एक शख्स ने सोचा कि सात जन्मों के बंधन में बंधने वाली उसकी जीवनसंगिनी निर्जला व्रत रखकर करवा चौथ पर नाराजगी भूलकर कर घर लौट आएगी और छन्नी में वो पहले चांद को देखेगी और बाद में अपने पति को देखकर व्रत तोड़ेगी. लेकिन जब करवा चौथ पर पत्नी मायकेे से नहींं आई तो पति ने जहर खाकर जान देे दी. (इंंदौर से धर्मेंद्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट)
इंदौर की एक दर्दनाक दास्तां तो ये बताने के लिए काफी है कि रिश्ते जब तार-तार हो जाते हैं और अपने हमसफर की कमी महसूस होती है तो व्यक्ति जानलेवा कदम उठाने की कोशिश भी कर सकता है. हालांकि रिश्ते सुधारने के लिए थोड़े समय का इंतजार करना चाहिए लेकिन इंदौर में एक पति इतना सब्र नहीं रख पाया और नतीजा ये निकला वो करवा चौथ पर अपनी जान कुर्बान कर गया और पत्नी अब विधवा हो गई.
ये दास्तां इंदौर की है जहां एक पति ने अपनी पत्नी की बेरुखी से करवा चौथ के दिन सल्फास खाकर जान दे दी. देर शाम तक पत्नी के वियोग में तड़पते पति ने आखिर में अपनी जान दे दी.
जानकारी के मुताबिक, पत्नी को उसके मायके वाले ससुराल नहीं लौटने देना चाहते थे जिसके कारण तनाव में चल रहे पति के सब्र का बांध टूट गया और आखिरकार उसने अपना जीवन समाप्त कर ली. मृतक पति का नाम रंजीत पिता पप्पू बड़जात्या निवासी रूप नगर छोटा बांगड़दा है.
मृतक के पिता की माने तो अभी उसके 22 वर्षीय बेटे रंजीत की शादी को डेढ़ साल ही हुआ है और नवरात्र के पहले दिन बेटे की पत्नी ने उसके मायके वाले को फोन कर बुला लिया और जब उसके मायके वाले उसे ले गए और उसी दौरान वो एरोड्रम थाना पहुंचे जहां सास-ससुर ने रंजीत के खिलाफ एरोड्रम थाने पर पत्नी से मारपीट, शराबखोरी और अन्य युवती से अवैध संबंध की रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी.
बावजूद इसके वियोग से परेशान पति अपनी पत्नी को जिगड़ी गांव से लाने की कोशिश में लगा था लेकिन वो नाकाम रहा और अंत में उसने जब उसकी पत्नी घर नहीं लौटी तो सुसाइड कर लिया.