मध्य प्रदेश में नीमच जिले के रामपुरा थाना क्षेत्र गांव डायली के सरपंच के अपहरण व मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई थी. बंजारा समुदाय में आपसी रिश्तेदारी के विवाद के पीछे इस अपहरण का होना बताया जा रहा है. अब तक सरपंच का कोई पता नहीं चला है, न ही इस मामले में गुरुवार शाम तक कोई गिरफ्तारी हो पाई है.
नीमच जिले के रामपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत गांधी सागर रोड पर बाइक पर सवार सरपंच बद्री लाल दायमा को बोलेरो सवार कुछ लोगों ने रोक लिया और उनकी बाइक को नीचे गिराते हुए सरपंच की पिटाई की. उसके बाद जबरन उन्हें बोलेरो गाड़ी में बैठाकर उनका अपहरण कर ले गए.
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और सरपंच बद्रीलाल दायमा व आरोपियों की तलाश में पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है. वहीं, रामपुरा पुलिस ने नामजद आरोपियों के खिलाफ मारपीट व अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है. वायरल वीडियो में दिख रहा है कि यह घटना बुधवार दोपहर की बताई जा रही. मामले में एडिशनल एसपी सुंदर सिंह कनेश का कहना है कि यह बालागंज के लोग हैं. इनका आपसी रिश्तेदारी का पुराना मामला है जिस वजह से यह घटना हुई है. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.
वहीं, दूसरी और सरपंच के अपहरण के बाद सरपंच के गांव के लोग मनासा थाना क्षेत्र अंतर्गत आरोपियों के गांव बालागंज वाहनों में बड़ी संख्या में भरकर पहुंचे. बताया यह जा रहा है कि गांव में पहुंचकर पथराव कर तोड़फोड़ की गई. हालात की जानकारी मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा.
पुलिस के अनुसार, रामपुरा थाना क्षेत्र के डायली गांव के सरपंच बद्रीलाल दायमा के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. उनके साथ मारपीट करके मनासा क्षेत्र में बालागंज के कुछ लोग उन्हें उठा कर ले गए हैं. थाना रामपुरा में रिपोर्ट के आधार पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया है. वहीं दूसरे पक्ष का कहना था कि उन्होंने सरपंच को छोड़ दिया था लेकिन सरपंच अभी हमारे संपर्क में नहीं आया है. यह मामला पुरानी रिश्तेदारी को लेकर हुआ है जिसमें पहले रिश्ता तय हो गया था, लेकिन बाद में फिर विवाद होने के कारण यह घटना हुई है दोनों पक्षों में समझौता नहीं हो पाया.
जानकारी केअनुसार, सरपंच बद्रीलाल के पोते की शादी बचपन में आरोपी परिवार की लड़की से तय की थी लेकिन लड़की वालों ने लड़की को ससुराल नहीं भेजा था जिसे लेकर 3 दिन पहले मनासा क्षेत्र के आंतरी माता मंदिर पर दोनों पक्षों में समझौते के लिए पंचायत बुलाई गई थी लेकिन समझौते के बजाए विवाद हो गया था.
असल में मालवा क्षेत्र में बंजारा समुदाय में भी वर्षो से यह प्रथा है कि बचपन में रिश्ता तय हो जाता है और यदि लड़की वाले बाद में जब लड़की की विदाई करके ससुराल नहीं भेजते हैं तो उनपर आर्थिक दंड किया जाता है जिसके लिए सामाजिक पंचायत बैठती है और दोनों पक्षो में फैसला करवाती है. ऐसे कई मामलों में अक्सर विवाद हो ही जाते हैं.