राजस्थान के अलवर में एक बिल्डर को पुलिस थाने में वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने का मामला सामने आया है. इस मामले में भिवाड़ी पुलिस जिले के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने कार्रवाई करते हुए एसएचओ कैलाश यादव समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. बताया जा रहा है कि बिल्डर को लॉकअप में बंद करने के बजाए उसे कूलर लगे कमरे में रखा हुआ था.
यह मामला उस समय हर किसी के सामने आया जब सोमवार जब नीमराना थाने में बहरोड़ विधायक बलजीत यादव अचानक निरीक्षण करने जा पहुंचे. इस दौरान कोर्ट से रिमांड पर चल रहे धोखाधड़ी के आरोपी बिल्डर सतपाल सरदार कूलर की हवा में कमरे में आराम फरमा रहे थे. विधायक ने जब आरोपी की तलाशी ली तो उसकी जेब में 20 हजार रुपये कैश और एक मोबाइल फोन उसके पास से मिला.
विधायक की सूचना पर भिवाड़ी एसपी राममूर्ति जोशी नीमराना थाने पहुंचे और पूरे मामले की जांच की. इसके बाद एसएचओ समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिया. एसपी ने नीमराना थानाधिकारी कैलाश चंद यादव, ड्यूटी ऑफिसर एएसआई रविंद्र यादव, एचएम अशोक यादव थानाधिकारी का रीडर महेंद्र यादव तथा संतरी हनुमान मीणा को निलंबित कर दिया. एसपी जोशी ने बताया कि भिवाड़ी के एएसपी अरुण कुमार माचा को इस मामले की जांच सौंपी गई है.
दरअसल विधायक बलजीत यादव को शिकायत मिली थी कि नीमराणा थाने में पुलिस ने मामूली धाराओं में बंद आरोपियों को लॉकअप में बंद किया हुआ है. जबकि धारा 420 में गिरफ्तार बिल्डर को बाहर वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था. विधायक जब थाने में औचक निरीक्षण करने पहुंचे जो शिकायतें उन्हें मिली थी वो सभी सही पाई गईं.
जानकारी के मुताबित नीमराणा के बिल्डर पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज है, आरोप है कि पुलिस से मिलीभगत के कराण उसे थाने में वीवीआई ट्रिटमेंट मिल रहा था. मौके से इस मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी को दी गई. मौके पर पहुंचकर पुलिस अधीक्षक भी यह नजारा देखकर हैरान रह गए. उन्होंने इस मामले की तुरंत जांच के आदेश दिए.
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वहीं इस मामले पर विधायक बलजीत सिंह यादव ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली थी और उसी शिकायत के आधार पर वह नीमराणा थाने के औचक निरीक्षण पर आए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बहरोड़ इलाके से चल रही ऐसी प्रथा को पूरी तरह खत्म किया जाएगा और अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास की भावना पैदा की जाएगी.