scorecardresearch
 
Advertisement
क्राइम न्यूज़

PAK: ईसाई नर्सों ने दीवार से हटाए इस्लामिक स्टीकर, चाकू से हमला, फांसी की मांग

pak nurse
  • 1/7

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अस्पताल से शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. मनोरोगियों के अस्पताल में दीवार से इस्लामिक आयतों वाले स्टीकर हटाने के आरोप में भीड़ ने दो ईसाई नर्सों पर हमला कर दिया. अब लोग ईशनिंदा कानून के तहत दोनों नर्सों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं. नर्स मरियम लाल और नेविश अरूज पर मोहम्मद वकास नाम के शख्स ने चाकू से हमला कर दिया.

pak nurse
  • 2/7

ये घटना पंजाब प्रांत के मनोरोगी अस्पताल की है. आरोप है कि दो ईसाई नर्सों मरियम लाल और नेविश अरूज ने दीवारों पर लगे इस्लामी धार्मिक स्टीकर को नुकसान पहुंचाया और उसे हटाकर अलमारी पर लटका दिया. इसके बाद उसी अस्पताल के गुस्साए हुए एक डिस्पेंसर मोहम्मद वकास ने नर्सों पर चाकू से हमला कर दिया. अब पाकिस्तान के लोग मरियम लाल (स्टाफ नर्स) और नेविश अरूज पर ईशनिंदा कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहे हैं. पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का उल्लंघन करने वाले के लिए मौत की सजा का प्रावधान है.

pak nurse
  • 3/7

पाकिस्तान स्थित एक समूह ने जहां ईसाई नर्सों पर हुए क्रूर हमले की निंदा की है, वहीं दूसरी तरफ पीड़ित नर्सों के खिलाफ ही कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. 9 अप्रैल 2021 को भीड़ के दबाव के कारण फैसलाबाद के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में डॉ मुहम्मद अली की शिकायत पर नर्सों के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

Advertisement
pak nurse
  • 4/7

बता दें कि पाकिस्तान में दंड संहिता की धारा 295-बी में पवित्र कुरान की एक प्रतिलिपि का अपमान करने के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. इस कानून के तहत जो कोई भी पवित्र कुरान की प्रति को नुकसान पहुंचाएगा या अपमानित करेगा उसे उम्र कैद की सजा दी जाएगी.
 

pak nurse
  • 5/7

संस्था एचआरएफपी ने एक बयान में कहा, हमने पीड़ितों, परिवारों, ईसाई नर्सों और कानूनी कार्रवाई के प्रावधान के साथ समुदाय के लिए तत्काल सुरक्षा उपाय किए जाने का आग्रह किया है." HRFP के अध्यक्ष नावेद वाल्टर ने कहा, "दोनों नर्सों पर ईशनिंदा के झूठे आरोपों ने फिर से साबित कर दिया है कि ये मुद्दे व्यक्तिगत कुरीतियों, कार्यस्थलों में संघर्ष और समुदायों की ज्यादती में निहित हैं". उन्होंने कहा कि ईशनिंदा के आरोप न केवल व्यक्तियों बल्कि पूरे समुदाय को प्रभावित करते हैं.
 

pak nurse
  • 6/7

बता दें कि पाकिस्तान की आबादी में 96 फीसदी लोग मुस्लिम हैं. देश में ईशनिंदा के आरोपी अधिकांश लोग मुस्लिम हैं, ईसाई, हिंदू, और अहमदी (अल्पसंख्यक इस्लाम के एक संप्रदाय) जैसे अल्पसंख्यक हैं, जिन्हें सरकार ने कानूनी रूप से "गैर-मुस्लिम" घोषित किया है, उनपर ये कानून लागू नहीं होता है लेकिन फिर भी इन्हें वहां प्रताड़ित किया जाता है.

pak nurse
  • 7/7

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या लगभग 3.8 प्रतिशत है. इन अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगभग 50 प्रतिशत कथित ईशनिंदा के मामले दर्ज किए जाते हैं. वहां की एक संस्था NCJP के अनुसार, 1987 से अब तक 633 मुस्लिम, 494 अहमदी, 187 ईसाई और 21 हिंदू आरोपी बनाए गए हैं.

Advertisement
Advertisement