scorecardresearch
 
Advertisement
क्राइम न्यूज़

इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान, डिप्रेशन में सुसाइड कर रहे लोग

इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान
  • 1/10

कोविड-19 काल में कई युवाओं का रोजगार चला गया तो उन्‍हें इंस्‍टेंट लोन देने के लिए कई ऐप्‍स Google Play Store पर थे. अच्‍छे खासे इज्‍जतदार युवाओं ने सोचा कि कोविड काल के बाद फिर से नौकरी करेंगे और पैसा लौटा देंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जब वह डिफॉल्‍टर हुए तो लोन देने वाली कंपनियों ने उनकी निजी जानकारी को सार्वजनिक करना शुरू कर दिया जिससे डिप्रेशन में आकर तेलंगाना में ही 3 लोग सुसाइड कर चुके हैं. (प्रतीकात्‍मक फोटो) (हैदराबाद से आशीष पांंडेय की र‍िपोर्ट)

इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान
  • 2/10

सुसाइड करने वालों में मेडक जिले के निवासी एड्डु श्रवण यादव (23), सि‍द्द‍िपेट की किरणि मोनि‍का (28) और रंगारेड्डी जिले के पी सुनील (29) शामिल हैं. श्रवण ने यूयू कैश, किरणि ने स्‍नैप इट और पी सुनील ने कई लोन ऐप्‍स से लोन लिया हुआ था. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान
  • 3/10

दरअसल, 16 दिसंबर को किस्‍मतपुर में रहने वाले 29 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर पी सुनील ने अपने घर ही फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया. सुनील हैदराबाद में मधापुर की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था लेकिन कोविड-19 दौर में उसकी जॉब चली गई. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

Advertisement
इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान
  • 4/10

लॉकडाउन में उसे कोई दूसरी जॉब मिली नहीं और रोजाना के खर्चे चलाने के लिए जब कर्ज बढ़ने लगा तो वह मोबाइल फोन पर इंस्‍टेंट लोन देने वाले ऐप्‍स के चक्‍कर में आ गया. उसने कई लोन ऐप्‍स से 2 लाख रुपये लिए लेकिन जॉब न मिलने की वजह से वह किश्‍त और भारी ब्‍याज नहीं चुका पाया और पेमेंट करने में असफल रहा. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान
  • 5/10

उसके बाद इन लोन कंपनियों ने अपना असली रंग दिखाना शुरू किया और फिर मोबाइल डाटा और सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म की मदद से इन कंपनियों ने सुनील को ब्‍लैकमेल करना शुरू कर दिया और उनकी पत्‍नी और पिता के पास कॉल करने लगे. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान
  • 6/10

इस बात से सुनील बेहद परेशान हो गया और अपने ही फ्लैट में 16 दिसंबर को दोपहर डेढ़ बजे फांसी से लटककर जान दे दी. इस घटना के बाद सुनील की पत्‍नी ने आईपीसी की धारा 420, 306, 504, 506 और आईटी एक्‍ट की धारा 67 के तहत लोन कंपनी पर केस दर्ज करा दिया. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान
  • 7/10

जब इस केस में शुरुआती जांच हुई तो सामने आया कि सुनील ने कई मनी ऐप्‍स से लोन लिया हुआ था. इन्‍वेस्‍ट‍िगेशन में सामने आया कि इन कैश, कैश ऐरा, कैश लॉयन, लकी वॉलेट, कोको कैश, रुपी पुस, इंडियन लोन, क्रेडिट फ्र‍िंच, टैप क्रेडिट, राथेन लोन, कैश पोर्ट, स्‍माइल लोन, क्रेडिट डे, कैश टुडे, लकी रुपी, गो कैश, स्‍नैपिट लोन, लोन जोन, क्‍व‍िक कैश, पंडा रुपीस, प्‍ले कैश, धानी, लैजी पे, लोन टैप, आईपीपीबी मोबाइल, माइक्रेडिट, क्‍व‍िक क्रेडिट, कैशऑन, रुपीस प्‍लस, रुपी नाउ, एलिफेंट लोन, एंट कैश, क्‍व‍िक मनी जैसे ऐप्‍स से लोन लिया गया था. ऐप्‍स के माध्‍यम से किए गए लेनदेन की अब गहनता से जांच की जा रही है. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान
  • 8/10

इसी तरह सि‍द्द‍िपेट की रहने वाली किरणि मोनि‍का (28) ने स्‍नैपइट से इंस्‍टेंट लोन लिया था लेकिन वह चुका नहीं पाई. तब कंपनी ने उसके फोटो पर डिफॉल्‍टर लिखकर और मोबाइल नंबर उनके कॉन्‍टेक्‍ट के लोगों के पास भेज दिया और लिखा कि यह लोन नहीं चुका पाईं हैं, जो भी इन्‍हें जानते हैं, वह मैसेज इन तक पहुंचा दें.

इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान
  • 9/10

इन लोन ऐप्‍स देने वाली कंपनियों के पास आपके मोबाइल फोन का पूरा सेंसेटिव डाटा होता है जिसमें आपके कॉन्‍टेक्‍ट और फोटाग्राफ भी शामिल हैं. इनका इस्‍तेमाल वह कस्‍टमर की मानहानि करने और ब्‍लैकमेल करने के लिए करते हैं. तेलंगाना में इस तरह की कई शिकायतें अलग-अलग थानों में दर्ज हुई हैं. पुलिस ने इस मामले में लोगों से कहा है कि इस तरह की प्रॉब्‍लम फेस करने वालों को तुरंत नजदीकी पुलिस स्‍टेशन पहुंचकर शिकायत करानी चाहिए जिससे कि ऐसे मनी ऐप्‍स कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

Advertisement
इंस्‍टेंट मनी देने वाले Loan Apps की वजह से गई 1 महीने में 3 जान
  • 10/10

इन्‍फॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी (इंटरमिडियरी गाइडलाइंस) रूल्‍स 2011 के अनुसार,  इस तरह के सभी ऐप्‍स पर शिकायत निवारण अधिकारी का नाम और कॉन्‍टेक्‍ट डिटेल सही होना जरूरी है लेकिन लगभग सभी ऐप्‍स में यह डिटेल फर्जी है. इसी रूल्‍स की धारा 3(2) के तहत कस्‍टमर के दोस्‍तों और रिश्‍तेदारों को फोन करना गैरकानूनी है. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

Advertisement
Advertisement