एक फ्लैट में तीन बहनें अपने पिता के साथ रहती थीं. एक रात जब पिता सो गए तो लड़कियों ने उनके ऊपर चाकू, हथौड़े और मिर्ची पाउडर से हमला कर दिया. घटना के बाद लड़कियों ने खुद पुलिस को फोन किया और फिर बहनों को गिरफ्तार कर लिया गया. आइए जानते हैं यह मामला कहां का है, क्यों यह सुर्खियों में शामिल हो गया और लंबे वक्त बाद भी इसको लेकर चर्चा होती है? (फाइल फोटो में बाएं से एंजेलिना, मारिया और क्रिस्टिना/ AFP)
तीन बहनों के अपने पिता की जान लेने की यह घटना रूस की है. करीब ढाई साल पहले हुई इस घटना को लेकर रूस में काफी लोग मानते हैं कि बहनों ने जो किया उसके पीछे ठोस वजहें थीं और उन्होंने खुद के बचाव में ऐसा किया, लेकिन कई लोगों की नजर में यह हत्या सोच समझकर बदले की भावना से की गई थी.
यह लड़कियां खचातुर्यन बहनों के नाम से मीडिया की सुर्खियों में रही थीं. हमले के बाद जब पिता की बॉडी की जांच की गई तो उनके शरीर पर चाकू के 30 निशान पाए गए थे. पिता के सिर, गले और छाती पर हमले किए गए थे. वहीं, पुलिस ने जब हत्या के कारणों की पड़ताल की तो मालूम हुआ कि पिता लंबे वक्त से बेटियों को प्रताड़ित कर रहे थे.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में पता चला कि करीब 3 साल से पिता अपनी बेटियों को पीटा करते थे, कई माध्यमों से टॉर्चर करते थे, बेटियों को कैदी की तरह रखते थे और उनके साथ यौन दुर्व्यवहार भी हुआ करता था.
घटना के वक्त मारिया 17 साल, एंजेलिना 18 साल और क्रिस्टिना 19 साल की थीं. पिता के साथ तीनों बहनें मॉस्को के एक फ्लैट में रहा करती थीं.
वहीं, बहनों के साथ-साथ उनकी मां भी पिता के हाथों घरेलू हिंसा की शिकार हो चुकी थीं. लंबे वक्त तक प्रताड़ना सहने के बाद तीनों बहनों ने 27 जुलाई 2018 को पिता की हत्या कर दी थी.
घटना के वक्त लड़कियों की मां साथ में नहीं रह रही थीं. पिता ने लड़कियों को अपनी मां से मिलने से रोक रखा था.
हालांकि, घरेलू हिंसा के तमाम सबूतों के बावजूद तीनों बहनों पर हत्या का आरोप लगाया गया. इसकी वजह से यह मामला रूस में बहस के केंद्र में आ गया.
तीन लाख से अधिक लोगों ने एक कैंपेन में शामिल होकर बहनों की रिहाई की मांग की थी. मानवाधिकार संगठनों ने बहनों को गुनहगार की जगह पीड़ित बताया था और रूसी कानून में बदलाव की मांग भी उठी थी.
27 जुलाई 2018 को जब बहनों ने पिता की हत्या की थी, उससे कुछ वक्त पहले 57 साल के पिता मिखैल खचातुर्यन ने तीनों बहनों को एक-एक कर अपने पास बुलाया था और उन्हें इसलिए डांटा था कि फ्लैट सही से क्यों साफ नहीं किया.
हत्या की घटना से कुछ वक्त पहले पिता ने बेटियों के चेहरे पर मिर्ची पाउडर भी डाल दिया था. पिता की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों और आइसोलेशन में रहने की वजह से बहनें पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस से जूझने लगी थीं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस में आमतौर पर पुलिस घरेलू हिंसा को 'पारिवारिक विवाद' मानती है और बहुत कम मदद करती है.
आरोपी लड़कियों की मां भी घरेलू हिंसा का शिकार हुई थीं. पिता ने मां को भी पीटा था. मां ने पुलिस से भी शिकायत की थी, लेकिन इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि पुलिस ने उस वक्त कार्रवाई की.
इस केस की सुनवाई अदालत में काफी धीमी रफ्तार से चल रही है. इसी साल कई बार सुनवाई टाली भी गई. इस मामले को लेकर कई बार रूस में प्रदर्शन भी हुए हैं और मांग की गई है कि बहनों को हत्या के आरोपों से मुक्त किया जाए.
अदालत ने आरोपी बहनों को जमानत दे दी, लेकिन उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए, जैसे कि वे पत्रकारों से बात नहीं कर सकतीं और न आपस में बात कर सकती हैं.