड़छाड़ करने वाले के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं थी. लेकिन दो दशकों के बाद, दोस्तों के साथ एक बातचीत में, उसने पाया कि उसने कई अन्य लोगों के साथ छेड़छाड़ की थी.