ग्वालियर में वन्य जीवों के अंगों के बड़े कारोबार का खुलासा हुआ है. वन विभाग द्वारा एक किराने की दुकान से लगभग 8 जानवरों के प्रतिबंधित अंग बरामद किए गए हैं. फिलहाल मामले की जांच जारी है और तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. (ग्वालियर से सर्वेश पुरोहित की रिपोर्ट)
दरअसल, मुरार थाना क्षेत्र के सदर बाजार स्थित भूरा पंसारी की दुकान में वन्य जीवों के अंगों का व्यापार होने की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को मिली थी. सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो वहां 8 वन्य प्राणियों के अवशेष पाए गए जिसमें टाइगर, गोह और सियार समेत अन्य वन जीव शामिल हैं. दुकान से हिमालयी तहर, मॉनीटर लिजार्ड, टाइगर के दांत, चिंकारा एवं इंडियन गेजल, स्कलबोन जैकाल, मणिपुरी हिरण के सींग, समुद्री सी फ़ैन, काली बतख, बिच्छू, उल्लू के नाखून, गीदड़ और सिंगी के अंग भी मिले हैं.
शुरुआती जांच में तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. हालांकि, इन वन्य जीवों के अंग कहां से आए और कब से इसका व्यापार किया जा रहा है, ये साफ नहीं हो पाया है किन्तु ग्वालियर में जानवरों के अंग बेचने का मामला बड़े स्तर पर चलाया जा रहा था. ये जानकारी डीएफओ अभिनव पल्लव ने दी है. आपको बता दें कि इन जानवरों के अंगों का उपयोग औषधि और तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है.
ग्वालियर वन मंडल और एसटीएफ की टीम ने गुरुवार की दोपहर को छापामार कार्रवाई की. जिसमें लाखों करोड़ों की कीमत का शेड्यूल वन प्राणी के अवशेष हाथ लगे हैं. संभावना जताई जा रही है कि यह सामान अन्य प्रांतों से भी खरीदा जाता था जिसे तांत्रिक लोगों को बढ़े दामों में बिक्री किया जाता था.
ग्वालियर वन मंडल के अधिकारी भी सकते में हैं कि यह सामान कब से बेचा जा रहा था और कहां से मंगाया जा रहा था. संभावना जताई जा रही है कि अन्य प्रांतों के लोगों से तार मिले हुए होंगे क्योंकि हिमालय पर पाए जाने वाला हिमालय ताल जो कि एक हिरण की दुर्लभ प्रजाति है, उसका भी सामान मिला है. इसी तरह दक्षिण में मिलने वाला समुद्री सी फैन भी मिला है. यह जीव भी दुर्लभ प्राणी है.